![शिव , श्रीमंत व नरोत्तम](https://www.bichhu.com/wp-content/uploads/2021/12/2-26.jpg)
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में तीन माह बाद मार्च में प्रस्तावति
विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत तय करने के लिए अब मप्र के तीन दिग्गज नेता भी सक्रिय होने जा रहे हैं। इन नेताओं को विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी संगठन द्वारा देने की तैयारी की जा रही है। इन नेताओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं। बताया जा रहा है श्रीमंत को पार्टी ने उप्र के 11 जिलों में प्रचार की कमान देने की रणनीति तैयार की है। उनका उपयोग पार्टी बुंदेलखंड इलाके के झांसी और ग्वालियर चंबल अंचल से सटे आगरा क्षेत्र की कई सीटों पर किया जाएगा, तो प्रचार के लिए शिवराज सिंह चौहान को उप्र में बतौर स्टार प्रचारक सभाओं के लिए उतारने की रणनीति बनाई गई है। इसी तरह से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को एमपी की सीमा से लगे हुए जिलों में अहम जिम्मेदारी दी जाने की संभावना है। दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रमुख 11 जिलों की 49 विधानसभा सीटें मध्यप्रदेश की सीमा से लगती हैं। इन सीटों पर मप्र की राजनीति के साथ ही नेताओं का भी प्रभाव रहता है। इन जिलों में आगरा, इटावा, जालौन, झांसी, महोबा, बांदा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, मिर्जापुर तथा सोनभद्र शामिल है। इन जिलों की सीमा मध्य प्रदेश के ग्वालियर- चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र से लगी हुई हैं। यही वजह है कि इन जिलों में भाजपा की चुनावी कमान मप्र भाजपा के दिग्गज नेताओं के हाथों में रहना तय है।
नरोत्तम भी यूपी में रह चुके सक्रिय
यूपी में 2017 के चुनाव में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने कानपुर के अलावा बुंदेलखंड की कई सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी प्रचार का जिम्मा दिया था। मिश्रा को चुनावी रणनीति बनाने में भी माहिर माना जाता है। हाल ही में उन्हें पार्टी ने पश्चिम बंगाल में 34 सीटों पर प्रचार का काम सौंपा था। ऐसे में पार्टी इस बार भी उन्हें यूपी चुनाव में जिम्मेदारी देने जा रही है।
उमा भारती का भी किया जाएगा उपयोग
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उप्र से सांसद और विधायक रह चुकीं हैं। वे जातीय समीकरण के अलावा हिन्दुत्व की लाइन पर भी पूरी तरह से फिट बैठती हैं। यही वजह है कि पार्टी प्रचार में उनका भी उपयोग करने का मन बना चुकी है। दरअसल उमा भारती 2012 में बुंदेलखंड अंचल की चरखारी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। इसी तरह से वे 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी सीट से सांसद निर्वाचित हो चुकी हैं। इसकी वजह से भी उनका उप्र में अच्छा जनाधार माना जाता है।
शिव 19 को करेंगे बलिया से शुरुआत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का उप्र का दौरा 19 दिसंबर को बलिया से शुरू होने जा रहा है। वे वहां पर जनविश्वास यात्रा का शुभारंभ करेंगे। चुनाव से पहले यूपी में छह अलग-अलग स्थानों से यात्राएं शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसका शुभारंभ भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति में होगा। इनमें बिजनौर, मथुरा, झांसी, आंबेडकर नगर व बलिया से 19 दिसंबर को यात्राएं प्रारंभ होंगी और गाजीपुर से 20 दिसंबर को यात्रा शुरू होगी। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन विश्वास यात्रा की शुरूआत करेंगे।
श्रीमंत पहले भी रह चुके हैं उप्र में सक्रिय
श्रीमंत कांग्रेस में रहने के दौरान भी उत्तरप्रदेश में सक्रिय रह चुके हैं। उन्होंने 2017 के विस चुनाव में प्रियंका गांधी के साथ मिलकर प्रचार किया किया था। उन्हें पश्चिमी उप्र की लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसके तहत 38 लोकसभा की सीटें आती थीं। चुनाव को लेकर भाजपा को ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड के बड़े नेताओं पर ज्यादा भरोसा है। यही वजह हे कि प्रदेश के नेताओं को उप्र में चुनावी जिम्मेदारी के लिए चुना गया है। पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रचार के तौर तरीकों का भी यूपी चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है।