संतोषमयी हुई भाजपा, एक-एक वोट और सोशल सेक्टर पर जोर

बीएल संतोष

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। तीन दिवसीय दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की वजह से अब प्रदेश में पूरी भाजपा संतोषमयी होती दिखना शुरू हो गई है। उनका भी पूरा जोर इस दौरान एक – एक वोट के लिए घर-घर दस्तक देने के साथ ही सोशल सेक्टर पर बना हुआ है। दरअसल केन्द्रीय संगठन आने वाले चुनावों में पार्टी के लिए मतदाताओं की 51 फीसदी भागीदारी अपने पक्ष में चाहता है। इसके लिए उनके द्वारा मंडल अध्यक्षों को लक्ष्य दे दिया गया है।  यह बात अलग है कि मैदानी स्तर पर पार्टी के झंडावरदार रहने वाले कार्यकर्ताओं को सरकार होने का अब तक अहसास नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से पार्टी के लिए यह लक्ष्य मुश्किल माना जा रहा है। हालांकि इस मामले में संतोष का कहना है कि यह संभव है और समाज में जागरूकता के जरिए सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे और इस लक्ष्य को हासिल करेंगे। उधर उनके द्वारा इंदौर में प्रबुद्धजनों से संवाद किया। इस संवाद में उनके द्वारा प्रबुद्ध वर्ग के सवालों के जवाब देकर उनकी शंकाओं का भी समाधान किया गया। यह कदम पार्टी को सोशल सेक्टर में पैठ बढ़ाने की शुरूआत के रुप में देखा जा रहा है। भाजपा के केन्द्रीय संगठन द्वारा इन दिनों अपने सबसे मजबूत माने जाने वाले मप्र में पार्टी के मतों में दस फीसदी की वृद्धि के लक्ष्य को लेकर पूरी कवायद की जा रही है। दरअसल मप्र वह प्रदेश है जिसका असर पड़ौसी राज्य उप्र और राजस्थान तक पर पड़ता है। यही वजह है कि इस दौरे के दौरान संतोष उज्जैन जिले के ताजपुर मंडल में आयोजित कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे। इस बैठक में संभाग के सभी मंडल अध्यक्षों को बुलाया गया था। इसमें उनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद सहित तमाम नेता भी शामिल हुए। इसे पार्टी की मॉडल बैठक बताया जा रहा है। इस बैठक में भी पार्टी का खास फोकस वोट शेयर बढ़ाने पर ही रहा। इस दौरान संतोष ने भाजपा को अन्य दलों से अलग राजनीतिक पार्टी बताते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक भूमिका का भी बखूबी निर्वहन करते हैं। कोरोना संकट के दौरान हमारे कार्यकर्ताओं ने इसे साबित भी किया है। उन्होंने कहा कि  हमें समाज में जागरूकता के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाना है। संतोष ने सोशल मीडिया के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपनी बात और योजनाओं  की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग कर ऐसे विचारों को भी साझा करना चाहिए, जिनसे सामाजिक क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए। भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बूथ पर संगठनात्मक गतिविधियों के प्रसार के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाएं और उसमें बूथ के कार्यकर्ताओं को जोड़ें। उन्होंने स्वावलंबी मंडल बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि स्वावलंबी मंडल वह होता है, जहां का कार्यकर्ता संगठन द्वारा दिए गए कार्यों के अलावा भी ऐसे कार्य करें, जिससे कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन आए। सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर हो सके, यह अकेले सरकार की नहीं, कार्यकर्ता की भी जिम्मेदारी है।

इंदौर की सराहना
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि अब हमारे बीच नगद लेनदेन की जगह पेटीएम और गूगल-पे जैसे डिजिटल माध्यम चलन में आ गए हैं। छोटी-छोटी फुटकर दुकानों पर भी हमें डिजिटल लेनदेन देखने को मिलते हैं। यह नया भारत है। उन्होंने इंदौर में प्रबुद्धजनों से संवाद के दौरान शहर की सराहना करते हुए कहा कि बीते सात सालों में इंदौर में भी एक बढ़ा बदलाव देखने को मिला है। इंदौर स्वच्छता में पांचवी बार नंबर एक पर आया है। इंदौर से प्रेरणा लेकर मध्यप्रदेश के दो शहरों भोपाल एवं जबलपुर ने भी टॉप- 10 में अपना स्थान बनाया है। मध्यप्रदेश को देखकर दूसरे प्रदेशों ने भी एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू की है।

इन शंकाओं का किया समाधान
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष इंदौर में प्रबुद्धजनों से करीब दो घंटे तक संवाद के दौरान पार्टी और केंद्र सरकार के कामों को बताने के साथ ही पिछली सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान उनके द्वारा क्रिकेट कमेंट्रेटर सुशील दोषी के देश में डिजिटल क्रांति की वजह से आए भटकाव, समृद्ध देशों की तरह भारत में  सीनियर सिटीजन का इलाज मुफ्त नहीं होने और वृद्धजनों का मेडिक्लेम महंगा होने का सवाल उठाया। इन सवालों की तारीफ करते हुए संतोष ने कहा, डिजिटल भटकाव की रोक के लिए बड़ी योजना बनाई जा रही है। बुजुर्गों की सरकार को चिंता है, उनसे जुड़ी और योजनाएं लाई जा रही हैं।

हम कोई ऋषि-मुनि थोड़े हैं…
संतोष से एक सवाल यह किया गया कि राजनीति में दल-बदल संस्कृति लगातार बढ़ रही है, जो राजनीति नैतिकता की श्रेणी में नहीं आती, आपकी क्या राय है? इस पर बीएल संतोष का कहना था, यदि दूसरी पार्टी के लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं तो यह चिंता उस पार्टी की है जो अपने लोगों को संभाल नहीं पा रही। हम ऋषि-मुनि थोड़े हैं। दूसरी पार्टी को सोचना चाहिए कि उनके लोग वहां संतुष्ट नहीं होकर अन्य पार्टी में जा रहे हैं।

विस्तारकों पर भी जोर
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान हमारे कार्यकर्ताओं ने लोगों की मदद की। राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर प्रशासन का सहयोग करते हुए टीकाकरण अभियान में भी हमने महती भूमिका निभाई है। हमारे कार्यकर्ताओं ने समाज को साथ लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट टीम तैयार की और उसके माध्यम से कोरोना के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ा है। उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक मंडल का स्वावलंबी होना जरूरी है। इस दिशा में हम सबको कार्य करना है। शर्मा ने कहा कि विस्तारक अभियान के दौरान प्रत्येक गांव के केंद्र पर दो कार्यकर्ता विस्तारक के रूप में निकलेंगे।

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