- प्रणव बजाज
जब लक्ष्मण सिंह को आया गुस्सा
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। पार्टी की बात हो या फिर कोई अन्य विषय वे हर मामले में अपनी बात पूरी दृढ़ता और स्पष्ट रुप से रखते हैं। इसकी वजह से वे चर्चा में भी लगातार बने रहते हैं। इसी तरह के एक बयान को लेकर फिर वे चर्चा में हैं। इस बार चर्चा की वजय बना है उनका वह बयान जो उनके द्वारा गृह जिले के कलेक्टर को लेकर दिया गया है। दरअसल कलेक्टर ने उनकी मंहगाई विरोधी पदयात्रा के लिए लिखित में अनुमति देने से इंकार कर दिया। यह पदयात्रा उनके द्वारा मधुसूदन गढ़ से 15 किलोमीटर तक निकाली जानी थी। इसके लिए सिंह द्वारा अनुमति मांगी गई थी, लेकिन कलेक्टर ने अनुमति देने से इंकार कर दिया। इससे नाराज सिंह ने सभा में कलेक्टर को लेकर तीखा बयान देते हुए कहा कि उनके जैसे कई कलेक्टर आए और चले गए हैं। कई आएंगे और चले जाएंगे। अनुमति न मिलने के बाद भी उनके द्वारा यह यात्रा निकाली गई और उसमें उनके भतीजे जयवर्धन सिंह भी शामिल हुए।
एक और कांग्रेस विधायक पर कसा कानूनी शिकंजा
पहले सबलगढ़ से विधायक बैजनाथ कुशवाहा और उसके बाद बड़गर से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के पारिवारिक सदस्य के बाद एक और सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह व उनके चार अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ पुलिस ने कानूनी श्ािंकजा कस दिया है। अजब सिंह के खिलाफ पुलिस ने एक पुराने मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इस मामले की शिकायत प्रोपर्टी ब्रोकर सीताराम शर्मा ने उनके खिलाफ की थी। यह बात अलग है कि मामला तब दर्ज किया है जब फरियादी को पत्र लिखकर अधिकारियों को विधायक के निवास पर आत्मदाह करने की चेतावनी देनी पड़ी। ब्रोकर की शिकायत के मुताबिक विधायक व उनके रिश्तेदारों ने विक्रमपुर में प्लाट काटे थे। उसने कई प्लाट बिकवाए थे। इन लोगों ने पैसा लेकर रजिस्ट्री तो कर दी, अब जमीन पर कब्जा नहीं दे रहे हैं। विधायक व उनके रिश्तेदार न तो जमीन दे रहे हैं और न ही पैसा वापस लौटा रहे हैं। इस मामले में विधायक अजब सिंह कुशवाह ,सत्येंद्र, प्रमोद, अनिल तोमर व रंजीत के खिलाफ भादवि की धारा 420 व 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
कब्जे से रोका तो बिफरी मंत्री
मध्यप्रदेश में कानून के राज का हवाला देने वाली शिव सरकार के ही मंत्री कानून का सख्ती से पालन करवाने वालों को जब दंडित करने के निर्देश देने लगे तो समझा जा सकता है कि मप्र में किस तरह के कानून का राज चाहा जा रहा है। दरअसल मामला एक वन विभाग के रेंजर से जुड़ा है। उस वन अफसर के मातहत आता है मझगवां वनपरिक्षेत्र। इस वन क्षेत्र में कुछ आदिवासियों द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जा कर खेती की जाने लगी थी। इस पर रेंजर और उनके अमले ने रोक लगा दी और मौके से एक युवक को धर दबोचा। यह जानकारी जब मंत्री मीना सिंह को लगी तो वे विफर पड़ीं। हद तो यह हो गई वे उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए अड़ गई। फिर क्या था उनके द्वारा कलेक्टर से वन अफसर के खिलाफ पहले तो मामला दर्ज करने को कह दिया गया। इसके बाद भी उनकी गुस्सा शांत नहीं हुई तो उन्हें साथ ही निलंबित करने का फरमान भी सुना दिया। इस मामले में तब तो कलेक्टर अजय कटेसरिया ने जैसे तैसे उन्हें मनाया। दरअसल एक सितम्बर को रेंजर पंकज दुबे गश्त पर थे,तभी उन्हें पता चला कि कैलाशपुर बीट में कुछ आदिवासियों ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद मौके से एक को धरदबोचा गया था और उसके पास से हल जब्त करने के बाद उस पर केस दर्ज कर पीओआर काटा गया था।
गोविंद सिंह राजपूत बनवाएगें लव-कुश मंदिर
प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह अब अपने इलाके में भगवान लव-कुश का मंदिर बनवाने जा रहे हैं। यह घोषणा उनके द्वारा जैसीनगर में लव कुश जन्म उत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में की गई है। इसके साथ ही उनके द्वारा मंदिर के लिए तीन लाख रुपए देने की भी घोषणा के साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया कि और जितनी भी राशि मंदिर निर्माण में लगेगी, वह भी दी जाएगी। दरअसल यह इलाका उनके विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां पर बड़ी संख्या में कुशवाहा समाज के लोग रहते हैं। यह समाज भाजपा की पंपरागत वोटर माना जाता है। इस समाज को खुश करने के लिए ही अब उनके द्वारा मंदिर की सौगात देने की घोषणा की गई है। उनका कहना है कि यह समाज मानव सेवा को हमेशा प्राथमिकता देने वाला समाज रहा है। इस दौरान उनके द्वारा कार्यक्रम में शामिल हुईं भजन मंडलियों को प्रोत्साहन के लिए 1101 तथा अखाड़ों के लिए 2101 सम्मान स्वरूप दिए गए।