
– पार्टी में अलग- अलग राज्य के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर आत्मचिंतन की जरूरत है
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का कहना है कि यूपीए को 2024 की तैयारी अभी से शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए यूपीए में शामिल दलों को बैठकर नेतृत्व पर फैसला करना चाहिए। नाथ एक निजी चैनल के कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रहे थे। उनसे सवाल किया गया कि आपने ममता जी की काफी तारीफ की और कहा कि वह काफी आक्रामक नेता हैं, तो या ममता बनर्जी को विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए लीडरशिप देनी चाहिए? इस पर कमलनाथ ने जवाब दिया कि आज यूपीए को बैठकर फैसला करना पड़ेगा। सोनिया जी भी ममता जी से बात करें। सोनिया जी जानती हैं कि क्या स्थिति है। आज किसी ने अपनी आंखें नहीं बंद की है। कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के बावजूद कोरोना में काम न करने और सरकार को सहयोग न करने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि हम प्रशासन नहीं है, हम गवर्नमेंट नहीं हैं। हम कॉपरेशन करेंगे। मध्य प्रदेश के संदर्भ में कहूं या फिर देश के संदर्भ में कहूं आज देश, प्रशासन सरकार के भरोसे नहीं है भगवान भरोसे है। अस्पताल के लिए लाइन, बेड के लिए लाइन, ऑक्सीजन के लिए लाइन, श्मशान, कब्रिस्तान के लिए लाइन और आप कह रहे हैं कि हम कॉपरेट नहीं कर रहे हैं। कमलनाथ ने हाल ही में संपन्न हुए अलग- अलग राज्य के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर कहा कि कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है और पार्टी के संगठन को एक नए नजरिए से देखने की आवश्यकता है।
मुझे विश्वास है कि सोनिया जी इसपर चर्चा करेंगी और एक निचोड़ निकलकर सामने आएगा। उन्होने कहा कि असम में हारे, केरल में हारे, पर भाजपा तो नहीं जीती। बंगाल में बोले थे 200 पार करेंगे, क्या हुआ? कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने उन नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा जो इन दिनों पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। उनका ऐसे नेताओं को लेकर कहना था कि यह वे नेता है जिन्होंने कभी गांव को देखा तक नहीं है। हां इतना जरुर हो सकता है कि कभी कभार हैलीकाफ्टर से जाते समय खिड़की में झांक लिया हो। कमल नाथ ने इस दौरान देश में कोरोना के बढ़ते मामले, टीकाकरण और विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी। कमल नाथ बोले- कांग्रेस का अस्तित्व बिल्कुल खतरे में नहीं है। राजनीति में होता है ये। भाजपा की भी तो 2 सीटें थी 1984 में।
भाजपा भी तो 2004 में घर बैठ गई थी। कांग्रेस में संगठन ही सबसे महत्वपूर्ण है। इस पर विचार किया जा रहा है कि संगठन में मजबूती कैसे आए। हमारे कार्यसमिति ने तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा। देश को दो चीजें चुननी है- देश को मोदी के रास्ते ले जाएंगे या अपने देश को भारत की संस्कृति की ओर ले जाएंगे।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको नहीं लगता कि सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के बावजूद आप अपना काम करने में विफल रहे हैं.कोविड में विपक्ष का जो कॉपरेशन होना चाहिए था वो नहीं है? इस पर कमलनाथ ने कहा कि हम प्रशासन नहीं है, हम गवर्नमेंट नहीं हैं। हम क्या कॉपरेशन करेंगे। मध्य प्रदेश के संदर्भ में कहूं या फिर देश के संदर्भ में कहूं आज देश, प्रशासन सरकार भरोसे नहीं है भगवान भरोसे है. अस्पताल के लिए लाइन, बेड के लिए लाइन, ऑक्सीजन के लिए लाइन, श्मशान, कब्रिस्तान के लिए लाइन और आप कह रहे हैं कि हम कॉपरेट नहीं कर रहे हैं।