
-भारतीय खाद्य निगम की एफएक्यू टीम ने मानदंडों पर खरा नहीं उतरने पर हजारों क्विंटल गेहूं किया रिजेक्ट
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अफसरों की काम में लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई बार इन्हें नसीहत दे चुके हैं। नहीं सुधरने पर कई अफसरों को हटाया भी गया लेकिन अभी भी कई अफसर ऐसे हैं जिनकी कार्यशैली में जरा भी बदलाव नहीं आया। खासतौर पर मैदानी क्षेत्रों में जमे अफसरों पर इसकी बानगी साफ देखी जा सकती है। अफसरों की इसी लापरवाही की वजह है खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया। यह गेहूं हाल ही में किसानों से खरीदा गया है। दिलचस्प है कि न तो अफसरों द्वारा इस गेहूं का उठाव किया गया और न ही इसे ढकने के पर्याप्त इंतजाम ही किए गए। वहीं मौसम विभाग ने ताऊ ते तूफान और बारिश होने की जानकारी पहले ही दे चुका था। प्रदेश में ताऊ ते तूफान की वजह से बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़ सहित मध्यक्षेत्र में तेज आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई है। इस बारिश ने सरकार के पुख्ता इंतजाम के दावों की पोल खोल कर रख दी। सोमवार को तेज आंधी के साथ आई बारिश से सागर जिले की बीना मंडी में खरीदी केंद्र पर रखा छह हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं भीग गया। टीकमगढ़ जिले में भी आंधी के साथ बारिश हुई और इससे बड़ागांव क्षेत्र के खरीदी केंद्रों में रखा साढ़े चार हजार क्विंटल गेहूं भीग गया। यही नहीं आंधी और बारिश के कहर से मंडी परिसर में ट्रैक्टरों में रखा किसानों का गेहूं भी नहीं बच सका। इसी तरह बल्देवगढ़ की खबर है कि यहां क्षेत्र में बीस हजार क्विंटल से अधिक गेहूं भीग गया है। यही नहीं तुलाई का इंतजार कर रहे किसानों का आरोप है कि कर्मचारियों ने गीला गेहूं लेने से इंकार कर दिया है। इसी तरह छतरपुर जिले में सुबह हुई बारिश से खरीदी केंद्रों पर कतार में लगे किसानों का गेहूं भीग गया। इससे नाराज किसान धरने पर बैठ गए।
हजारों मीट्रिक टन गेहूं हुआ रिजेक्ट
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक एक करोड़ 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई है। वहीं किसानों ने अच्छे गेहूं के साथ घटिया गेहूं की भी तुलाई करवा दी है। जब क्वालिटी कंट्रोलरों ने इसकी जांच की तो पता चला कि बड़ी मात्रा में गेहूं मानदंडों पर खरा नहीं था। भारतीय खाद्य निगम के फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू) के मानदंडों पर खरा नहीं उतरने पर पचास हजार मीट्रिक टन गेहूं रिजेक्ट कर दिया गया है। यह गेहूं समितियों ने किसानों को एक हफ्ते के भीतर वापस ले जाने के लिए कह दिया है। हालांकि अभी तक किसानों को भुगतान नहीं किया गया है। होशंगाबाद जिले में सबसे ज्यादा पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं रिजेक्ट किया गया है। दूसरे नंबर पर श्योपुर जिला है। यहां साढ़े चार हजार मीट्रिक टन की खरीदी की गई है। साथ ही तकरीबन 14 से 15 जिलों में बड़ी मात्रा में घटिया गेहूं की खरीदी की गई है। इनमें सतना, रीवा, सिंगरौली, मुरैना, दमोह, देवास, बैतूल, सीहोर, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, जबलपुर और ग्वालियर जिला शामिल हैं।
आंधी बारिश का कहर इधर भी
प्रदेश के अन्य जिलों की बात की जाए तो मंदसौर जिले के गांधीसागर क्षेत्र से लगे गांव में तेज आंधी के कारण कई पेड़ धराशाई हो गए। नीमच शहर में कुछ मकानों की चद्दरें उड़ गईं। इसी तरह बुरहानपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह बिजली के कई खंबे गिर जाने से बिजली सप्लाई बाधित हुई। उज्जैन संभाग के कई जिलों में तूफान तंत्र का प्रभाव लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी दिखा। यहां भी तेज आंधी के साथ बारिश आई। रतलाम में दोपहर बाद करीब एक घंटे तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। वहीं देवास और सीहोर जिले में भी सोमवार की शाम को बारिश हुई। शाजापुर एवं आगर जिलों में सुबह के समय हल्की बारिश हुई। शहडोल जिले में रविवार को हुई बारिश और तेज आंधी में बिजली के 17 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। यही नहीं कई जगह है तो पेड़ ही बिजली के तारों पर गिर गए।