
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। खासतौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बनी वे योजनाएं शामिल हैं जो महिलाओं, मजदूरों, किसानों और युवाओं के हितों को ध्यान में रखकर उनके स्वाबलंबन और उत्थान के लिए बनाई गई हैं। किसानों को कृषि को और उससे जुड़े व्यवसाय के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बनाई गई योजना प्रदेश में लागू है।
इसी तरह की एक और योजना उद्यानिकी विभाग ने बनाई है। वह है मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना। इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत खेतों में लगी उद्यानिकी फसलों की मवेशियों और जंगली जानवरों से सुरक्षा हो सकेगी। दरअसल गाय, भैंस और वन्य प्राणी से फसल बचाने के लिए राज्य सरकार खेतों में तार फेंसिंग कराएगी। उद्यानिकी विभाग ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना का पूरा मसौदा तैयार कर लिया है। सीएम चौहान द्वारा इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है। सीएम की स्वीकृति के बाद इसे शुरू किया जाएगा।
जल्द मिलेगी सीएम की हरी झंडी
मुख्यमंत्री क्षेत्र सुरक्षा योजना उद्यानिकी विभाग द्वारा तैयार की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के करीब बीस मॉडल विकासखंडों में इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया जाना है। खास बात है कि इस योजना के तहत बारहमासी यानी साल के सभी बढ़ महीनों में उगाई जाने वाली फसल लेने वाले किसानों को विभाग तार फेंसिंग के लिए अनुदान देगा। यह देश में पहला प्रयोग है। बता दें कि प्रदेश में फिलहाल बाईस लाख हेक्टेयर भूमि पर करीब पांच लाख किसानों द्वारा उद्यानिकी फसलों की बोवनी की जाती है लेकिन इसमें उन्हें बहुत ज्यादा कमाई नहीं होती। इसका मुख्य कारण है कि उनकी बोई हुई फसल को या तो गाय, भैंस, बकरी खा जाते हैं या फिर जंगली जानवर जैसे, हिरण, सांभर, बारहसिंगा और जंगली सुअर तहस नहस कर जाते हैं। वहीं इन जानवरों से फसल को बचाने में किसान व किसान का पूरा परिवार संघर्ष करता रहता है। ऐसे में किसान को फसल से तो नुकसान होता ही है साथ ही उसके परिवार के अन्य सदस्य कोई दूसरा कार्य भी नहीं कर पाते हैं। इस को ध्यान में रखकर ही सरकार ने यह योजना बनाई है।
बीस विकास खंडों का किया चयन
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने उद्यानिकी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बीस विकासखंडों का मॉडल के रूप में चयन किया है। इन्हीं से योजना की शुरूआत की जाएगी। दरअसल इसके पीछे उद्देश्य यह है कि जब किसान मवेशियों और वन्य प्राणियों से फसल बचा पाएंगे तो उनका उत्पादन भी बढ़ेगा और आमदानी भी होगी। यही नहीं किसान के परिवार के अन्य लोग जो दूसरे काम भी कर पाएंगे। जिससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक होगी। योजना के अंतर्गत एक हेक्टेयर से छोटे खेत के किसान को तार फेंसिंग करने के लिए कुल लागत का सत्तर प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया जा रहा है। जबकि एक से दो हेक्टेयर खेत वाले किसान को साठ फीसद और कृषक उत्पादक समूह यानी (एफपीओ) को तार फेंसिंग कराने के लिए कुल लागत का पचास प्रतिशत तक अनुदान देने पर विचार किया जा रहा है।