भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के कई जिलों में इस समय सूखे की स्थिति बन रही है। करीब दर्जन भर से अधिक जिलों में बारिश नहीं होने के कारण फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर चंबल इलाके के कुछ जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिससे न केवल आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है बल्कि जिला और गांव की भौतिक संरचना भी खराब हो चुकी है। पुल पुलियाओं और मार्गों के ध्वस्त हो जाने से आवागमन प्रभावित हुआ है। यानी कि राज्य सरकार के सामने दोहरी चुनौती है, एक तरफ सूखा से परेशानी का सामना और दूसरी तरफ अति वर्षा के कारण हुए नुकसान से निपटना। हालांकि सरकार लगातार प्रयासों में लगी है। किसान संगठनों की मानें तो यदि बारिश के रूठने से हालात ऐसे ही बनी रहे तो फसलें खराब होने का खतरा बढ़ जाएगा। किसानों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बिल्कुल भी बारिश नहीं हो रही है। इसके कारण चिंता बढ़ गई है। बता दें कि मालवा और निमाड़ पहले से ही सूखे की चपेट में थे। अब बुंदेलखंड और जबलपुर के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। भोपाल के साथ ही ग्वालियर, सागर व मुरैना जैसे बड़े शहरों में कम बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।
श्योपुर में हुआ नुकसान सबसे ज्यादा
विगत दिनों भारी वर्षा के कारण श्योपुर जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। राज्य सरकार द्वारा मैदानी अमले से बुलाई रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है। अब तक बाढ़ पीड़ितों को साढ़े छह करोड़ रुपए बांटे जा चुके हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित श्योपुर जिले में अब तक साढ़े छह हजार परिवारों को सवा तीन करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बिजली की स्थापना, खाद्य सामग्री की आपूर्ति, अधोसंरचना को फिर से स्थापित करने के साथ ही नुकसान हुई फसलों का भी आकलन किया जा रहा है। जहां पर लोगों के घर गिर गए है, वहां सर्वे का काम चल रहा है। सरकार द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ प्रभावितों को राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
कम बारिश ने बिगाड़े हालात
मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर दस दिन में इन इलाकों में बारिश नहीं हुई तो लोगों को सूखे की मार से सामना करना पड़ेगा। वहीं गुना, शिवपुरी, सिंगरौली व अशोकनगर जिलों में सामान्य से अधिक बारिश ने किसानों को मुश्किल खड़ी कर दी है। उल्लेखनीय है कि इस साल देश में मानसून समय से पहले ही दस्तक दे दी थी। 27 जून से पहले ही मानसून की बारिश शुरू हो गई थी। झमाझम बारिश के कारण मध्यप्रदेश में भी अच्छी बारिश हुई थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कम बारिश होने से हालात बिगड़ने लगे हैं। लगभग 24 दिन से ज्यादा दिन तक बारिश नहीं होने से प्रदेश के कई इलाके सूखे की चपेट में आ गए हैं। वहीं ग्वालियर चंबल में ज्यादा पानी गिरने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश की औसत से ज्यादा बारिश वाले जिले सूखे की चपेट में है। ग्वालियर, चंबल संभाग को छोड़ दिया जाए तो अन्य क्षेत्रों में बारिश की जरूरत बनी हुई है। खासतौर पर इंदौर, जबलपुर सहित दर्जनभर से अधिक जिलों में सामान्य से बीस से चालीस फीसदी कम बारिश हुई है।
27/08/2021
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