- नगीन बारकिया

चिंताजनक स्थिति- टीकाकरण में भारी गिरावट
बड़ी विरोधाभासी स्थिति है कि जब देश में टीकाकरण अभियान को गति मिलना चाहिए थी तब इसके प्रति उदासीनता देखी जा रही है और पिछले 40 दिन में करीब 50 फीसदी की चिंताजनक गिरावट सामने आ रही है। विरोधाभास यह भी है कि लोगों को पोर्टल पर स्लॉट नहीं मिल रहे हैं, लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और इधर विपरीत रिपोर्ट सामने आ रही है फिर स्वास्थ्य मंत्री का यह दावा कैसे सही साबित होगा कि सात माह में सभी को टीके लगा दिए जाएंगे। टीकाकरण में गिरावट आने को विशेषज्ञ बेहद गंभीर और चिंताजनक मानते हैं। पिछले माह अप्रैल में टीकाकरण में खासी तेजी दर्ज की गई थी पर मई जाते-जाते रोजाना लगने वाली खुराकों की संख्या आधी रह गई है जबकि एक मई से 18 साल से पार वालों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया था। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में जब संक्रमण ने जोर पकड़ा तो टीकाकरण में तेजी आई थी और 10 अप्रैल को 36,59,356 खुराके एक दिन में लगाई गर्इं जो अब तक का एक दिन में किया गया रिकॉर्ड टीकाकरण है। पर इसके बाद रोजाना उपयोग होने वाली खुराकों की संख्या में कमी आने लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक मई से 20 मई तक मात्र पांच दिन ऐसे हुए जब रोजाना टीकाकरण 20 से 22 लाख खुराकों तक पहुंचा। अन्य दिनों में रोजाना टीकाकरण का आंकड़ा 20 लाख से कम ही बना रहा। यही कारण रहा कि कोविन पोर्टल पर लोगों को टीकाकरण के लिए स्लॉट ढूंढे नहीं मिल रहा है। केंद्रों पर वैक्सीन न होने के नोटिस के साथ ताले जड़े हैं।
दूसरा डोज दूसरी वैक्सीन का हो तो फायदेमंद
कोरोना वैक्सीन के बारे में एक दिलचस्प परीक्षण सामने आया है जिससे यह पता चला है कि कोरोना के दोनों डोज एक कंपनी के बजाय अलग अलग कंपनियों के हों तो वह ज्यादा फायदेमंद होता है। स्पेन में 600 से अधिक लोगों पर हुए परीक्षण के आरंभिक नतीजों में पाया गया कि जिन लोगों ने कोविशील्ड की पहली खुराक लेने बाद फाइजर के टीके की दूसरी खुराक ली, उनके शरीर में प्रतिरोधक एंटीबॉडी ज्यादा पाई गई। टीकों को मिलाकर देने को लेकर ब्रिटेन के बाद यह दूसरा अध्ययन सामने आया है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूरे यूरोप में इस पर पहले से ही विचार चल रहा है। वहां जिन लोगों को कोविशील्ड टीके की पहली डोज दी गई है, अब सरकारें उन्हें इसकी दूसरी खुराक देने के पक्ष में नहीं हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार स्पेन ने 663 लोगों पर यह परीक्षण किया है। इनमें दो तिहाई लोगों को दूसरी डोज के रूप में फाइजर की खुराक दी गई। फाइजर की दूसरी खुराक लेने वालों में बड़ी संख्या में प्रतिरोधक एंटीबॉडी मिली और जिन्हें खुराक नहीं दी गई थी, उनमें एंटीबॉडी की संख्या में कोई बदलाव नहीं देखा गया।
टूट सकता है किसानों और सरकार में वार्ता का गतिरोध
नए किसान कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच में जो गतिरोध बना हुआ है उसके हल होने की उम्मीद जगी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर फिर से किसानों के साथ बातचीत शुरू करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली के 3 बॉर्डरों पर किसान संगठनों के लोग दिसंबर से बैठे हुए हैं। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि किसान जब भी बात करना चाहते हैं तो उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। हालांकि आंदोलन की शुरूआत में सरकार और किसान संगठनों के बीच में कई स्तर की बातचीत हुई है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था। किसान पूरी तरह से तीनों कानूनों को खारिज करने पर अड़े हुए थे जबकि सरकार किसानों से लगातार पूछ रही थी कि तीनों कानूनों में जो भी आपत्ति है वह बताए।