मोर्चों में संतुलित चेहरे लाकर वीडी ने किया सभी को संतुष्ट

वीडी शर्मा

…और अब निगम मंडल की तैयारी
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र भाजपा की कमान मिलने के बाद से ही वीडी शर्मा को लगातार कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि उन्हें पूर्व में प्रदेशाध्यक्ष रह चुके नेताओं की तुलना में न केवल अधिक मेहनत करनी पड़ रही है, बल्कि सामंजस्य बनाने की भी बड़ी कवायद करनी पड़ रही है। अपनी इस कवायद में अब तक सफल भी रहे हैं। हाल ही में उनके द्वारा घोषित की गई मोर्चा प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की सूची इसका बड़ा उदाहरण हैं।
इनमें संतुलित चेहरे लाकर उनके द्वारा पार्टी के सभी बड़े चेहरों को संतुष्ट किया गया है। हालांकि उनके सामने अब भी युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के अलावा उनकी द्वारा अब जिलों व निगम मंडलों को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। दरअसल इस बार
प्रदेशाध्यक्ष के नाते उन्हें संघ, संगठन, सत्ता और श्रीमंत के साथ समंजस्य बिठाना पड़ रहा है। हाल ही में घोषित की गई आधा दर्जन मोर्चों की टीमों की घोषणा की गई है। इनमें किसान मोर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के विधायक भतीजे को उपाध्यक्ष बनाकर उन्हें खुश करने का प्रयास किया गया है तो वहीं श्रीमंत खेमें के शाहबरआलम को अल्पसंख्यक मोर्चा में जगह देकर संतुष्ट करने का काम किया गया है।
हालांकि अभी उनके सामने युवा मोर्चा के अलावा करीब दो दर्जन जिलों के अध्यक्षों की नियुक्तिओं की चुनौती बनी हुई है। अब शर्मा द्वारा युवा मोर्चा की टीम गठित करने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए उनके द्वारा सलाह मशविरा का काम भी शुरू कर दिया गया है। दरअसल इस टीम के गठन में सबसे बड़ी दिक्कत श्रीमंत समर्थकों को लेकर बनी हुई है। इसके अलावा अभी भी प्रदेश के दो दर्जन जिले ऐसे हैं जहां पर अध्यक्षों का इंतजार बना हुआ है। भाजपा द्वारा अपने सात में से छह किसान, पिछड़ा वर्ग और अल्प संख्यक, अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा की टीमें घोषित की जा चुकी हैं।
अब केवल युवा मोर्चा ही बचा है, जिसकी घोषणा का कार्यकर्ताओं द्वारा बड़ी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि युवा मोर्चा की टीम में अधिकांश उन चेहरों को मौका देने का प्रयास किया जा रहा है जो एबीवीपी में सक्रिय रह चुके हैं। हालांकि इस टीम में पार्टी के सभी प्रदेश के बड़े चेहरे और श्रीमंत अपने समर्थकों को मौका दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। इसकी वजह से ही नई टीम का गठन अटका हुआ है। हालांकि कहा जा रहा है कि युवा मोर्चा की नई टीम का गठन भी जल्द ही हो जाएगा।
मोर्चा-प्रकोष्ठ से भी होगी चर्चा
प्रदेश भाजपा ने हाल ही में अपने विभिन्न मोर्चों की टीम घोषित की है तो 17 प्रकोष्ठों के संयोजक भी बनाए हैं। माना जा रहा है कि अपने दो दिनी दौरों में दोनों प्रभारी मोर्चों की टीम से चर्चा कर सभी जिलों में तेजी से संगठन का गठन करने पर जोर दिया जा सकता है। ताकि सभी क्षेत्रों में पार्टी कार्यक्रमों को निचले स्तर तक ले जाया जा सके।
शिव-मुरली के दौरे पर सभी की नजर
