नाथ दिखे आक्रामक रूप में, दी भाजपाई बन चुके अफसरों को चेतावनी

कमलनाथ

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपनी सरकार गंवाने के बाद पहली बार प्रदेश की नौकरशाही और अफसरशाही पर आक्रामक रूप में दिखाई दिए। इस दौरान उनके द्वारा जिस तरह से चेतावनी दी गई है उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल वे कांग्रेस नेता नूरी खान की उज्जैन से आई यात्रा के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके द्वारा प्रदेश के सरकारी अमले को जमकर आड़े हाथों लिया गया। उनका साफ कहना है कि दो साल बाद प्रदेश से जब भाजपा की शिव सरकार की विदाई होगी और कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी, तब उन अफसरों व सरकारी कर्मचारियों का क्या होगा वे अभी से समझ लें। उनका कहना है कि इनमें वे अफसर भी मुगालते में न रहें जो सोचते हैं कि वे इस दौरान सेवानिवृत्त हो जाएंगे फिर सरकार क्या बिगाड़ लेगी। उनका कहना है कि रिटायर हो जाओगे तब भी फाइलें खुल सकती हैं। उल्लेखनीय है कि इसका उदाहरण कांग्रेस सरकार के समय मुख्य सचिव एसआर मोहंती हैं। उनके खिलाफ सरकार बदलने के बाद भाजपा ने सत्ता में आते ही दशकों पुराने एक मामले में जांच शुरू करवा दी है। कहा जा रहा है कि नाथ मौजूदा अफसरशाही से बेहद परेशान हैं।
इसकी वजह है उनके करीबी रहे पूर्व अफसरों पर एक के बाद एक शिकंजा कसा जाना। इनमें कांग्रेस सरकार के समय मुख्य सचिव रहे दो अफसर मोहंती और गोपाल रेड्डी भी शामिल हैं।
इनमें से गोपाल रेड्डी पर तो गिरफ्तारी तक की तलवार लटकी हुई है। उन्होंने सरकारी अमले को चेतावनी देते हुए कहा है कि जो लोग सोचते हैं कि सरकार के करीबी बनकर वे अपने शेष दो साल काट लेंगे तो वे समझ लें कि अगर वे निष्पक्ष होकर काम नहीं करेंगे तो भी सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी फाईल खुल जाएगी। उन्होंने सरकारी अमले को चेतावनी देते हुए कहा कि आप बीजेपी का बिल्ला जिस जेब में रखते हैं, वो ध्यान रखना, वो हमें भी मालूम है। उन्होंने पुलिस विभाग की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि आप अपनी वर्दी की इज्जत करें। किसी व्यक्ति, पार्टी की इज्जत भले ही नहीं करें, लेकिन अपनी वर्दी की इज्जत जरूर करें। मैंने कभी किसी पर दबाव नहीं बनाया कि इसे बंद कर दो, गिरफ्तार कर लो। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की हितैषी सरकार नहीं है। जितनी आत्महत्या अफ्रीका के किसानों ने नहीं की उससे अधिक किसानों ने आत्महत्या मोदी सरकार के राज में की है। नाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में महिला अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश नंबर वन है। हर दिन जनजातियों पर अत्याचार हो रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा ठप है। डॉक्टर नहीं, डॉक्टर हैं तो दवा नहीं। स्कूल है तो शिक्षक नहीं। शिक्षक भी हैं तो वो अनुपस्थित रहता है।
निवेश से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
कमलनाथ ने कहा कि हमारी कोशिश रही है कि ज्यादा से ज्यादा निवेश प्रदेश में लाएं। आज हजारों युवा बेरोजगार बैठे हैं, कहीं मंदिर या मस्जिद से रोजगार नहीं मिलेगा। जब निवेश आएगा, आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी तो रोजगार के अवसर भी अधिक मिलेंगे। इस दौरान उनके द्वारा भाजपा पर भी निशाना साधा गया। उनका कहना है कि भाजपा के लोग एक भी स्वतंत्रता सेनानी का नाम बता दें, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में कुर्बानी दी थी।
किसानपुत्र हैं तो शिवराज बताएं कर्जमाफी क्यों की बंद
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था 70 फीसदी कृषि से चलती है। हमने शुरुआत की थी कर्जा माफ करने की। शिवराज जी कहते रहे कि कोई कर्जा माफ नहीं हुआ। अब खुद की सरकार ने पेश किया कि 27 लाख लोगों का कर्जा माफ पहली किस्त में किया। उनका कहना है कि वे अगर किसान पुत्र हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि आखिर उनके द्वारा किसानों की कर्ज माफी क्यों रोकी गई है।
शिवराज को दी एक्टिंग की सलाह
कमलनाथ ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ एक्टिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज जी मुंबई जाइए एक्टिंग कीजिए, आप मध्य प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उनके द्वारा मप्र की सरकार को सौदेबाजी वाली बताते हुए आरोप लगाया गया है कि मैं मध्य प्रदेश की सरकार सौदेबाजी से नहीं बनाना चाहता था। सौदा मैं भी कर सकता था।
कोरोना से मौत के लिए मोदी जिम्मेदार
कमलनाथ ने इस दौरान कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों के लिए केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली लहर के समय 27 मार्च को कहा था कि कोविड के लिए वे 20 लाख करोड़ रुपए दे रहे हैं, लेकिन बाद में वे इससे मुकर गए। अगर यह राशि दी गई होती तो इतनी मौतें नहीं होती। उनके द्वारा इसी तरह से सरकारी उपक्रमों के घाटे को लेकर भी केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा गया।

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