बिहाइंड द कर्टन/उमंग के ट्वीट पर नरोत्तम का पलटवार

  • प्रणव बजाज
उमंग-नरोत्तम

उमंग के ट्वीट पर नरोत्तम का पलटवार
अपने ट्वीट के माध्यम से इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार पर अब सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। बीते रोज ही सिंघार ने पीएम मोदी पर महंगाई और सरकारी उपक्रमों को बेचने को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा था। इस पर मिश्रा ने कहा कि सिंघार का निशाना कहीं और था। रामसेतु पर सवाल उठाने वाले, देवी देवताओं को अपमानित करने वालों को वह राक्षस बताना चाहते थे। राम मंदिर का भव्य निर्माण कराने वालों को उमंग सिंघार राक्षस बोल ही नहीं सकते हैं। उन्होंने तो परोक्ष रूप से अपने दल के राम विरोधियों पर निशाना साधा है। गृह मंत्री ने कहा कि यह सब जानते हैं कि अपनी ही पार्टी में उपेक्षित कर दिए गए उमंग सिंघार के निशाने पर कौन रहता है।

पूर्व ब्यूरोक्रेट को बनाएगी सरकार अपना सलाहकार
प्रदेश में तमाम नौकरशाहों की फौज होने के बाद भी प्रदेश सरकार को एक ऐसे पूर्व नौकरशाह की तलाश बनी हुई है, तो शासन चलाने में उसकी मदद करे। बतौर सलाहकार नियुक्त होने वाले पूर्व नौकरशाह के लिए फिलहाल राज्य सरकार मंत्रालय में कामकाज के मामले में सलाह देने के लिए नियुक्ति की बात कही जा रही है। इसके लिए गाइडलाइन तैयार कर आवेदन मंगाए गए हैं। यह नियुक्ति अनुबंध के आधार पर एक साल के लिए की जाएगी। समझौते के आधार पर इस नियुक्ति को एक साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। यह सलाहकार सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक के मातहत काम करेंगे। इसके लिए जो शर्तें तय की गई हैं, उसके मुताबिक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा जो भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग के सभी नियम, कानून एवं भारतीय सेवा संवर्ग में पारंगत हो और उसे मंत्रालय में काम करने का अनुभव हो। आवेदक की आयु 67 वर्ष से अधिक न हो। सलाहकार को कुल 60 हजार रुपए प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जाएगा।

बोले नाथ- पुराने आरक्षण पर पंचायत चुनाव जनता से धोखा
सूबे के पूर्व मुखिया रह चुके कमलनाथ ने एक बार फिर प्रदेश में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए नए सिरे से आरक्षण कराने की मांग को दोहराया है। उनका कहना है कि यदि चुनाव आज हो रहे हैं तो आज के परिसीमन में, आज की परिस्थिति में, आज के आरक्षण में होने चाहिए। चुनाव को लेकर भाजपा सरकार को किस बात का डर है, सरकार डर के कारण इस तरह से चुनाव करा रही है। यह जनता के साथ धोखा है। इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनावी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसकी वजह से पूर्व में हुए आरक्षण के अनुसार चुनाव कराने को लेकर कांग्रेस हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ रही है। इस मामले में फिलहाल सुनवाई चल रही है। ऐसे में पूर्व सीएम कमलनाथ एक बार फिर से पूर्व आरक्षण के तहत त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करने की अपनी मांग पर अडिग बने हुए हैं।

शराबी वाहन चालकों के खिलाफ  चलेगा अभियान
बढ़ते सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए अब पुलिस का यातायात महकमा प्रदेश में विशेष अभियान चलाने जा रहा है। यह अभियान उन वाहन चालकों के खिलाफ चलाया जाएगा, जो शराब पीकर ड्राइविंग करते हैं। इस दौरान शराब पीकर वाहन चलाने वालों के वाहन जप्त कर लिए जाएंगे। इसके लिए प्रदेशभर में 20 दिसंबर से पांच जनवरी तक यह विशेष चैकिंग अभियान चलाया जाएगा। दरअसल मप्र देश के उन राज्यों में शुमार है जिसमें सड़क हादसे सर्वाधिक होते हैं। इसकी वजह से इस मामले में मप्र देश में दूसरे नंबर पर बना हुआ है। बीते साल प्रदेश में कुल 42396 सड़क हादसे हुए। इनमें शराब पीकर वाहन चलाने से हुए हादसों की संख्या 1223 है। इनमें 262 की मौत हुई। 938 लोग घायल हुए हैं। इस अभियान के दौरान ब्रिथ एनालाइजर का उपयोग पुलिस द्वारा किया जाएगा।

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