भाजपा के प्रदेश संगठन प्रभारी शिव प्रकाश एवं प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव दो दिन के भोपाल प्रवास पर 27 अगस्त को आ रहे हैं। उनके इस दौरे पर निगम मंडलों में नियुक्ति की आस लगाए नेताओं की नजर बनी हुई है। माना जा रहा है कि इस दौरान उनकी प्रदेशाध्यक्ष व मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा होनी है। प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही कुछ नेताओं द्वारा सत्ता में भागीदारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें वे पूर्व विधायक भी शामिल हैं जो श्रीमंत के साथ भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन उसके बाद हुए उपचुनाव में पराजित हो चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में दीनदयाल अंत्योदय समितियों के गठन पर भी फैसला होने की उम्मीद जताई जा रही है। माना जा रहा  है कि इस दौरान सभी समीकरणों पर सामंजस्य बैठाकर अड़चनें दूर करने का भी काम किया जा सकता है। यह नेता ऐसे समय आ रहे हैं जब प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियों का दौर चल रहा है। जिसकी वजह से यह तो पहले से ही तय है कि वे दो दिनों में सत्ता और संगठन के साथ बैठकें कर पार्टी व सरकार के कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा उनके द्वारा उपचुनावों की तैयारियों को लेकर भी कैफियत ली जाएगी। वहीं सरकार से जुड़े लंबित कार्यों को लेकर भी मंथन किया जाएगा। खास बात यह है कि उनके दौरे के दौरान की जाने वाली समीक्षा के लिए सभी प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है।
पंकज , घाड़गे के बाद शाहबर को मिला मौका  
श्रीमंत समर्थक नेताओं को एडजस्ट के क्रम में अब पंकज चतुर्वेदी, कृष्णा घाड़गे के बाद शाहबर आलम को पदाधिकारी बनने का मौका दिया गया है। यह तीनों ही नेता कांग्रेस में रहने के बाद श्रीमंत के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। हाल ही में घोषित की गई प्रदेश अल्प संख्यक मोर्चा की टीम में श्रीमंत समर्थक शाहवर आलम को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। वे कांग्रेस में रहने के दौरान प्रदेश प्रवक्ता व महामंत्री रह चुके हैं। इसके पहले पंकज चतुर्वेदी को पार्टी का प्रवक्ता और कृष्णा घाड़गे को प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाया जा चुका है।
प्रकोष्ठों के संयोजक भी नियुक्त
अल्पसंख्यक, किसान और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के साथ ही प्रदेश भाजपा ने अपने सभी सत्रह प्रकोष्ठों के संयोजक भी नियुक्त कर दिए हैं। इनमें भोपाल के विकास बोंद्रिया को व्यावसायिक प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी सौंपी गई है तो डॉ. अभिजीत देशमुख को चिकित्सा प्रकोष्ठ का संयोजक बनाया गया है। वहीं खेल प्रकोष्ठ की कमान भी भोपाल के ही श्रवण मिश्रा को मिली है। इंदौर के मनोज द्विवेदी को विधि प्रकोष्ठ, योगेश मेहता को आर्थिक प्रकोष्ठ व प्रदीप नायर को सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का संयोजक बाया गया है। बुद्धिजीवी और बुनकर प्रकोष्ठ के संयोजक सागर के अनुराग प्यासी व नारायण कबीर पंथी बनाए गए हैं। व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक जबलपुर शरद अग्रवाल, सहकारिता प्रकोष्ठ मदन राठौर मंदसौर, मछुआरा प्रकोष्ठ बाबूलाल चौहान मंदसौर, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ ब्रिगेडियर एपी सिंह पन्ना, शिक्षक प्रकोष्ठ डा. नीतेश शर्मा ग्वालियर, अंत्योदय प्रकोष्ठ रामेश्वर दुबे उज्जैन, झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ अखिलेश खंडेलवाल होशंगाबाद, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ नरेंद्र सिंह बैस देवास तथा स्वयं सेवी संस्थाएं प्रकोष्ठ के संयोजक विदिशा के राम रघुवंशी बनाए गए हैं।

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