
- प्रणव बजाज
वैभव पवार की शादी में कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार की शादी में जहां मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और प्रदेश के संगठन महामंत्री सुहास भगत जैसे वीआईपी भी पहुंचे थे लेकिन इस समारोह में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई। लगातार लोगों का आना-जाना लगा रहा। स्थिति तब और बिगड़ जाती जब किसी वीआईपी का आगमन होता। बालाघाट के कोसमी में संपन्न हुए इस शादी समारोह में जो भी वीआईपी पहुंचता उसके साथ करीब सौ लोगों की भीड़ एक साथ इकट्ठा हो जाती। ज्यादातर लोग बगैर मास्क के नजर आए। सूत्रों की माने तो समारोह में ऐसा लग रहा था जैसे प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कोई खतरा बचा ही नहीं। जबकि प्रदेश में आमजन के लिए अभी शादी विवाह के लिए वर-वधू पक्ष के सिर्फ 25-25 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी जा रही है। ऐसे में कुल 50 लोगों के साथ ही शादी विवाह संपन्न कराए जा रहे हैं। वहीं इस वीआईपी शादी में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।
क्या पृथ्वीपुर सीट जिता पाएंगे प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव !
जबलपुर के साथ ही निवाड़ी जिले के प्रभारी मंत्री बनाए गए पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के कौशल की बड़ी परीक्षा होने वाली है। दरअसल कुछ ही समय में निवाड़ी जिले के अंतर्गत आने वाली पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। प्रभारी मंत्री होने के नाते उनकी यह जिम्मेदारी होगी कि यह सीट भाजपा की झोली में आए। यह सीट पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के विधायक रहे बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से खाली हुई है। बता दें कि राठौर परिवार का यहां अच्छा खासा प्रभाव है। दूसरी बात ये कि कांग्रेस को यहां सहानुभूति का भी लाभ मिल सकता है। हालांकि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव भी भाजपा के कद्दावर नेता हैं लेकिन उनकी चुनौती इसलिए भी बड़ी दिख रही है क्योंकि हाल ही में उन्हें नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ दमोह उपचुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी और यह चुनाव भाजपा हार गई। इससे सत्ता और संगठन की किरकिरी भी हुई। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या गोपाल भार्गव का पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर जीत का जादू चलेगा या नहीं।
क्यों प्रदेश छोड़ने को बेचैन हैं मप्र कैडर के तीन आईएएस
मप्र कैडर के तीन आईएएस डॉ जे विजय कुमार, बी विजय दत्ता और लोकेश कुमार जांगिड़ ने प्रदेश से बाहर सेवाएं देने जाने की तैयारी की है। इन तीनों ही अफसरों ने डीओपीटी में आवेदन देकर अन्य राज्यों में डेप्यूटेशन पर जाने की अनुमति मांगी है। इनमें तमिलनाडु के मूल निवासी वर्ष 2011 के आईएएस वर्तमान में डायरेक्टर हेल्थ डॉ जे विजय कुमार भारत सरकार में सेवाएं देने दिल्ली जाना चाहते हैं। वहीं 2011 बैच के ही आईएएस बी विजय दत्ता तेलंगाना में सेवाएं देने एक साल पहले ही डीओपीटी में आवेदन कर चुके हैं। वे फिलहाल मप्र विमानन विभाग में डायरेक्टर हैं। इसी तरह मध्यप्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाकर सुर्खियों में आए वर्ष 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ मप्र से बाहर महाराष्ट्र में तीन साल के लिए डेप्यूटेशन पर अपनी सेवाएं देना चाहते हैं। उन्होंने अपनी पारिवारिक समस्या का हवाला देकर केंद्र से डेप्यूटेशन पर जाने के लिए आवेदन किया है।
प्रेरक व्यक्तित्व और कुशल लेखक हैं आईएएस तरुण पिथौड़े
वर्तमान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण के संचालक पद पर पदस्थ तरुण कुमार पिथौड़े वर्ष 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऐसे अफसर हैं जो अपनी कार्यशैली और लेखनी की वजह से जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश मूल के पिथौड़े ने मैनिट से इंजीनियरिंग की शिक्षा ली है। वे छात्र जीवन से ही प्रतिभावान रहे हैं। खास बात है कि उनकी इंजीनियरिंग के साथ ही हिंदी भाषा पर भी मजबूत पकड़ है। सोशल मीडिया पर भी खासे से एक्टिव रहते हैं। उनके ट्विटर हैंडल पर हमेशा ऐसी बातें लिखी होती है, जो दूसरों को प्रेरणा देती है। भोपाल और बैतूल जिलों में लंबे समय तक कलेक्टर रहे पिथौड़े सिर्फ प्रेरक व्यक्तित्व ही नहीं बल्कि कुशल लेखक भी हैं। उनकी पुस्तकें ‘आई एम पॉसिबल’, ‘ह्यूमन बिहेवियर’ व ‘असंभव से संभव’ काफी लोकप्रिय हुई हैं।