- नगीन बारकिया

भारत के पास विदेशी मुद्रा का रिकॉर्ड भंडार, अमेरिका भी पीछे
तमाम विपरीत परिस्थितियों के चलते मोदी सरकार पर चाहे जो भी सवाल खड़े किए जा रहे हों लेकिन कई मोर्चों पर सरकार काफी मजबूती से खड़ी दिखाई देती है। विशेषकर कोरोना की वैक्सीन को लेकर विदेशी संबंधों की नीतियों पर संदेह किया जा रहा है लेकिन विदेशी मुद्रा के हाल ही में जो आंकड़े सामने आए हैं वे काफी उत्साहजनक हैं तथा यह साबित करते हैं कि मोदी सरकार पर विदेशी निवेशकों का विश्वास पहले की तरह कायम है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में अमेरिका, सिंगापुर, हांगकांग सहित कई अन्य देशों को पछाड़कर दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.842 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 600 अरब डॉलर को पार कर गया है। इस तरह कहा जा सकता है कि मोदी सरकार कोरोना महामारी के बावजूद विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रही है। खुशी की बात है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.842 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 600 अरब डॉलर को पार कर गया है। खास बात यह है कि अमेरिका का फॉरेक्स रिजर्व 142 अरब डॉलर ही है और यह लिस्ट में 21 वें स्थान पर है। सिंगापुर, हांगकांग समेत कई अन्य देश उससे भी पीछे हैं। अब इस लिस्ट में भारत से ऊपर केवल चीन, जापान, स्विट्जरलैंड और रूस ही हैं।
अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ पर कसा तंज
उप्र में योगी आदित्यनाथ की कुर्सी जब हिलन लगी थी और योगी अपने शीर्ष नेतृत्व को मनाने और स्थिति की सफाई देने में लगे हुए थे तब उनकी इस भागदौड़ पर विपक्ष के नेता गहरी नजर रखे हुए थे। हालांकि योगी के दो दिन के दिल्ली दौरे ने चर्चाओं पर विराम लगा दिया है लेकिन विपक्ष के पास एक शस्त्र तो आ ही गया है जिसका इस्तेमाल वह करने को स्वतंत्र है। इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कटाक्ष सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह देश के सबसे बड़े राज्य के सूबेदार यानी मुख्यमंत्री के लिए दुर्दिन का वक्त है कि अपना पद बरकरार रखने के लिए उनको दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने अपने ट्वीटर वाल पर योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उनके दिल्ली दौरे पर तंज कसा और लिखा कि पद-भिक्षा’ की खातिर, देश के सबसे बड़े सूबे के सूबेदार, दुर्दिन ऐसे आए, दर-दर भटक रहे हैं वो दिल्ली के दरबारङ्घ। उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। इससे पहले गुरुवार को योगी ने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
मेनका बोलीं- फंगस के बारे में तीन साल पहले बता दिया था
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दावा किया है कि उन्होंने तीन साल पहले ही भारत में ब्लैक और व्हाइट फंगस के फैलने को लेकर आगाह कर दिया था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब देश कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक और व्हाइट फंगस के प्रकोप का सामना कर रहा है। हालांकि, साइंटिस्ट्स और रिसर्चर्स ने इस साल के नवंबर-दिसंबर महीने के दौरान तीसरी लहर के आने की भी आशंका पहले ही जाहिर कर दी है। उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर के चार दिवसीय दौरे के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि फिलहाल सुल्तानपुर में ब्लैक फंगस के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बारे में मैंने तीन साल पहले लिखा भी था कि यह भारत में आएगा और अब आ गया। मेरी सलाह तो यह है कि जिस कमरे में गलती से आ जाए, तो उस कमरे को टार्च करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सबको समझना चाहिए कि इस बीमारी की न कोई जाति है, न कोई धर्म। देर करने वालों में से यह किसी को भी हो सकती है।
चमगादड़ों में मिले कोरोना के नए वायरस
चीन के शोधकर्ताओं ने चमगादड़ों में कोरोना वायरस के न्यू बैच का पता लगाने का दावा किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन नए कोरोना वायरसों में से एक आनुवांशिक तौर पर कोविड-19 के बेहद करीब हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दक्षिण पश्चिम चीन में कोरोना वायरस की नई खोज से पता चलता है कि चमगादड़ों में कई प्रकार के कोरोना वायरस हो सकते हैं, जो इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि अलग-अलग प्रजाति के चमगादड़ों से हमने 24 तरह के नोवेल कोरोना वायरस एकत्रित किए हैं। रिसर्च के दौरान उन्होंने चमगादड़ों के पेशाब, मल की जांच के साथ ही मुंह के स्वैब के नमूने भी लिए हैं। चीनी शोधकर्ताओं ने बताया कि एक वायरस जेनेटिक तौर पर सार्स-कोव-2 से बहुत मिलता जुलता है। दरअसल, सार्स-कोव-2 ही वो कोरोना वायरस है, जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है।