
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही स्कूल बंद चल रहे हैं, लेकिन कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावना के बीच अब शिक्षा विभाग भी स्कूली बच्चों की सेहत का ख्याल रखने की तैयारियों में जुट गया है। यही वजह है कि अब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तय किया गया है कि स्कूलों में आने वाले बच्चों की अच्छी सेहत के लिए उन्हें मध्यान्ह भोजन के साथ ही पौष्टिक नाश्ता भी दिया जाएगा। इसकी वजह से बच्चों में न केवल इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकेगी, बल्कि बच्चे भी स्कूल आने में रुचि दिखाएंगे। नाश्ते में मूंगफली और चने के साथ गुड़ के अलावा स्थानीय फल भी दिया जाएगा। इसके पीछे सरकार का मानना है कि यह नाश्ता हलका होने केसाथ ही बच्चों को ऊर्जा भी प्रदान करेगा। इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। नाश्ते के बाद सुबह के घंटे पढ़ाई के लिए विशेष रूप से लाभदायक होते हैं।
केन्द्र देगा 60 फीसद राशि
मप्र सरकार इस योजना को केन्द्र सरकार की मदद से लागू करने जा रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा खर्च की साठ फीसद राशि का भुगतान किया जाएगा, जबकि शेष राशि राज्य सरकार को अपने खजाने से खर्च करनी होगी। इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा मध्यान्ह भोजन की दर में भी मामूली वृद्धि की गई है। इसके तहत कक्षा 1 से 5 के छात्रों के मिड डे मील की दर 4.48 रुपए प्रतिदिन से बढ़ाकर 4.97 रुपए कर दी गई है। इसी तरह से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए राशि 6.71 रुपए से बढ़ाकर 7.45 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 70 लाख बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है जिस पर अभी हर साल करीब 1500 करोड़ का खर्च आता है। नए सत्र से दिए जाने वाले नाश्ते पर करीब हर साल 500 करोड़ का खर्च होने का अनुमान है।