भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले ग्वालियर में हुए क्रेन हादसे में मृत कर्मचारियों के परिजनों को अफसरों की लापरवाही भारी पड़ रही है। यह लापरवाही उनके द्वारा बीमा कराने में की गई है। पुलिस द्वारा इस मामले में अब तक की गई प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि पांच करोड़ की हाइड्रोलिक क्रेन का बीमा तक अफसरों द्वारा नहीं कराया गया था। बीमा न होने की वजह से अब मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है। यह बात अलग है कि इस प्रदेश सरकार द्वारा इस हादसे में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को साढ़े चार-चार लाख की सहायता और आश्रितों को उसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने की पहल की गई है।
इसी तरह से घायल कर्मचारियों का नि:शुल्क इलाज व 50 हजार की आर्थिक मदद दी गई है। शुरूआती जांच में पता चला है कि इस क्रेन का बीमा फरवरी 2021 में समाप्त होने के बाद नए सिरे से बीमा ही नहीं कराया गया है। इसकी वजह से अब उसकी मरम्मत का खर्च भी नगर निगम को ही उठाना होगा। गौरतलब है कि 14 जनवरी को महाराज बाड़े पर राष्ट्रीय ध्वज की डोरी को चढ़ाते समय उपयोग में लाई जा रही क्रेन पलट गई थी, जिससे उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग घायल हो गए थे। इस हादसे की प्रशासनिक जांच सीईओ जिला पंचायत किशोर कान्याल को दी गई थी। उनके द्वारा ही अब मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में अब उनके द्वारा हाइड्रोलिक क्रेन मशीन की खरीदी से संबंधित फाइल जब्त कर ली गई है।
12/09/2021
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