संगठन मंत्रियों की कवायद भाजपा के लिए रहा हानिकारक

संगठन मंत्रियों
  • कई नेताओं की विवादास्पद शैली से पार्टी की छवि को हुआ नुकसान …

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। चाल, चेहरा, चरित्र वाली भाजपा के लिए संगठन मंत्रियों का प्रयोग हानिकारक साबित हुआ है। इसलिए मप्र में संभागीय संगठन मंत्रियों के पद को समाप्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ दशक से सत्ता-संगठन के बीच समन्वय के लिए संभागीय संगठन मंत्रियों की तैनाती का प्रयोग किया गया था। लेकिन कई संगठन मंत्रियों की कार्यशैली से जुड़े विवादों के चलते पार्टी के चाल, चेहरा, चरित्र को हानि पहुंची है। संघ और भाजपा का संगठन मंत्रियों का प्रयोग इसलिए था की सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाकर काम किया जाए, ताकि प्रदेश में पार्टी को मजबूत आधार मिले। लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है कि संघ के जिने नेताओं को संभागीय संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया उनमें से अधिकांश सुविधाभोगी हो गए।
    कई संगठन मंत्रियों का विवाद सुर्खियों में
    मप्र में कई संगठन मंत्रियों का विवाद सुर्खियों में रहा है। आरएसएस भी इनके कामकाज से नाखुश था। चित्रकूट बैठक में यह मुद्दा उठ चुका था। इसलिए प्रदेश में तैनात मौजूदा 6 संगठन मंत्रियों की भूमिका बदल गई। इनमें से एक-दो लोगों के सियासी पुनर्वास की कवायद भी चल रही है। प्रदेश संगठन ने विधानसभा चुनाव 2018 के बाद  जिले और विधानसभा स्तर पर तैनात चुनाव सहायक और विस्तारकों की सेवाएं वापस लौटा दी थीं। उसी समय संभागीय संगठन मंत्रियों को भी मुक्त करने का निर्णय हो चुका था लेकिन दायित्व बदलने के नाम पर फैसला अटका रहा। हाल ही में चित्रकूट चिंतन बैठक में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के सामने यह मुद्दा फिर उठा इसके बाद इनकी रवानगी तय  हो गई। बताया जाता है कि संगठन महामंत्री इनको पूरी तरह मुक्त करने के बजाए दायित्व में बदलाव के पक्षधर थे। लेकिन बाकी लोग इसके लिए सहमत नहीं हुए। इसलिए फैसला इतने दिन रुका रहा।
    लगातार प्रयोग से बिगड़ी व्यवस्था
    भाजपा सूत्रों का कहना है कि संगठन में लगातार किए जा रहे प्रयोग से व्यवस्था बिगड़ी है। सत्ता-संगठन के बीच समन्वय के लिए मप्र में संघ प्रचारकों के लिए यह प्रयोग करीब डेढ़ दशक पहले शुरू किया गया था। लेकिन बाद में गैर प्रचारक और गृहस्थ भी इस व्यवस्था से जुड़ते गए। कुछ समय तो व्यवस्थाएं ठीक चलीं इसके बाद कामकाज को लेकर शिकायतें आने लगीं। उज्जैन के संगठन मंत्री रहे प्रदीप जोशी का अश्लील वीडियो तक वायरल हो चुका है उसके बाद तत्काल उन्हें मुक्त किया गया। कामकाज संबंधी और अन्य शिकायतों के चलते चंद्रशेखर झा, संजीव सरकार, चंद्र प्रकाश मिश्रा और कार्यालय मंत्री रहे सत्येंद्र भूषण सिंह की सेवाएं भी वापस लौटाई जा चुकी हैं।
    अब कार्यसमिति सदस्य मनोनीत
    प्रदेश के 10 संभागों में संगठन मंत्री के बतौर शैलेंद्र बरूआ, जितेन्द्र लिटोरिया, आशुतोष तिवारी, श्याम महाजन, जयपाल सिंह चावड़ा एवं केशव सिंह भदौरिया कामकाज देख रहे थे। इन्हें अब प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य मनोनीत किया गया है।

Related Articles