- प्रणव बजाज
अब जयवर्धन ने बताया गोडसे समर्थकों को देशद्रोही
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने नाथूराम गोडसे को लेकर एक बयान दिया है। इस बयान की वजह से वे चर्चा में बने हुए हैं। यह बयान भी उनके द्वारा ग्वालियर चंबल इलाके के मुरैना जिले में दिया गया है। ग्वालियर वह अंचल है जहां पर गोडसे को लेकर अकसर विवाद होते रहते हैं। कभी उनका मंदिर तो कभी उनकी पूजा की वजह से प्रदेश के इस इलाके में गोडसे समर्थकों का प्रभाव माना जाता है। सिंह ने अपने बयान में कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या गोडसे ने की थी। गोडसे को मानने वाले लोग न केवल देशद्रोही हैं, बल्कि वे ही अपराधियों को शरण देने का काम कर रहे हैं। धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। धर्म की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं। यह बात उनके द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान कही गई है। दरअसल सिंह को धीर और गंभीर युवा राजनेता माना जाता है। यही वजह है कि उनका यह बयान को चर्चा में बना हुआ है।
अब टाइगर की मौत पर बिगड़े मंत्री शाह के बोल
सूबे के वन मंत्री उन नेताओं में शामिल हैं, जो कभी भी कहीं भी जो भी मन में आता है बोल देते हैं। उनके बयानों से कई बार सरकार व पार्टी दोनों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी वे बयानों को लेकर सतर्क नहीं हो रहे हैं। अब उनके द्वारा प्रदेश में लगातार हो रही टाइगरों की मौत को लेकर अजीब बयान दिया गया है। उनका इन मौतों पर अजीबो- गरीब तर्क है। उनका कहना है कि जहां जनसंख्या ज्यादा होगी, वहां मौत भी ज्यादा होगी। उनका कहना है कि सामान्यतः: 11-12 साल की उम्र में टाइगर मर जाते हैं। अभी प्रदेश में 526 टाइगर रिकॉर्ड में हैं। हमारे हिसाब से 650 हैं। आप ही बताएं कि 11 साल में टाइगर मर जाता है, तो हर साल कितने टाइगर करना चाहिए। मैं समझता हूं कि 40-45 टाइगर मरना चाहिए, उसमें से 38 टाइगर मर जाते हैं, तो ये आंकड़ा कोई ऐसा नहीं है, जिससे की हम चिंता करें। यही नहीं उनके द्वारा इसके लिए आदमी की मौत का भी उदाहरण दिया गया। इसकी वजह से वे अब कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं।
वापिस होगा बच्चियों से दुष्कर्म पर फांसी संबंधी विधेयक
बारह साल या उससे कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने के प्रावधान वाले शिवराज सरकार के विधेयक को अब सरकार वापिस लेने जा रही है। यह दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक-2017 पारित करके राष्ट्रपति को अनुमति के लिए भेजा था। उसे स्वीकृति मिलती इससे पहले ही केंद्र सरकार ने इस संबंध में केंद्रीय अधिनियम दंड विधि (संशोधन) अधिनियम-2018 में इसको लेकर प्रावधान कर दिए हैं। इसकी वजह से केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार इस संशोधन विधेयक को वापिस लेने का आग्रह किया है। इसकी वजह से अब राज्य सरकार इस विधेयक को वापस लेने जा रही है। विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल द्वारा इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा गया था। केन्द्र सरकार ने इस आशय के प्रावधान केन्द्रीय अधिनियम में कर दिए हैं। इसकी वजह से प्रदेश के संशोधन विधेयक का अब औचित्य नहीं रह जाता है।
नरोत्तम बोले- कांग्रेस ने गरीबी की जगह गरीबों को ही हटाया
कांग्रेस द्वारा गरीबी और बेरोजगारी को लेकर भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा है कि कहा कि आजादी के बाद देश और प्रदेश में सबसे अधिक समय तक कांग्रेस ने ही राज किया है। सारे अच्छे काम को कांग्रेसी अपने द्वारा करना बताते हैं, लेकिन गरीबी और बेरोजगारी के लिए लिए हमें दोषी बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे अधिक हास्यास्पद और कुछ नहीं हो सकता। मिश्रा का कहना है कि अब कांग्रेस की राजनीति बस ट्वीटर तक सीमित हो गई है। कांग्रेस की राजनीति का जनसेवा से कोई संबंध नहीं रहा है। डॉ. मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस वर्षों तक गरीबी हटाओ का नारा देती रही और उसकी जगह गरीबों को हटाने का काम करती रही। आज गरीबी के लिए भाजपा को दोष देने में जुटी है, जबकि सच यह कि इसके लिए कांग्रेस ही इसके लिए दोषी है। सब उसी का किया धरा है।