नवाचार: शिव के मंत्रियों की सीआर लिखेगी टीम वीडी

वीडी

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र देश का पहला राज्य है जहां पर किसी राजनैतिक दल द्वारा नवाचार की शुरुआत की जा रही हो। इसका श्रेय जाता है प्रदेश संगठन के मुखिया वीडी शर्मा को। दरअसल प्रदेश भाजपा में इस नवाचार की शुरुआत संगठन को मजबूत करने के साथ ही सरकार के कामकाज में सुधार के लिए किया जा रहा है। इसके तहत अब मंत्रियों के कामकाज का आंकलन का जिम्मा जिला संगठन को सौंपा गया है। यानि कि मंत्रियों की सीआर लिखने का काम अब जिला संगठन करेगा। दरअसल जिलों में जो भी संगठन है उसे बतौर टीम वीडी ही माना जाता है। इसकी वजह है जिलों में संगठन में पूरी तरह से परिवर्तन वीडी द्वारा प्रदेश की कमान मिलने के बाद किया गया है।
खास बात यह है कि अधिकांश जिलों में उन कार्यकर्ताओं को ही महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं जो या तो उनकी टीम के विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी रहे हैं या फिर उनके समय काम कर चुके हैं। वैसे तो प्रदेश भाजपा की संगठन की कमान वीडी को मिलने के बाद से ही बदलाव की बयार चल रही है। संगठन के इस कदम को भी इस बदलाव के तहत ही देखा जा रहा है। राजनैतिक पंडितों का कहना है कि इस कदम के चलते संगठन मैदानी स्तर पर न केवल मजबूत होगा, बल्कि मंत्रियों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। इसकी वजह से कार्यकर्ताओं के काम भी आसानी से जिले स्तर पर ही हो सकेंगे। संगठन के इस निर्णय से अब मैदानी कार्यकर्ताओं की पूछ परख बढ़ेगी जिसकी वजह से उनकी नाराजगी दूर हो जाएगी। प्रदेश स्तर पर यह निर्णय दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उठाया जाने वाला माना जा रहा है। दरअसल बीते चुनाव में भाजपा को प्रदेश की सत्ता से बाहर होना पड़ा था। इसकी मूल वजह भाजपा कार्यकर्ताओं में सरकार को लेकर असंतोष बड़ा कारण सामने आया था। इसकी जो वजह सामने आयी थी, वह थी कार्यकर्ताओं की अपनी ही सरकार में पूछ परख न होना और सत्ता में भागीदारी न मिलना। दरअसल पार्टी लगातार सत्ता में होने के बाद भी अफसर व सरकार दोनों में ही कार्यकर्ताओं की जमकर उपेक्षा की गई जिसकी वजह से कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती गई और पार्टी को चुनावी नुकसान उठाना पड़ा। यही वजह है कि अब संगठन को मजबूत करने के साथ ही कार्यकर्ताओं की पूछपरख बढ़ाने के लिए अब संगठन ने मंत्रियों को बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को बैठक अनिवार्य रुप से करने को कह दिया है। पार्टी के इस कदम से उनकी पूछपरख बढ़ने के साथ ही उनके कामकाज भी आसानी से हो सकेंगे। दरअसल बीते कई सालों से कार्यकर्ताओं के पास सिर्फ फर्श व दरी बिछाने के अलावा स्वागत सत्कार का ही काम रह गया था। नए कदम की वजह से अपनी रिपोर्ट अच्छी जाए इसके लिए मंत्रियों को न चाहते हुए कार्यकर्ताओं से न केवल मेल मुलाकात करनी होगी, बल्कि उनके कामों को भी तबज्जो देनी होगी।
इसी रिपोर्ट से तय होगा मंत्रियों का भविष्य
पार्टी सूत्रों के अनुसार जिलों से आने वाली मंत्रियों की रिपोर्ट ही उनके भविष्य का आधार बनेगी। इसमें मंत्रियों के दौरे से लेकर उनके पूरे कामकाज के ब्यौरे  का उल्लेख होगा। इसके आधार पर ही भविष्य में संगठन या सरकार में उनकी भूमिका का निर्धारण किया जाएगा। दरअसल अब तक मंत्री मैदानी स्तर पर सिर्फ जिला योजना समितियों की बैठक और जिला स्तर पर ही अफसरों से मेल-मुलाकात कर दौरे की इतिश्री कर लेते हैं। अब पार्टी द्वारा किए जा रहे नए नवाचार की वजह से अब मंत्रियों को जिलों में दौरे के समय मैदानी स्तर पर काम करना होगा।
दोनों दिन साथ में करना होगा प्रवास
संगठन का प्रभाव बढ़ाने के लिए अब सत्ता व संगठन में बेहतर तालमेल और उनका संगठन का संबंधित क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए अब नया प्रयोग भी किया जाना तय किया गया है। इसके तहत अब हर माह जहां दो दिन मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में जाना होगा। वहीं इस दौरे में मंत्रियों को अपने साथ जिलाध्यक्ष और जिले के प्रभारी नेताओं को अपने साथ रखने को कहा गया है। खास बात यह है कि इस दौरे के दौरान जिलों में वे पूर्व की तरह विभागीय कामकाजों की समीक्षा तो करेंगे ही साथ ही उन्हें अनिवार्य रुप से संगठन से जुड़े आयोजनों में भी भाग लेकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करनी होगी।
शिव के युवाओं की टीम रखेगी सरकारी योजनाओं पर नजर
प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं के क्या हाल हैं और उनमें क्या सुधार किया जा सकता है इसके लिए अब शिव सरकार मैदानी स्तर पर एक टीम को उतारने जा रही है। इस टीम द्वारा सरकार का कामकाज के अलावा अफसरों के परफॉर्मेंस को भी परखा जाएगा। यही टीम सभी का डेटा भी तैयार करेगी, जिसके आधार पर अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान द्वारा नई नीतियां तैयार की जाएंगी। इसके तहत सुशासन संस्थान हर जिले में एक रिसर्च स्कॉलर और मुख्यालय में 6 सलाहकार रखने जा रहा है। इसमें 18 से 32 साल आयु तक के चयनित युवा स्कॉलर बनाए जाएंगे जिन्हें 50 हजार रुपए मासिक भुगतान किया जाएगा। इसी तरह से एडवाइजर के रूप में 25 से 40 वर्ष के लोगों को रखा जाएगा, जिन्हें हर माह 60 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसके तहत उन्हें स्मार्ट वर्किंग करना होगा। गौरतलब है कि पूर्व में भी शिव सरकार के समय इसी तरह की यूथ ब्रिगेड तैनात की गई थी , जिसके द्वारा वनाधिकार अधिनियम पर रिसर्च करने के अलावा सरकार की परफॉर्मेंस की रिपोर्ट तो दी ही थी साथ ही विधानसभा चुनाव का फीडबैक भी दिया था। यही टीम आगे जाकर नीति विश्लेषक की भूमिका में होंगे। इनके माध्यम से ही प्रदेशभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, बाल पोषण में सुधार, सार्वजनिक सेवा वितरण की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार आदि पर नीति तैयार की जा सकेगी। इसके अलावा इन युवाओं को ग्राम व जिला स्तर पर योजनाएं लागू कराने, विकास कार्यक्रमों का मूल्यांकन, योजनाओं को लागू कराने की प्रक्रिया में सुधार कराने सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

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