
- सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम लगाना उपभोक्ताओं को पड़ेगा भारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सरकार एक तरफ सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, ताकि लोग अपने घर, ऑफिस आदि पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सके। वहीं दूसरी तरफ मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम में लगने वाले टेस्टिंग शुल्क में साढ़े सात गुना बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी उपभोक्ताओं के लिए एक चुनौती है, क्योंकि इससे नेट मीटरिंग सिस्टम लगाने की लागत बढ़ जाएगी। दरअसल, नेट मीटरिंग एक ऐसा सिस्टम है जो सोलर पैनल द्वारा उत्पादित बिजली को आपके घर की बिजली की खपत से समायोजित करता है। यदि आपके सोलर पैनल आपके घर की बिजली की खपत से अधिक बिजली पैदा करते हैं, तो अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजी जाती है और आपको इसके लिए क्रेडिट मिलता है। सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम के टेस्टिंग शुल्क की बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम लगाने की लागत बढ़ जाएगी। इससे सोलर ऊर्जा को अपनाने में परेशानी हो सकती है। हालांकि मप्र में सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम पर सरकारी सब्सिडी भी उपलब्ध है, जो कि इस लागत को कम करने में मदद करती है। लेकिन मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. ने टेस्टिंग शुल्क में बढ़ोतरी करके सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम को और महंगा बना दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. ने टेस्टिंग शुल्क बढ़ाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि लागत में वृद्धि, या फिर कंपनी के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना।
योजना पर लगाया जा रहा पलीता
गौरतलब है मप्र में सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ रहा है। भोपाल शहर में 1100 मेगावाट सोलर ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 285 लाख पेड़ों के बराबर कार्बन उत्सर्जन कम होगा। सरकार और निगम दोनों सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. भोपाल द्वारा इस योजना पर पलीता लगाया जा रहा है, जिससे सोलर वेंडर अपने कदम पीछे खींच रहे हैं। कंपनी द्वारा सोलर नेट मीटरिंग सिस्टम में लगने वाले मीटर की टेस्टिंग शुल्क में भारी बढ़ोतरी की गई है, जिससे आहत होकर सोलर वेंडर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में सोलर वेंडर्स ने लिखा है कि ‘मैं मध्यप्रदेश के सभी सोलर वेंडर की ओर से आपसे करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि आपके द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु हो रहे प्रयासों में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. भोपाल द्वारा बहुत अधिक व्यवधान उत्पन्न किये जा रहे हैं।’
1680 की बजाय वसूला जा रहा 12450 रुपए
गौरतलब है कि सिस्टम में लगने वाले मीटर की टेस्टिंग शुल्क 1680 रुपये ही लगती आ रही है तथा मध्यप्रदेश के अन्य विद्यतु विभाग पश्चिम क्षेत्र और पूर्व क्षेत्र में भी यही शुल्क निर्धारित है, परंतु मध्य क्षेत्र भोपाल द्वारा 4 अप्रैल 2025 को सर्कुलर जारी कर शुल्क 12450 रुपये कर दिया गया है। जबकि एक 3 किलोवाट के सोलर में बड़ी मुश्किल से 10 से 15 हजार रुपये मुनाफा लिया जा सकता है, लेकिन अगर इस सर्कुलर को माना जाए तो वेंडर को नुकसान कर काम करने से बेहतर व्यापार बंद करना रहेगा या फिर सिस्टम की लागत बढ़ाना पड़ेगी। वर्तमान समय में कस्टमर सिस्टम की लागत को ही ज्यादा कहता है तो रेट कैसे बढ़ाया जाए। सोलर वेंडर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रार्थना की है कि इस विषय पर संज्ञान लेकर वेंडर का व्यापार बंद होने से बचाने में सहायता करें। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सोलर नेट मीटर की कीमत ही 5448 रुपए है, जबकि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा टेस्टिंग के नाम पर मीटर की लागत से दोगुनी फीस वसूली जा रही है। यह फीस 12450 रुपए है। सूत्रों के अनुसार विद्युत वितरण कंपनियों को यह अधिकार नहीं है कि विद्युत से संबंधित कोई भी चार्ज बढ़ा सके। यह अधिकार केवल विद्युत नियामक आयोग को है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश के खिलाफ वेंडर्स विद्युत नियामक आयोग का भी दरवाजा खटखटाएंगे।