बिहाइंड द कर्टन/दिग्विजय का ट्वीट फिर चर्चा में

  • प्रणव बजाज
 दिग्विजय सिंह


दिग्विजय का ट्वीट फिर चर्चा में
पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का ट्वीट हो या फिर कोई भी बयान सभी चर्चा में रहते हैं। अब उनके द्वारा किया गया  नया ट्वीट भी जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। इसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि मैं एक हिंदू हूं, मगर मैं खतरे में नहीं हूं। क्योंकि मैं भारत का हिंदू हूं, भाजपा का नहीं। ट्वीट के आखिर में किसी सुमित सेठ का नाम लिखा है। यह ट्वीट कर पूर्व सीएम ने आरएसएस और भाजपा की तरफ से हमेशा दिए जाने वाले वक्तव्य हिंदू खतरे में हैं पर तंज कसा है। इस ट्वीट की वजह से एक बार फिर दिग्विजय सिंह संघ और भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। उन पर निशाना साधते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उनसे सवाल किया कि आपको ये बताने की जरूरत क्यों पड़ रही है कि आप हिंदू हैं, क्योंकि आप पाकिस्तान की परस्ती करते हैं, इसलिए यह कहना पड़ रहा है। मुझे तो ये बताने की जरूरत नहीं पड़ रही, क्योंकि मेरा व्यवहार कहीं भी देश विरोधी, हिंदू विरोधी या हिंदुत्व विरोधी नहीं है। ये बताने की जरूरत उसे पड़ती है, जिसके व्यक्तित्व या कृतित्व में अंतर होता है।

भाजपा कर रही 10 हजार समयदानी कार्यकर्ताओं की तलाश
मध्यप्रदेश में भाजपा ने अब अपने संगठन को मजबूत करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। संगठन को मजबूत करने के प्रयास आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए किए जा रहे है। इस काम का जिम्मा भाजपा के कार्यकर्ताओं के अलावा 10 हजार समयदानी कार्यकर्ताओं को भी दिए जाने की योजना बनाई गई है। दरअसल यह कदम प्रदेश संगठन द्वारा यह सब केन्द्रीय संगठन से मिले निर्देशों के बाद उठाया जा रहा है। हाईकमान के निर्देश पर शुरू की गई इस मुहिम में सारा फोकस अब मंडल स्तर पर किया जा रहा है। इसके लिए अब संगठन द्वारा इस तरह के कार्यकर्ताओं की तलाश की जा रही है। इन 10 हजार समयदानी कार्यकर्ताओं को प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव ने और बूथ स्तर पर भेजने की रणनीति बनाई है। दरअसल लगातार 17 सालों से भाजपा की प्रदेश में सरकार होने के बाद भी कार्यकर्ता पूरी तरह से उपेक्षित बने हुए है, जिसकी वजह से उनके नाराजगी है। इसकी वजह से ही बीते चुनाव में भाजपा को सरकार बनाने से वंचित होना पड़ा था।

आईएएस, आईपीएस की एक और तबादला सूची का इंतजार
राज्य सरकार ने हाल ही में कलेक्टर और एसपी के तबादले जरुर किए हैं , लेकिन इसके बाद भी कुछ अफसर तबादलों से रह गए हैं। इनमें वे अफसर खासतौर पर शामिल हैं , जिन्हें हटाने की मांग मंत्रियों तथा विधायकों द्वारा की गई है। यही वजह है कि अब एक और सूची जारी होने का इंतजार बना हुआ है। इस सूची में भी करीब एक दर्जन कलेक्टर और एसपी के नाम होने की संभावना बनी हुई है। इसके अलावा कुछ एसीएस और प्रमुख सचिवों के प्रभार में भी फेरबदल किया जाना है। केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे आईएएस शैलेंद्र सिंह मंत्रालय में आमद देने के बाद पदस्थापना का इंतजार कर रहे हैं। अभी एपीसी का पद भी रिक्त पड़ा हुआ है, जबकि पीईबी के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार एसीएस एनवीडीए आईपीसी केशरी को माशिमं के अध्यक्ष का प्रभार पीएस स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी और पीएस जीएडी कार्मिक दीप्ति गौड़ मुखर्जी को प्रशासन अकादमी के डीजी की जिम्मेदारी अतिरिक्त रूप से देकर काम चलाया जा रहा है। इसी तरह से एसीएस महिला बाल विकास अशोक शाह को टीआरआई के संचालक का प्रभार दिया गया है उधर, चंबल कमिश्नर का पद भी रिक्त बना हुआ है।

महानगरों में कार खरीदने पर पार्किंग की व्यवस्था होगी जरुरी
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर अब प्रदेश के लिए जल्द ही नई पार्किंग नीति बनाई जा रही है। इसके लिए नगरीय प्रशासन द्वारा पार्किंग नीति का प्रारूप तैयार करने का काम लगभग अंतिम चरण में है। शहरों की जनसंख्या और पार्किंग की वर्तमान स्थिति के हिसाब से प्रारूप तैयार करने का काम किया जा रहा है। फिलहाल यह नई व्यवस्था प्रदेश के महानगरों में लागू की जा रही है, जिसके तहत चार पहिया वाहन खरीदने के लिए पार्किंग की जगह होना जरुरी किया जाएगा। इसके लिए पार्किंग के लिए जगह के प्रमाण पत्र की व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। कई व्यावसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट व क्षेत्रों में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के चलते क्लस्टर पार्किंग पर भी मंथन किया जा रहा है। इसके साथ ही पार्किंग स्थान की कमी को लेकर सार्वजनिक पार्किंग निर्माण के लिए शुल्क भी तय करने पर मंथन जारी है।  इसके अलावा निर्माण संबंधित अनुमतियों के लिए प्रविधानों में संशोधन किए जाने की तैयारी है। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पार्किंग  नीति के लिए गठित समिति ने अन्य प्रदेशों की नीतियों और न्यायालय के आदेशों का अध्ययन किया है। यह नीति वर्तमान आवश्यकता और समस्याओं के मद्देनजर बनाई जा रही है।

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