
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की बुनियाद नफरत के आधार पर रखी गई और आज उसकी स्थिति दुनिया के सामने है। पाकिस्तान बर्बादी के कगार पर है, लेकिन हैरानी है कि उसकी ये नफरती सोच अभी तक नहीं बदली है। अब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हिंदुओं के खिलाफ अपनी नफरत जाहिर की है और कहा है कि हम हिंदुओं से अलग हैं। आसिम मुनीर ने टू नेशन थ्योरी को सही ठहराया है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना के प्रमुख ने ये भी दावा कर दिया है कि उनकी संस्कृति और विचारधारा बेहतर है।
बुधवार को ओवरसीज पाकिस्तानियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर ने कहा कि ‘हमारे पूर्वजों का मानना था कि हम हिंदुओं से हर मामले में अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं और हमारे विचार भी अलग हैं। हमारी महत्वकांक्षाएं अलग हैं और यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत (टू नेशन थ्योरी) का आधार था। जिसमें माना गया कि हम दो देश हैं, एक नहीं।’ आसिम मुनीर ने अपनी छोटी सोच दिखाते हुए विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से अपील की कि वे अपने बच्चों को भी भारत और हिंदुओं से भेदभाव करना सिखाएं। मुनीर ने कहा कि ‘हम एक देश नहीं हैं, हमारे पूर्वजों ने इस देश को बनाने में काफी संघर्ष किया। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा की जानी है। आपको अपने बच्चों को यह बताना चाहिए कि वे कभी भी पाकिस्तान की कहानी को न भूलें। न भूलें कि पाकिस्तान किस आधार पर बना ताकि उनका पाकिस्तान के साथ नाता कमजोर न हो सके।’
आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि ‘वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं।’ पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि ‘क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?’ पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि ‘बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।’
द्वि राष्ट्र सिद्धांत का मुख्य आधार था कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग संप्रदाय हैं और ये साथ नहीं रह सकते। इसी सिद्धांत के आधार पर मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत का बंटवारा कराया। टू नेशन थ्योरी के तहत ही पाकिस्तान ने अपने इतिहास के ठुकराया और बाहर से आए आक्रमणकारियों और आक्रांताओं को अपना हीरो माना। पाकिस्तान ने अपनी किताबों में भी बच्चों को नफरत सिखाई। अब पाकिस्तान खुद अलगाववाद से जूझ रहा है और बलूचिस्तान में विद्रोह चरम पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान में भी टू नेशन थ्योरी के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। यही वजह है कि पाकिस्तान की सेना, जो भारत से नफरत के आधार पर पाकिस्तान की सत्ता का केंद्र बनी हुई है, उसे अपनी स्थिति डांवाडोल होती नजर आ रही है। ऐसे में पाकिस्तानी सेना प्रमुख के ताजा बयान से साफ है कि सेना अपनी दरकती जमीन को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रही है और नफरत के बीज बोकर अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी दांव पर लगाने के लिए तैयार है।