![निर्वाचन आयोग](https://www.bichhu.com/wp-content/uploads/2021/12/5-7.jpg)
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग हर मतदाता पर औसतन 35 रुपए खर्च करने जा रहा है। इस हिसाब से देखें तो प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए मौजूदा 2 करोड़ 2 लाख से अधिक मतदाताओं पर आयोग को 70 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसके लिए आयोग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। चुनाव के दौरान आयोग को सर्वाधिक राशि उन छह जिलों में खर्च करनी पड़ेगी , जो न केवल अधिक देहाती हैं , बल्कि उन जिलों को मतदान के लिए अतिसंवेदनशील और संवेदनशील माना गया है। इनमें धार, खरगोन, बालाघाट, सागर, सतना और रीवा जिले शामिल हैं। यह वे जिले हैै, जिनमें सर्वाधिक देहाती इलाके, अतिसंवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्र माने गए हैं। उधर, हर ब्लॉक के जनप्रतिनिधि चुनने में राज्य निर्वाचन आयोग को औसतन 22 लाख रुपए से ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है।
पंचायत की देनी होगी एनओसी
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक उम्मीदवार जिस पंचायत के लिए नामांकन भर रहा है, उस पंचायत से संबंधित कोई शुल्क बकाया नहीं होने का प्रमाण पत्र उसे अनिवार्य रुप से देना होगा। यह निर्वाचन की घोषणा के पूर्व के वित्तीय वर्ष तक का प्रस्तुत करना होगा। ग्राम पंचायत के लिए सचिव, जनपद पंचायत के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। ऐसे उम्मीदवार, जिनके नाम पर कोई बिजली कनेक्शन नहीं है, उनके संबंध में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि हमारा कोई बकाया नहीं है।
अब 18 को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण
प्रदेश की 52 जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण 14 दिसंबर की जगह अब 18 दिसंबर को होगा। इस संबंध में पंचायत राज संचालनालय ने कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सभी वर्गों में महिलाओं के लिए आरक्षण लॉटरी निकाल कर किया जाएगा। आरक्षण की संपूर्ण कार्यवाही भोपाल में जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) कलियासोत डैम के पास की जाएगी। इसके लिए पंचायत विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि आरक्षण की कार्यवाही की सूचना जिला और पंचायत कार्यालयों में चस्पा करें।