हर साल साढ़े छह लाख लोगों को सरकार बनाएगी साक्षर

 साक्षर

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में निरक्षरता समाप्त करने के लिए अब प्रदेश सरकार अभियान चलाने जा रही है। इस अभियान के तहत हर साल करीब साढे छह लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार द्वारा लगातार पांच सालों तक यह अभियान चलाया जाएगा। इन पांच सालों में कुल 32 लाख 60 से ज्यादा व्यक्तियों को औपचारिक शिक्षा देकर साक्षर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें उन लोगों को शामिल किया जाएगा, जिनकी उम्र 15 साल से अधिक हो चुकी है।
 इस अभियान को प्रदेश की शिव सरकार नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के नाम से चलाएगी। साक्षर करने का काम सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान और शिक्षा विभाग में काम कर रहे अमले के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों, स्व सहायता समूह, नेहरू युवा केंद्र, जन अभियान परिषद, आजीविका मिशन के समूहों के साथ विद्यार्थियों की मदद से किया जाएगा। इन्हें अक्षर साथी का नाम दिया जाएगा। इस योजना की स्वीकृति के तैयार किए गए प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 की जनगणना में प्रदेश में असाक्षरों को संख्या एक करोड़ 74 लाख 24 हजार 138 पायी गई थी। केन्द्र द्वारा इन्हें साक्षर करने के लिए अभियान चलाने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है। इसके लिए हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा इस वित्त वर्ष के लिए सात करोड़ 41 लाख रुपये भी स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत पांच साल में 32 लाख 60 को साक्षर करने और शेष रहे असाक्षरों को नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक साक्षर करने की योजना है।
नौकरी की मांग नहीं करने का देना होगा शपथ पत्र  
खास बात यह है कि इस योजना में काम करने वाले लोगों को किसी भी तरह का कोई पारिश्रमिक या मानदेय नहीं दिया जाएगा। अक्षर साथी बनने वाले से विभाग एक शपथ पत्र भी लेगा जिसमें उन्हें लिखकर देना होगा कि वे भविष्य में इस काम के एवज में न तो शासकीय नौकरी की मांग करेंगे और न ही किसी प्रकार की सुविधा मांगेंगे। योजना के तहत अक्षर साथियों को सिर्फ शिक्षण सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम के संचालन के लिए पोर्टल पर काम करने के लिए ही सिर्फ 322 डाटा एंट्री ऑपरेटर आउटसोर्स के माध्यम से रखे जाएंगे।

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