- रवि खरे

नागरिकों की सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी बंगाल हिंसा पर हाईकोर्ट सख्त
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा को रोकने के लिए बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए कदम अपर्याप्त हैं। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने यह भी कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में हुई तोडफ़ोड़ की खबरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यह निर्देश सिर्फ मुर्शिदाबाद तक सीमित नहीं रहेगा। जरूरत पडऩे पर इसे अन्य जिलों तक बढ़ाया जाना चाहिए और स्थिति को नियंत्रित करने और सामान्य बनाने के लिए तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती की जा सकती है। न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि हम विभिन्न रिपोर्टों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, जो प्रथम दृष्टया पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में तोडफ़ोड़ दिखाती हैं। अदालत ने 17 अप्रैल तक जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती का आदेश दिया।
ट्रंप का एक और नियम: अमेरिका में रहना है तो 24 घंटे साथ रखने होंगे यह दस्तावेज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके अनुसार अमेरिका में रहने वाले सभी अप्रवासी चाहे वो कानूनी रूप से वीजा पर हो, जैसे एच-1बी वीजा या स्टूडेंट वीजा सभी को 24 घंटे कानूनी दस्तावेज अपने साथ रखना होगा। ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किया गया यह नियम 11 अप्रैल से चलन में आ चुका है। यह नियम ट्रंप के आदेश के तहत लागू किया गया है। इस नियम का मकसद है अमेरिका में रहने वाले अवैध अप्रवासियों पर सख्ती करना। अमेरिकी कोर्ट से यह नियम लागू करने की मंजूरी मिल चुकी है। अमेरिका में अवैध अप्रवासन को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए तेज और सख्त फैसलों में से एक है। ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य है अवैध रूप से रह रहे लाखों लोगों को अमेरिका से बाहर करना। यह नियम मूलत: उन अप्रवासियों को प्रभावित करता है जो अवैध रूप से या बिना मान्य दस्तावेजों के साथ अमेरिका में रह रहे हैं।
दिल्ली में कौडिय़ों के दाम बिकी वक्फ संपत्तियां, बस गए बाजार और कॉलोनियां
मुगल सत्ता का केंद्र होने की वजह से दिल्ली भर में हजारों की तादात में वक्फ संपत्तियां आबाद थी, लेकिन जैसे विदेशी आक्रांताओं ने दिल्ली को लूटा वैसे, ही लूट वक्फ संपत्तियों के मामले में भी हुई है। खुद अपनों ने बोर्ड के जरिए उसे जितना बर्बाद किया, शायद ही किसी और किया हो। बोर्ड में जो भी निजाम आया, सभी ने अपनी-अपनी तरह से लूट मचाई और अपनी जेबे गर्म की। ऐसा करते हुए उन्हें जरूरतमंद मुस्लिम, विधवा व गरीब होनहार छात्रों के भविष्य का तनिक ख्याल नहीं आया, जिस मकसद के लिए अल्लाह ने वक्फ जैसी पवित्र व्यवस्था बनाई थी। स्थिति यह कि कौडिय़ों के दाम में वक्फ संपत्तियां बेची गई और देखते ही देखते कॉलोनियां और बाजार बस गए। निजी प्रतिष्ठित स्कूल खुल गए, जिसकी फीस लाखों रुपये प्रति वर्ष है, जिसमें आम मुस्लिम बच्चा शिक्षित नहीं होता। इसी तरह, कारोबारी संपत्तियों में मोटे पैसे लेकर रातों रात किरायेदारों को बदलने का काम किया और उससे लाखों करोड़ों रुपये बनाए। ऐसी संपत्ति का कोई नाम लेवा नहीं है। न ही उसके कागजात ही बचे हैं। ध्यान देने वाली बात यह कि इस लूट में उस दल के लोग प्रमुख थे, जो वक्फ संशोधन कानून को मुस्लिम विरोधी बताकर विरोध कर रहे हैं। ऐसे मामले में वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक तब के कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मतीन अहमद का बतौर दिल्ली वक्फ बोर्ड अध्यक्ष का कार्यकाल खूब विवादों में रहा था।
म्यांमार में आज सुबह-सुबह फिर भूकंप से कांपी धरती, दहशत में घरों से भागे लोग
म्यांमार में रविवार, 13 अप्रैल, 2025 की सुबह-सुबह एक बार फिर से भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए, जिससे दहशत में लोग घर छोडक़र भाग निकले। रविवार की सुबह आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मैग्नीट्यूड मापी गई है। बता दें कि हाल ही में यहां आए भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी, जिसमें तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, म्यांमार में 13 अप्रैल 2025 की सुबह 07:54:58 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 10 किमी गहराई में ही था। फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। बता दें कि इससे पहले म्यांमार में 28 मार्च 2025 को 7.7 तीव्रता का भयानक भूकंप आया था।