भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की शिव सरकार का जिन क्षेत्रों पर फोकस है उसमें प्रदेश का औद्योगिक विकास भी शामिल है। यही वजह है कि इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत ग्वालियर-चंबल क्षेत्र इलाके में बनाए जाने वाले केंद्र के अटल प्रोग्रेस वे को केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है, लिहाजा राज्य सरकार भी इस पर तेजी से काम करने की मंशा रख रही है।
इसकी वजह है प्रदेश सरकार की उन उद्योगों पर नजर है जिन्हें दिल्ली के अलावा आगरा इलाके से अन्य जगहों पर शिफ्ट किया जाना है। प्रदेश सरकार उन्हें मप्र लाने के प्रयासों में लगी हुई है। इन उद्योगों को मप्र में स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा इस अटल एक्सप्रेस वे के आसपास जमीन की व्यवस्था करना शुरू कर दिया गया है। यह 404 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे मप्र को उत्तरप्रदेश और राजस्थान से जोड़ेगा, जिसकी वजह से इन राज्यों में आना जाना असान हो जाएगा। सुगम यातायात और बेहतर सुविधाओं की वजह से अब तक प्रदेश को इंडस्ट्री से एक्सप्रेस वे के आसपास राज्य सरकार को दस हजार हेक्टेयर जमीन की मांग मिल चुकी है।
इसी वजह से अब सरकार द्वारा इसके लिए जामीन आरक्षित करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए अटल प्रोग्रेस वे के आसपास कुल डेढ़ दर्जन साइट विकसित करने की तैयारी है। जहां पर जमीन के आरक्षण का काम पूरा हो गया हैं वहां पर अब तार की फेंसिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है। खास बात यह है कि मुख्य सचिव के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों और प्रमुख उद्योगपतियों की पहले दौर की बैठक भी हो चुकी है। इसके साथ ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग के आजू-बाजू रेल और सड़क मार्ग से लगी जमीनों पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की भी तैयारी की जा रही है। इसी तरह से जिन क्षेत्रों में बड़े अलग औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं उनके लिए अलग से भी सड़कें बनाने की तैयारी की जा रही है।
इस वजह से मप्र आशान्वित
दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण में बेतहाशा वृद्धि की वजह से एनजीटी ने कई उद्योगों को वहां से दूसरे स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए है। इसी तरह से आगरा में ताजमहल को उद्योगों से हो रहे नुकसान के चलते वहां से भी बड़ी संख्या में उद्योगों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जाना है। इसके चलते प्रदेश सरकार इन जगहों के उद्योगपतियों से मप्र आने के लिए चर्चा कर चुकी है। इनमें से इंजीनियरिंग, फूड से जुड़ी कई इंडस्ट्री मध्यप्रदेश आने के लिए तैयार है। इन सबको अटल प्रोग्रेस वे पर विकसित भूखंड और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। मप्र सरकार इसके चलते ही ग्वालियर, भिंड, मुरैना और श्योपुर कला में नए औद्योगिक क्षेत्र अटल प्रोग्रेस वे पर और उससे जुड़ने वाले मार्गो पर शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही मालनपुर और बामौर तथा ग्वालियर और भिंड को जोड़ने वाले रोड पर भी औद्योगिक विस्तार करने की तैयारी की जा रही है।
तीन जिलों के डेढ़ सौं गांवों से गुजरेगा
यह एक्सप्रेस वे श्योपुर, मुरैना और भिंड के लगभग 153 गांवों से गुजरेगा। इसके निर्माण के लिए कुल 3055 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। इसके लिए 1523 हेक्टेयर शासकीय भूमि भारतीय राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण को हस्तांतरित की जा चुकी है। अभी इसके लिए 1248 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें से श्योपुर में 509 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें से 30 फीसदी भूमि सहमति से अदला-बदली के माध्यम से ली जाएगी। वहीं, भिंड में 118 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। जिसमें से 50 फीसदी को सहमति से अदला-बदली की जाना है, जबकि मुरैना में 621 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होते ही लोक निर्माण विभाग अगले साल जनवरी में इसके निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित कर सकता है।
सड़क के दोनों तरफ होगी स्मार्ट औद्योगिक सिटी
अटल प्रोग्रेस वे की सड़क के दोनों तरफ स्मार्ट औद्योगिक सिटी बनाई जानी है। इसका विकास निजी निवेशकों की मदद से करने की तैयारी है। इनमें निवेश को आकर्षित करने के लिए हर जरूरी सुविधा होगी। इनमें सर्वसुविधायुक्त होटल, अस्पताल, परिवहन और आवासीय व्यवस्था बनाने तक का प्रस्ताव है। इसके साथ ही आसपास के गांवों को भी स्मार्ट विलेज में बदला जाएगा। इन में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसी तरह से उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने और युवाओं को रोजगार के लिए तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान भी खोले जाएंगे।
15/09/2021
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