
- राज्य सूचना आयुक्त ने की थी अपने निजी बिजली बिल का भुगतान सरकार से करने की मांग
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सरकार ने मप्र राज्य सूचना आयोग के आयुक्त द्वारा की गई बिजली बिल माफ करने की मांग को खारिज कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर नॉटिफिकेशन जारी कर जवाब दिया है। जिसमें नियमों का हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया है कि सूचना आयुक्तों का बिजली बिल माफ नहीं किया जा सकता है। बता दें राज्य सूचना आयोग ने इस बारे में सरकार से मार्गदर्शन मांगा था, जिसे सरकार ने नियमों का हवाला देकर इनकार कर दिया
गौरतलब है कि शीर्ष पदों पर बैठे जनप्रतिनिधि जहां सरकारी खर्च से मिलने वाली सुविधाओं को खुद वहन करने के लिए तैयार हैं, वहीं राज्य सूचना आयोग में पदस्थ एक आयुक्त ने अपने निजी बिजली बिल का भुगतान भी सरकार से करवाने की मांग कर दी। हालांकि, जीएडी ने इस मांग को नियमों के विपरीत बताते हुए स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया है।
आवास का बिजली बिल भुगतान की मांग
हाल ही में राज्य सूचना आयोग में नियुक्त सूचना आयुक्त ओंकार नाथ ने आयोग के सचिव राजेश ओंगरे से आग्रह किया था कि उनके आवास का बिजली बिल सरकार वहन करे। इस पर सचिव ने मार्गदर्शन के लिए मामला सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा। जीएडी ने 15 मार्च 2024 विधि के और विधायी कार्य विभाग के राजपत्र का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि इस प्रकार की सुविधा न्यायिक या संवैधानिक पदों के लिए भी निर्धारित नहीं है। ऐसे में सूचना आयुक्त के बिजली बिलों का भुगतान सरकारी खजाने से नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने कार्यकाल की शुरूआत में ही पूर्ववर्ती व्यवस्था को समाप्त करते हुए यह निर्णय लिया था कि मुख्यमंत्री, मंत्री और विधानसभा अध्यक्षों का आयकर अब सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि वे स्वयं भरेंगे। उनके इस निर्णय के बाद न केवल मंत्रियों, बल्कि विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने भी आयकर स्वयं भरने का निर्णय लिया। बाद में इस आशय का राजपत्र में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया। लेकिन राज्य सूचना आयुक्त अपने निजी आवास का बिजली बिल सरकार से भरवाने की डिमांड कर रहे हैं।