गहनों पर हॉलमार्किंग के लिए बीआईएस बनाएगा नियम

हॉलमार्किंग

– हॉलमार्किंग के लिए बनाए गए नियमों में व्याप्त विसंगतियों को लेकर सराफा एसोसिएशन ने दिया है सुझाव

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने देशभर में हालमार्किंग अनिवार्य करने की तारीख 15 दिन और आगे बढ़ा दी है। पूर्व में कोरोना की वजह से तारीख बढ़ाकर एक जून कर दी गई थी। इसके साथ ही उन्होंने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) को नियम बनाने के निर्देश दिए हैं। मध्यप्रदेश सराफा एसोसिएशन के सुझाव को मानते हुए अब सोने के गहनों की हालमार्किंग श्रेणी में 20 और 24 कैरेट के गहने भी शामिल किए जाएंगे। दरअसल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में मप्र सराफा एसोसिएशन ने सुझाव दिया था कि मध्यप्रदेश में झाबुआ व अलीराजपुर जैसे क्षेत्रों में आदिवासी ऐसे गहने पहनते हैं जिस पर नक्काशी नहीं होती, लेकिन सोना 20 या 24 कैरेट का शुद्ध होता है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में अनिवार्य हालमार्किंग इस साल जनवरी में लागू होना था लेकिन कोरोना की वजह से तारीख बढ़ाकर एक जून कर दी गई थी। मप्र सराफा एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री के साथ ऑनलाइन मीटिंग के दौरान कहा था कि ज्वेलर्स हालमार्किंग के खिलाफ नहीं है बल्कि मौजूदा कानून की विसंगतियों और अव्यवहारिकता के खिलाफ हैं। एसोसिएशन के संतोष सराफ ने मंत्री से कहा कि हालमार्किंग के लिए जो नियम बना है उसमें सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के गहनों की ही हालमार्किंग  होगी, जबकि इस श्रेणी में 20 और 24 कैरेट के गहने भी शामिल किए जाने चाहिए।
चर्चा के बाद आगे बढ़ी हालमार्किंग की तारीख
सोने के गहनों पर अनिवार्य हालमार्किंग का नियम एक जून से लागू होना था। अब इसे 15 दिन और आगे बढ़ा दिया गया है। दरअसल हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने देशभर के जेम्स व ज्वैलरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक में चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री द्वारा आयोजित इस बैठक में केंद्र के बड़े अधिकारी और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) के डायरेक्टर जनरल भी मौजूद थे।
सेंटर बढ़ाए जाने की मांग
प्रदेश के नक्सल प्रभावित बॉर्डर वाले जिले बालाघाट अथवा झाबुआ के लोगों को यदि अपने गहनों पर हालमार्किंग करवाना है तो उन्हें गहने लेकर साढ़े तीन सौ से चार सौ किलोमीटर दूर इंदौर या भोपाल जैसे बड़े शहरों में आना होगा जो कि संभव नहीं है। इसलिए पहले हालमार्किंग के लिए सेंट्रल बढ़ाए जाना चाहिए। वहीं यदि एसोसिएशन हालमार्किंग सेंटर खोले तो अच्छा होगा क्योंकि इससे गहनों की विश्वसनीयता कायम रहेगी। अभी सिर्फ निजी सेंटर खोलने की अनुमति है और उनकी विश्वसनीयता तय करने के लिए कोई नियम भी नहीं है। जबकि इसमें ज्वेलरी कब बनाई गई, ज्वैलर का लोगो, उस पर हॉलमार्किंग का लोगो, सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। असली हॉलमार्क पर बीआईएस का तिकोना निशान होता है।
नियमों में 15 दिन में होगा बदलाव
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मप्र सराफा एसोसिएशन के सुझाव पर चर्चा के दौरान ही बीआईएस के डीजी को 20 और 24 कैरेट के गहनों को हॉलमार्किंग में शामिल करने के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैं मप्र सराफा एसोसिएशन के सुझाव से सहमत हूं। यह व्यावहारिक कठिनाइयां हैं। मंत्री ने व्यापारियों और अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बना दी है। मध्यप्रदेश सराफा एसोसिएशन को समिति में सदस्य बनाते हुए हॉलमार्किंग के नियमों में सुधार पर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने 15 दिन में नियमों में बदलाव कर इसे व्यावहारिक बनाने का वादा किया है। बता दें कि हॉलमार्किंग के नियमों में विसंगतियों के खिलाफ सराफा एसोसिएशन ने पिछले साल भर से मोर्चा खोल रखा था।

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