![शराब](https://www.bichhu.com/wp-content/uploads/2021/08/2-12.jpg)
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में कोरोना के समय शराब दुकानों के बंद होने और उसके बाद उसके महंगे दामों की वजह से आई बिक्री में गिरावट से सरकार की आय में कमी आई है, लेकिन सरकार के इस घाटे की भरपाई पेट्रोल -डीजल से मिलने वाले कर ने दी है। अगर बीते तीन सालों की सरकार को पेट्रोल -डीजल से होने वाली आय को देखें तो यह आया 31 हजार करोड़ से अधिक की रही है। अगर सरकार इस पर करों में कटौती कर देती तो यह आय करीब 40 हजार करोड़ तक पहुंच जाती। दरअसल मप्र देश का वह राज्य है, जहां पर पेट्रोल और डीजल पर सर्वाधिक कर की वसूली की जाती है इसकी वजह से प्रदेश से सटे दूसरे राज्यों में मप्र की तुलना में कम दामों पर पेट्रोल-डीजल मिलता है जिसकी वजह से अधिकांश व्यवसायिक वाहनों में पड़ौसी राज्यों से ही पेट्रोल -डीजल भरवाया जाता है। उप्र में तो मप्र की तुलना में दस रुपए कम भाव है। इसकी वजह से प्रदेश के पड़ौसी जिलों में उप्र के पेट्रोल -डीजल का ही उपयोग किया जाता है। अकेले उप्र से ही प्रदेश के नौ जिलों की सीमाएं लगती हैं। दरअसल इस बार लागू किए गए लॉकडाउन में जरूरी सामानों के अलावा अन्य तरह की व्यवस्थाओं की वजह से वाहनों का आवागमन जारी रहा। जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल की बिक्री होती रही। इसके उलट इस दौरान शराब की दुकानें बंद रहने से उनसे होने वाली सरकार की आय पूरी तरह से बंद रही। यही नहीं शराब के दाम अधिक होने की वजह से भी लोगों द्वारा उसकी खरीदी कम कर दी गई है। यही नहीं लोगों द्वारा सस्ती मिलने वाली अवैध शराब की ओर भी रुझान बढ़ा है। इस मामले में सुरेश धाकड़ का कहना है कि वे हर दिन फंदा से दूध लेकर लोगों के घरों में तक पहुंचाते हैं। इसके लिए बाइक में पेट्रोल डलवाना उनकी जरूरत है। इनकी बातों से सरकार के वे आंकड़े सही लगते हैं जिसमें बताया गया है कि कोरोना काल में पेट्रोल और डीजल की आय में बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है। इसके उलट शराब की दुकानें कई माह तक बंद रहने और लगातार कीमतों में वृद्धि की वजह से बीते सालों की तुलना में सरकार की होने वाली कमाई में 36 फीसदी तक की कमी आयी है। प्रदेश में वैट अधिक होने से सरकार को इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन माह और कोरोना काल के तीन माह (अप्रैल से जून) छोड़कर पूरे समय पेट्रोल और डीजल में खासी कमाई हो रही है। इसके लिए सबसे बड़ा जरिया वैट ही बना हुआ है।
पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही लगातार वृद्धि
हालत यह है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके बाद भी उसकी मांग में तेजी बनी हुई है। इस वजह से प्रदेश में लागू वैट की वजह से सरकार की आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार को वर्ष 2018-19 में 3,779.06 करोड़ की अपेक्षा वर्ष 2020-21 में 5,217.79 करोड़ की आय हुई जबकि डीजल में 5,256.89 करोड़ के एवज में 6,690.50 करोड़ राजस्व मिला। इस तरह तीन साल में पेट्रोल और डीजल में वेट के कारण औसतन 2,872 करोड़ अधिक आय हुई।
आबकारी की आय में आई कमी
भले ही सरकार को शराब पर वैट लगाने से राजस्व अधिक मिल रहा है, लेकिन इसकी बिक्री में कमी दर्ज हो रही है। इसकी वजह से उससे मिलने वाले राजस्व में गिरावट आ रही है। अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक 19-20 की तुलना में 20-21 में आबकारी आय में 11.62 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह से 18-19 की तुलना में 27 प्रतिशत और 19-20 के एवज में 36.56 प्रतिशत आय कम हुई है। जानकारों का कहना है कि इसका एक बड़ा कारण कोरोना काल में लॉकडाउन और दूसरा शराब के दाम अधिक होना हैं।
किस पर कितना वैट
– पेट्रोल 33 फीसदी वैट, 4.50 प्रति लीटर अतिरिक्त कर और टर्नओवर पर 1 फीसदी सैस।
– डीजल 23 फीसदी वैट, 3 रुपए अतिरिक्त कर और टर्नओवर पर 1 फीसदी सैस।
-शराब निर्माता और आयातक से 10 फीसदी व बार से 18 फीसदी वैट।