स्वच्छता के मामले में मप्र के ग्रामीण भी सजग

स्वच्छता

-सफाई के लिए सीएम हेल्प लाइन पर कर रहे शिकायतें

-8 माह में 50 हजार गांवों से आई दो लाख बीस हजार शिकायतें

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। स्वच्छता में मप्र के शहरों के साथ ही गांवों में भी जागरूकता बढ़ती जा रही है। इंदौर-भोपाल की तरह ग्रामीण अपनी पंचायत और गांव को स्वच्छ बनाने के अभियान में जुटे हुए हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गांवों में फैलने वाली गंदगी को लेकर स्वच्छता पोर्टल, सीएम हेल्प लाइन और लिखित में जिला पंचायत कार्यालयों में शिकायतें की जा रही हैं।
जानकारी के अनुसार, प्रदेश में आठ माह के अंदर 50 हजार से अधिक गांवों से करीब दो लाख बीस हजार शिकायतें आई हैं। जिसमें सबसे ज्यादा शिकायतें गांवों में साफ सफाई, नज जल योजना का लाभ, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब होने और खरीदी के बाद भुगतान नहीं करने को लेकर की गई हैं। विभाग ने इन शिकायतों में से 80 फीसदी शिकायतों का निराकरण भी कर दिया है।
शिकायतों के मामले में टॉप टेन जिले
जिला शिकायतें
रीवा 10000
सागर 7698
मुरैना 7639
सतना 7326
शिवपुरी 7303
विदिशा 6506
राजगढ़ 6488
छतरपुर 6360
खरगोन 6235
खंडवा 6034
रीवा जिले से सबसे अधिक शिकायतें
प्रदेश के शहरों की तरह गांवों में भी सफाई व्यवस्था पर जोर दिया जाने लगा है। गांवों में सफाई को लेकर सबसे अधिक शिकायतें रीवा जिले से की गई हैं। जिनकी संख्या 10 हजार के आस पास है। दूसरे नम्बर पर सागर और तीसरे नम्बर पर मुरैना जिला है। सफाई के साथ ही सरपंच और सचिव द्वारा काम कराने के नाम पर पैसे मांगने की भी शिकायतें भी आ रही हैं। इस तरह की एक हजार शिकायतें हर माह पोर्टल पर दर्ज कराई जाती हैं। ऐसी शिकायत करने वालों में कैलाश प्रजापति ने छिंदवाड़ा जिले के पंडुर्ना ग्राम चिपनखापा और डिंडोरी जिले के कोकोमटा से मदन सहित करीब 9 हजार लोग शामिल हैं। शिकायतों में यह भी कहा गया है कि कार्यालयीन रख-रखाव, सामग्री खरीदी के बाद अधिकारी भुगतान नहीं करते हैं। इसको लेकर पिछले आठ माह में 15 हजार से अधिक सप्लायरों, कारोबारियों ने शिकायतें की हैं। वहीं निर्माण कार्यों को लेकर भी दस हजार से अधिक शिकायतें की गई हैं।
32 हजार से अधिक शिकायतें साफ सफाई नहीं होने की
देश में अपनी स्वच्छता का लोहा मनवा चुके इंदौर और भोपाल की तरह अब प्रदेश के गांव भी साफ-सफाई पर विशेष जोर दे रहे हैं। दरअसल, पिछले कुछ साल से ग्रामीणों में साफ-सफाई के प्रति जागरुकता बढ़ी है। प्रदेश में दस हजार गांवों से 32 हजार से अधिक शिकायतें साफ सफाई नहीं होने, कचरा नहीं उठाने को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के पास आई हैं। यह शिकायतें स्वच्छता पोर्टल, सीएम हेल्पलाइन और लिखित में जिला पंचायत कार्यालयों में भेजी गई हैं।

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