- प्रणव बजाज
![फर्जी मृत्यु प्रमाण](https://www.bichhu.com/wp-content/uploads/2021/09/8.jpg)
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों की जांच अब ‘विशेष जांच दल’ करेगा
छिं दवाड़ा जिले में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक मृत्यु और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने बीते रोज पुलिस अधीक्षक को फोन लगाकर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन करने और पूरे सिंडिकेट के भंडाफोड़ करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कठोरतम कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मंत्री पटेल ने कहा कि जो भी पीड़ित है उनको पुन: जीवित सत्यापित करें। उनके जॉब कार्ड और राशन के साथ बाकी सुविधाओं को शीघ्र बहाल किया जाए। उन्होंने जहां पूरे प्रकरण पर अब तक हुई प्रगति का जायजा लिया वहीं दोषियों के साथ सख्ती से निपटने के आदेश भी पुलिस अधीक्षक को दिए हैं।
सीएम को गुमराह करते हैं सीनियर अफसर
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे आरबी प्रजापति ने अपने रिटायरमेंट के एक साल बाद ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने दो वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि टॉप ब्यूरोक्रेट्स अपनी खामियों को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री तक को गुमराह कर देते हैं। वीडियो के जरिए उन्होंने उदाहरण भी बताए है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 को विदिशा जिले के ग्यारसपुर में स्थित करीब 12 हेक्टेयर के सरकारी तालाब को तत्कालीन कलेक्टर ने प्राइवेट लोगों के नाम पर पट्टे में दे दिया जबकि 1908 में ग्वालियर स्टेट के गजट में तालाब का उल्लेख है। स्वतंत्रता के बाद और मप्र राज्य बनने के उपरांत भी वर्ष 1979 के विदिशा गजट में भी तालाब को शासकीय संपत्ति के तौर पर दर्ज किया गया है। दूसरा वीडियो प्रजापति का अशोकनगर कलेक्टर रहने के समय का जारी हुआ है। 19 सितंबर 2015 को सीएम ने वीसी के दौरान कलेक्टर व अपर कलेक्टर को हटाने के निर्देश दिए थे। प्रजापति का कहना है कि तत्कालीन प्रमुख सचिव खाद्य ने सीएम के कान भरे थे।
मंत्री प्रद्युम्न के आंगन में सबसे ज्यादा नौकर
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर काम करने वाले नौकरों की संख्या सबसे ज्यादा है। उनके आंगन में 96 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इस मामले में वे सभी मंत्रियों में अव्वल स्थान पर हैं। यह कर्मचारी उनके द्वारा बिजली विभाग की कंपनियों से लिए गए हैं। इनमें से कई कर्मचारी भोपाल स्थित बंगले पर सेवाएं दे रहे हैं जबकि बाकी लोग ग्वालियर स्थित बंगले पर भी सेवाएं दे रहे हैं। बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के अलावा मंत्री को सामान्य प्रशासन विभाग के पूल से भी स्टाफ मिला हुआ है। यही नहीं मंत्री तोमर ने बिजली कंपनियों की खस्ताहाल के बावजूद सरकारी बेड़े में 11 वाहन भी ले रखे हैं। उनके ईधन का खर्चा भी बिजली कंपनियों को उठाना पड़ता है। उन पर आरोप है कि प्रदेश में जहां बिजली कंपनियों की हालत पहले ही खराब है, कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़ रहे हैं और इसी कारण बिजली की दरें भी लगातार बढ़ाई जा रही है। वहीं विभाग के खर्चे कम करने की बजाय वे भारीभरकम अमला रखे हुए हैं।
विधायक वानखेड़े छोड़ेंगे एनएसयूआई अध्यक्ष का पद
दो बार के एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष रह चुके विपिन वानखेड़े अब जल्द ही अपना पद छोड़ेंगे। उन्होंने बीते रोज इंदौर में कहा कि वे अपने पद से जल्द इस्तीफा देंगे। वानखेड़े पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए हैं। वहीं दिल्ली में कई कार्यकर्ताओं के इंटरव्यू लगातार चल रहे हैं। माना जा रहा है जल्द ही राष्ट्रीय नेतृत्व में एक नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। विपिन वानखेड़े ने कहा कि हम युवाओं को नया मौका देना चाहते हैं। जिससे आने वाले 2023 में कांग्रेस मजबूती के साथ प्रदेश में आगे आ सके और प्रदेश के युवाओं को कांग्रेस की विचारधारा से जोड़ा जाए। वानखेड़े के मुताबिक वे कई सालों से एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष हैं। यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी की घोषणा हो चुकी है। साथ ही कई एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को यूथ कांग्रेस में जगह मिल चुकी है।