
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में शराब दुकानों की नीलामी और रिन्यूवल को लेकर की जा रही कवायद के बीच अब तक यह तय नहीं है कि प्रदेश के सबसे बड़े ठेके वाले इंदौर व भोपाल को लेकर क्या स्थिति बनेगी। इन दोनों ही जिलों में ठेके होंगे या फिर रिन्यूवल होगा इसको लेकर आज शाम तक सिथति स्पष्ट हो सकेगी। दरअसल इन दोनों ही जिलों के ठेके शराब के अलग-अलग सिंडिकेट के पास हैं। हालांकि आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि अब तक उसे प्रदेश के 165 ठेकेदारों के समूहों द्वारा शराब दुकानें रिन्यूवल कराने के प्रस्ताव मिल चुके हैं।
उधर सरकार द्वारा रिन्यू न होने वाली दुकानों की वैकल्पिक व्यवस्था के करने के लिए एक चार सदस्यीय मंत्रियों की समिति बनाई है। गौरतलब है कि पुरानी दुकानों को रिन्यू कराने के लिए प्रस्ताव देने का आज अंतिम दिन है । इस बार शराब ठेकेदारों को प्रस्ताव देने के लिए महज दो का ही समय मिला है। इसकी वजह है कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेने के बाद लगातार तीन सरकारी अवकाश रह चुका है। इसकी वजह से ठेकेदारों द्वारा कल से सरकारी दफ्तर खु़लने पर दुकानों के नवीनीकरण के प्रस्ताव आनन फानन में दिए जा रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि अधिकांश ठेकेदारों द्वारा नवीनीकरण का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और उसे आज शाम तक विभाग को दे दिया जाएगा। गौरतलब है कि इस बार ठेके दस माह के लिए दिए जा रहे हैं। इसके बाद अगले साल होने वाले ठेके 31 मार्च के बाद नए सिरे से किए जाएंगे। इस बार कोरोना के चलते लॉकडाउन लगाए जाने की वजह से शराब ठेकदारों को दो माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। पहले दिन टीकमगढ़, दतिया, गुना अशोकनगर और दमोह सहित अन्य जिलों के 165 ग्रुप ने नवीनीकरण के लिए अपने प्रस्ताव दिए हैं।
इस तरह से तय होगी ठेके की नई कीमत
नवीनीकरण के लिए वर्ष 2020-21 के 10 माह के मूल्य की गणना के लिए 31 मार्च 2021 की अवधि में जो ठेके संचालित हैं उनके स्वीकृत मूल्य को प्रोरेक्टा आधार पर 365 दिवस का बनाया जाकर उसमें से एक अप्रैल 2020 से 31 मई 2020 की अवधि के वास्तविक मूल्य को घटाया जाएगा। इसके बाद 10 माह के प्राप्त मूल्य में 10 प्रतिशत वृद्धि कर 1 जून से शराब दुकानों के ठेकों का नवीनीकरण किया जाएगा।
समिति में यह मंत्री शामिल
वहीं जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं हो पाएगा उनमें किस तरह की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, इसके लिए चार मंत्रियों की समिति गठित की गई है। जीएडी ने मंत्री जगदीश देवड़ा, तुलसीराम सिलावट, मीना सिंह और अरविंद सिंह भदौरिया को सदस्य बनाया है। समिति के सचिव आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव को बनाया गया है।