स्वास्थ्य विभाग में अगले माह होगी स्टाफ की भर्ती

स्वास्थ्य विभाग

सरकारी अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर से पहले  पदस्थ होगा डॉक्टर्स सहित अन्य तकनीकी स्टाफ  

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश सरकार अब जल्द ही स्वास्थ्य विभाग में एक साथ 24 सौ से अधिक पदों पर भर्ती करने की तैयारी में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसकी हरी झंडी मिलने के बाद लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अफसरों ने खाली पड़े 2400 विभिन्न पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव को शीघ्र ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। फिलहाल विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके हिसाब से प्रदेश में 800 चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी। नर्सिंग स्टाफ की भी इतने ही पदों पर भर्ती की जाएगी। इसी तरह 800 पदों पर विभिन्न टेक्नीशियन की भर्ती की जाएगी। इसकी प्रक्रिया के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार की तैयारी के अनुसार यह उम्मीद की जा रही है कि भर्ती की यह प्रक्रिया अगले माह जून में पूरी कर ली जाएगी।
नाकामियां छुपाते रहे अफसर
प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों के पद खाली पड़े हैं। इनमें डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के पद भी शामिल हैं। एक ओर जहां अस्पतालों में कोरोना महामारी के संकट के दौर में भी स्टाफ की कमी से बनी हुई है। वहीं विभाग में अफसरों की भर्राशाही के कारण न तो विभाग अब तक चिकित्सकों की भर्ती कर पाया है और न ही नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की। यह हाल शहरी क्षेत्र के अस्पतालों के अकेले नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी बुरे हैं। प्रदेश पिछले एक साल से कोरोना संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है और संकट के इस काल में सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम रही है। खास बात यह कि अफसर आंकड़ों की बाजीगरी में ज्यादा उलझे हुए हैं और समस्या को कम से कम बताने में लगे है। इस दौरान मेडिकल स्टाफ की कमी की वजह से लोगों को बड़ी असुविधा झेलनी पड़ी। हालांकि विभाग के आला अफसरों ने अब इस बात के संकेत दिए हैं कि अमले की कमी की भरपाई करने के लिए अगले महीने में ही स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।
कमी की भरपाई तीसरी लहर से पहले
उल्लेखनीय है कि विभाग को खाली पड़े सभी पदों के लिए यदि योग्य उम्मीदवार नहीं मिले तो एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि सरकार की मंशा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से पहले यानी जुलाई महीने में ही नई भर्ती वाले स्टाफ को मैदान में पदस्थ कर दिया जाए। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा स्टाफ की कमी को पूरा करने पर जोर रहेगा।
स्वास्थ्य केंद्र बने शोभा के भवन
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में स्थिति ज्यादा खराब है। दरअसल सरकार ने यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा उप स्वास्थ्य केंद्र बनाए तो जरूर हैं लेकिन इनमें से अधिकांश भवनों पर ताला लटका ही मिलता है। ये सिर्फ शोभा के भवन बनकर रह गए हैं। खांसी, सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज जब इन स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचते हैं तो उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। न तो वहां डॉक्टर है और न ही अन्य स्टाफ। कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनएम हैं भी तो उनकी ड्यूटी किल कोरोना अभियान में लगा दी गई है। इसके तहत वे कोरोना संक्रमितों की पहचान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रहे हैं। ऐसे में जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पैर पसार रहा है, मरीज बढ़ रहे हैं, स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है। वहीं अफसरों द्वारा चिकित्सकों की भर्ती की घोषणा तो की गई लेकिन अब तक पूरी नहीं कि जा सकी।
तकनीकी स्टाफ होगा पदस्थ
कोविड-19 ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के पोल खोल कर दी है। दरअसल कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के बाद ही सरकार को समझ में आया है कि सभी जिलों में सीटी स्कैन मशीन होना चाहिए। यही वजह है कि अब जाकर यह मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। हालांकि इन पर तकनीकी स्टाफ की कमी बनी हुई है। टेक्नीशियन की कमी को पूरा करने लिए अब इन पदों पर भी नई भर्ती की जाएगी।

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