– नगीन बारकिया
बंगाल की हिंसा का खुद संज्ञान लिया मानवाधिकार आयोग ने
बं गाल में चुनावी नतीजों के बाद हुईं हिंसक घटनाओं का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने जांच का निर्देश देते हुए दो हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि दो मई को आए पांचों विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बंगाल में कई जगह लूटपाट, हिंसा, हत्याओं के मामले सामने आए थे। भाजपा ने इसका आरोप टीएमसी पर लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी बंगाल के नंदीग्राम में कुछ महिलाओं की कथित तौर पर पिटाई की घटना पर चिंता जताते हुए राज्य पुलिस से कहा था कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और समयबद्ध तरीके से जांच की जाए। मानवाधिकार आयोग ने हिंसा की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए उसे विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुईं कई मीडिया रिपोर्ट्स से चुनावी नतीजों के बाद तीन मई को बंगाल में हुईं कई लोगों की मौतों के बारे में पता चला है। राजनीतिक पार्टियों के कार्यकतार्ओं की एक-दूसरे के साथ भिड़ंत हुई, जिसमें पार्टी दफ्तरों पर हमला किया गया, जबकि कुछ घरों में भी तोड़फोड़ की गई। कई महत्वपूर्ण सामान को भी लूट लिया गया।
बंगाल के बाद अब ममता की नजर दिल्ली पर
बंगाल चुनावों में लगभग एकतरफा जीत हासिल करने वाली ममता बनर्जी इन दिनों आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही हैं। यह उनके हालिया बयानों से साफ नजर आता है जिससे यह भी पता चलता है कि ममता की नजरें अब दिल्ली की ओर देख रही है। शायद यही कारण है कि मुख्यमंत्री के तौर पर लगातार तीसरी बार शपथ लेने जा रही ममता ने देश के विपक्षी दलों का परोक्ष रूप से आह्वान किया कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ साथ मिलकर लड़ाई लड़ी जा सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पहले कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है और इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कोई फैसला किया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत की पृष्टभूमि में ममता ने कहा कि इस जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई देने संबंधी कोई फोन उनके पास नहीं आया, जबकि अब तक यह परंपरा रही है कि प्रधानमंत्री फोन करते हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”मैं सड़क पर लड़ाई लड़ने वाली योद्धा हूं। मैं लोगों का हौसला बुलंद कर सकती हूं कि ताकि हम भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ें। अगर हम सामूहिक रूप से फैसला कर सकते हैं तो 2024 की लड़ाई हम मिलकर लड़ सकते हैं।
फिर बढ़े नए मरीज, 24 घंटे में 3 लाख 82 हजार..।
भारत में कोरोना की रफ्तार कुछ धीमी होती हुई तो नजर आई थी लेकिन पिछले 24 घंटों में फिर यह रफ्तार बढ़ती दिखाई दी है। देश के लिए अब भी यह आफत बना हुआ है। देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के नए मामलों के साथ-साथ मौतों के मामलों में बड़ी उछाल देखने को मिली है। भारत में मंगलवार को महज एक दिन में 3 लाख 82 हजार से अधिक केस सामने आए, जो सोमवार की तुलना में करीब 28 हजार केस अधिक हैं। भारत में कोविड-19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अब तक सबसे अधिक 3,786 लोगों की जानें गईं। इससे पहले सोमवार को एक दिन में 3,438 लोगों की मौत हुई थी। रविवार को भी मौतों का आंकड़ा 3400 के करीब ही था। हालांकि, कोरोना के केस 3 लाख 70 हजार के आसपास थे।
मई-जून में गरीबों को मुफ्त राशन
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बार फिर से गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मई और जून महीनें के लिए भी लागू कर दिया गया है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्यों को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए है। राज्यों में गरीबों के अनाज का वितरण भी शुरू हो गया है। केंद्र की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 2 महीने यानी मई और जून की अवधि के लिए लागू कर दिया गया है। भारतीय खाद्य निगम ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खाद्यान्न की आपूर्ति शुरू कर दी है। 3 मई तक, 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने एफसीआई डिपो से राशन उठाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा देश के करीब 80 करोड़ लोगों को होगा। इस योजना के तहत सरकार प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज देती है। केंद्र सरकार इस योजना पर 26 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। जो परिवार गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करते हैं वैसे परिवार इसके पात्र हैं। उन्हें जन वितरण प्रणाली की दुकान से अनाज मिलता है।