हनीट्रैप-मौतों का जिन्न बाहर लाकर कमलनाथ ने सरकार का बीपी बढ़ाया

 कमलनाथ

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा हाल ही में एक के बाद एक दिए गए दो बयानों के बाद से मप्र की भाजपा सरकार सख्ते में है। इनमें से एक बयान हनीट्रैप को लेकर तो दूसरा बयान कोविड से मरने वालों की संख्या का है। इन दोनों ही बयानों की वजह से इन दिनों न केवल सरकार का बीपी बढ़ा हुआ है बल्कि प्रदेश की राजनीति भी गर्माती नजर आ रही है। फिलहाल इन दोनों बयानों की वजह से सरकारों के कामकाज और जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। फिलहाल यह दोनों मामले जल्द शांत होंगे ऐसा होता भी नहीं दिख रहा है।
इन बयानों के बाद भाजपा सरकार भी हमलावर रुख दिखा रही है। फिलहाल जनता चाहती है कि हर हाल में सीडी हो या पेन ड्राइव उसमें छिपे राज सार्वजनिक होने चाहिए , जिससे कि हनी चाटने वाले सभी सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो सकें। उधर, नाथ का दूसरा बयान कोविड में मरने वालों की संख्या को लेकर है। इस मामले में भी सरकार दिखावे के लिए हमलावर हो लेकिन नाथ द्वारा बताया गया एक लाख से अधिक का आंकड़ा वास्तविकता के बेहद करीब माना जा रहा है। इसकी वजह है अफसरों द्वारा इस मामले में खेला गया आंकड़ों का खेल है। इसको लेकर जनता में बेहद रोष है। दरअसल हाल ही में पुलिस द्वारा पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक उमंग सिंघार के घर पर उनकी मंगेतर अंबाला निवासी सोनिया ने खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने मृतका के सुसाइड नोट के आधार पर उमंग के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इसी मामले को लेकर कांग्रेस विधायकों की बुलाई गई बैठक के बाद कमलनाथ द्वारा हनीट्रैप की पैन ड्राइव उनके पास होने का बयान दिया गया था। इस बयान को सरकार को धमकाने की तरह दिया गया था। इसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़े हुए है। दरअसल यह वो मामला है जिसमें आला अफसरों, बड़े व्यवसायियों से लेकर कई सफेदपोश राजनैतिक लोगों के शामिल होने की बात समय-समय पर चर्चा में बनी रही है। खास बात यह है कि इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होते रहे हैं। यह मामला कमलनाथ की कांग्रेस की सरकार के समय ही उजागर हुआ था , लेकिन उस समय लीपापोती कर दी गई थी। यही वजह है कि इसमें शामिल इन लोगों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह जरुर है कि इस रैकेट को चलाने वाली युवतियां सलाखों के पीछे पहुंच गई । दरअसल उस समय सरकार में आला रसूख और कमलनाथ के बेहद खास माने जाने वाले एक अफसर ने इसमें खास भूमिका निभाई थी , जिसकी वजह से इस मामले में आधी अधूरी जांच होने के बाद मामला ही दफन कर दिया गया था। यही वजह है कि अपने रसूख की दम पर हनीट्रैप गिरोह को खूब उपकृत करने वालों से लेकर जमकर हनी चाटने वालों पर अब तक कोई कार्र्रवाई ही नहीं की गई है , जबकि अफसरों का यह आचरण सिविल सेवा नियमों के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है। यह बात अलग है कि अगर यह मामला सरकारी अदने कर्मचारियों का होता तो न केवल वे निलंबित हो चुके होते बल्कि कई की तो नौकरी ही छीन ली गई होती। खास बात यह है कि प्रदेश की सरकार बदल जाने के बाद भी इस मामले में शामिल बड़े चेहरों के खिलाफ कार्रवाई होनी तो ठीक, उनसे पूछताछ तक नहीं की गई है। इसी तरह से नाथ द्वारा कोविड की चपेट में आकर जान गंवाने वालों को लेकर भी सरकार पर बड़ा हमला किया गया है। इन मौतों के मामले में अब भी नाथ अपने बयान पर अडिग हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा अब कहा जा रहा है कि सरकार में साहस है तो वह प्रदेश के मुक्ति धामों  और कब्रिस्तानों के मार्च से लेकर अब तक के रिकॉर्ड व रजिस्टर को सार्वजनिक कर मुझे गलत साबित करें। उनका कहना है कि सरकार सिर्फ इस मामले में सात हजार के करीब ही मरने वालों का आंकड़ा बता रही है। फिलहाल इस मामले में भी सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
नाथ की सरकार भी कटघरे में
हनीट्रैप मामले में कमलनाथ इस बयान के बाद खुद ही कटघरे में खड़े नजर आ रहे हैं। इसकी वजह है जब उनके पास इस मामले के वीडियो और सबूत थे , तब उनके द्वारा इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई कर उनके नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए। आखिर उन्हें सरकार में रहते कार्रवाई करने से किसने रोका था। यही नहीं उनके द्वारा इस मामले में अपने संवैधानिक दायित्वों का और ली गई शपथ का पालन क्यों नहीं किया गया। इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं।
नरोत्तम ने संभाला मोर्चा
हनी ट्रैप की सीडी होने का दावा करके भाजपा के निशाने पर आए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सरकार की तरफ से मोर्चा संभालते हुए बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति आपराधिक सबूत छिपाकर रख सकता है, उसने अपने मुख्यमंत्री काल में और महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज गायब किए होंगे। यह जांच का विषय है। मिश्रा ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है कि विधायक और नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठे कमलनाथ हनी ट्रैप की सीडी उनके पास होने की बात कह रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि नाथ गलतफहमी में हैं कि वह हनी ट्रैप की सीडी के नाम पर सरकार को ब्लैकमेल कर लेंगे, तो मैं चुनौती देता हूं कि हिम्मत है तो वह सीडी पेश करें। मुझे मालूम है कि वह पेश नहीं करेंगे, क्योंकि उससे कई कांग्रेसियों के चेहरे ही बेनकाब होंगे।

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