बूथ स्तर तक सोशल इंजीनियरिंग का काम करेगी मप्र भाजपा

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा अब संगठन को और अधिक मजबूत करने और तमाम वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए बूथ स्तर तक सोशल इंजीनियरिंग पर काम शुरू करने जा रही है। दरअसल प्रदेश में इस रणनीति पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की गाइडलाइन के अनुसार अमल किया जा रहा है। संगठन द्वारा इस पर तेजी से काम शुरू करने की बड़ी वजह प्रदेश में आगामी कुछ समय बाद तीन विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव के साथ ही नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव होना है। इसके बाद वर्ष 2023 में विधानसभा के चुनाव होंगे। इस नई रणनीति पर अमले के तहत खासतौर पर भाजपा ने अजा और अजजा वर्ग को साधने के लिए हर स्तर पर काम करने की योजना बनाई है। इस योजना पर काम करते हुए बीजेपी प्रदेश में एससी-एसटी वर्ग के लोगों की जिला, मंडल और बूथ स्तर तक की संगठनात्मक व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव दोनों ही वर्गों के लिए काम करने वाले मोर्चा पदाधिकारियों के मामले में होगा। यानी बीजेपी प्रदेश के सभी 65 हजार बूथों पर जिला और मंडल मोर्चा की तर्ज पर बूथ स्तर का अजा-अजजा मोर्चा बनाएगी। खास बात यह है कि  इसमें स्थानीय युवाओं को ही पदाधिकारी बनाया जाएगा। यही नहीं इसके साथ ही इस वर्ग के हर सामाजिक कार्यक्रमों से पार्टी को जोड़कर इस वर्ग का अपनापन पाने के लिए पार्टी प्रयास करेगी। दरअसल इस वर्ग का अब भी भाजपा को अपेक्षा के अनुसार समर्थन नहीं मिलता है। इसकी वजह से भाजपा का चुनावी प्रदर्शन ऐसे वर्गों वाले क्षेत्रों में कमजोर बना रहता है। इसके तहत एक साथ तीन मोर्चों पर काम होगा। पहला संगठन के नेटवर्क को मजबूत करना। दूसरा कोरोना की वजह से लोगों के मन में भाजपा सरकार को लेकर आई नकारात्मकता को समाप्त करना और तीसरा नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए पहले से ही बूथ स्तर तक वोट बैंक को मजबूत कर लेना। इसके लिए बूथ स्तर पर वोट बैंक के लिए सूक्ष्म स्तर पर काम भी शुरू किया जा चुका है।
कार्यसमिति में किया जा चुका है मंथन
हाल ही में आयोजित की गई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद बीजेपी  द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हित में किए जाने वाले कामों पर विस्तृत मंथन किया है। इस मंथन में जो खास बात सामने आई है वह यह है कि संगठन स्तर पर पार्टी अजा-अजजा मोर्चा में एक नया कैडर तैयार करेगी। यह कैडर बूथ स्तर का मोर्चा संगठन होगा, जिसमें बूथ क्षेत्र में रहने वाले इन वर्गों के लोगों को उसी तरह अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी जैसे मंडल और जिला स्तरीय मोर्चा पदाधिकारी बनाए जाते हैं।
विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति
दरअसल बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह आंकलन किया है कि यह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग यह तो मानते हैं कि भाजपा अच्छी है पर यह नहीं मानते कि भाजपा अपनी है। इसीलिए 2023 के चुनाव के पहले यह काम करने का निर्णय लिया गया है कि अस्सी से अधिक सीटों विधानसभा सीटों और प्रदेश की कुल आबादी में अच्छी खासी पैठ रखने वाले इस वर्ग को पूरी तरह भाजपा का बनाया जाएगा।
इनके सामाजिक संगठनों से सीधे जुड़ना चाहती है पार्टी
बहरहाल भाजपा अजा-अजजा वर्ग को लेकर कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब पार्टी इस वर्ग से जुड़ी इसके समकक्ष आने वाली जातियों और उसकी उपजातियों पर भी पूरा फोकस करेगी। इन जातियों और उपजातियों के सामाजिक संगठनों से सीधे जुड़कर पार्टी मिशन 2023 का इस वर्ग का वोट जुटाने की भूमिका बना रही है। पार्टी संगठन ने इस योजना के क्रियान्वयन का पूरा मसौदा तैयार कर लिया है और अब जल्द ही इसे मूर्त रूप देकर संगठन, जिला और मंडल स्तर पर समितियां बनाकर इस काम को तेज करने का काम किया जाएगा।
वरिष्ठ नेताओं को जोड़ा जाएगा कार्यक्रमों से
भाजपा ने अजा और अजजा वर्ग में पैठ बनाने की जो तैयारी की है उसमें यह भी तय किया गया है कि संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने के साथ ही इस वर्ग के लोगों को सरकार की योजनाओं की मॉनीटरिंग में भी महत्व दिया जाएगा। इसके अलावा इस वर्ग के सामाजिक कार्यक्रमों से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जोड़ा जाएगा और आने वाले दिनों में इन वर्गों के निवास क्षेत्र वाली  बस्तियों में सामाजिक, आर्थिक विकास के साथ पार्टी के ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम किए जाएंगे।
जोड़ा जाएगा हितग्राही सेक्टर
संगठन का अब सरकार के हितग्राही सेक्टर पर बड़ा काम करने की वजह है कि प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं का बड़े पैमाने पर हितग्राही लाभ तो लेते हैं , लेकिन उनमें से एक बड़ी संख्या भाजपा के वोट बैंक के रूप में सामने नहीं आती है। प्रदेश में सरकार की राशन का लाभ लेने वालों की संख्या ही 5.30 करोड़ से ज्यादा होने के बाद भी इसके 25 फीसदी हितग्राही भी भाजपा को वोट नहीं देते हैं।

यह तय किए लक्ष्य

  • अनुसूचित जाति वर्ग की जातियों तक पहुंचना जो भाजपा को अपना नहीं मानती।
  • राष्ट्रवाद हिंदुत्व के साथ ही मोदी व शिवराज सरकार के विकास कार्यों को लोगों तक पहुंचाना।
  • सभी हितग्राहियों को वोट में तब्दील करने के लक्ष्य पर काम करना।
  • आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण के अलावा दूसरे मुद्दों पर भी सक्रियता दिखाना।
  • पिछले चुनाव में जिन बूथों पर कम वोट मिले थे उन्हें चिन्हित करके काम करना।
  • जहां निकाय व पंचायत चुनाव के मद्देनजर काम की जरूरत है वहां नेटवर्क मजबूत करना।
  • कोरोना काल में संगठन संघ के सेवा कामों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना।

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