- नगीन बारकिया

वैक्सीन, कोरोना दवाएं हो सकती हैं टैक्स फ्री, फैसला आज
आज कोरोना दवाओं और वैक्सीन को लेकर कोई राहत भरी खबर आ सकती है। बताया जा रहा है कि कोरोना के इलाज में जरूरी दवाओं, उत्पादों, उपकरणों और वैक्सीन पर सरकार जीएसटी हटा सकती है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार से ये मांग की है। जीएसटी हटाने या कम करने को लेकर फैसला आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जा सकता है। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। उल्लेखनीय है कि अभी वैक्सीन पर 5 फीसदी जबकि कोरोना से जुड़ी दवाओं और आॅक्सीजन कंसेंट्रेटर्स पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है। कुछ राज्यों ने कोरोना के सभी प्रोडक्ट्स पर जीएसटी खत्म करने या कम करने की मांग की है।
भारत को जुलाई में मिल सकता है फाइजर का टीका
कोरोना संकट और टीके की कमी के बीच एक राहत पहुंचाने वाली खबर यह है कि फाइजर का टीका भी जुलाई से भारत को मिल सकता है। इस संबंध में आधिकारिक रूप में बताया गया है कि फाइजर से बातचीत चल रही है और उसने संकेत दिए हैं कि वह भारत के लिए टीके उपलब्ध कराएगी। प्रवक्ता के अनुसार फाइजर ने टीके के संभावित दुष्प्रभावों को लेकर संरक्षण की मांग की है जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है तथा जल्द इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की छूट फाइजर ने अमेरिका समेत उन सभी देशों में मांगी थी, जहां उसके टीके की आपूर्ति की है।
कोरोना की गाइडलाइन 30 जून तक के लिए बढ़ाई
हालाकि देश में कोरोना की दूसरी लहर अब धीमी पड़ रही है और पिछले कुछ दिनों से नए मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है फिर भी ऐहतियात के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कोविड के मौजूदा दिशा-निर्देशों को 30 जून तक जारी रखने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि जिन जिलों में अधिक मामले हैं, वहां पर स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के उपाय सुनिश्चित किए जाएं। केंद्र ने कहा है कि कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट के बावजूद देश में कोविड-19 के इलाजरत मरीजों की संख्या अब भी बहुत ज्यादा है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल को एक आदेश जारी करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों निर्देश देते हुए कहा था कि वे अधिक संख्या वाले जिलों में कंटेनमेंट जोन बनाए और वहां तेजी से लोगों का टेस्टिंग करें। इसके साथ-साथ गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा था कि उन जिलों की पहचान करें जहां पर पॉजिटिव रेट 10 फीसदी से ज्यादा है।
अलग कंपनियों के वैक्सीन लगने से कोई हर्ज नहीं
वैक्सीन की कमी के चलते एक ही कंपनी के दोनों डोज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में किसी दूसरी कंपनी का डोज लेने में भी कोई हर्ज नहीं है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से आश्वासन दिया गया है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमारे नियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज एक ही कंपनी के वैक्सीन के दिए जाएंगे, यानी अगर किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज पड़ी है तो दूसरी डोज भी उसी की पड़ेगी, लेकिन अगर किसी व्यक्ति के साथ ऐसा हुआ है कि उसे वैक्सीन के दोनों डोज अलग -अलग कंपनी के दिए गए हैं तो भी यह चिंता का विषय नहीं है। डॉ. पॉल ने कहा कि यह सेफ है और प्रभावकारी भी। हम इस तरह के मिक्स और मैच डोज को बनाने पर विचार कर रहे हैं।
रिकवरी रेट 90 प्रतिशत पहुंचा: यह एक सुखद सूचना है कि देश में कोविड-19 से रिकवरी रेट बढ़कर 90 प्रतिशत हो गई है। शायद यह बात भी सकारात्मक है कि देश के 24 राज्यों में एक्टिव केस की संख्या में कमी आई है।