गर्मी की छुट्टियों से पहले होंगे शिक्षकों के तबादले

शिक्षकों के तबादले
  • स्कूल शिक्षा विभाग ट्रांसफर करने की तैयारी में जुटा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों का ऐलान हो गया है। 1 मई से 15 जून तक बच्चों की छुट्टियां और 1 मई से 31 मई तक शिक्षकों की छुट्टियां रहेंगी। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग गर्मी की छुट्टियों से पहले शिक्षकों के तबादले करने की तैयारी कर रहा है। जिन शिक्षकों ने अपना सामान्य कार्यकाल पूरा कर लिया है, उनको स्थानांतरण के लिए अपने आवेदन जमा करने होंगे। रिक्तियों वाले स्टेशनों के पांच विकल्प भी देने होंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का कहना है कि अभी हमारा फोकस स्कूलों में बच्चों के एडमिशन, दसवीं व बारहवीं के रिजल्ट और बच्चों को नि:शुल्क कॉपी-किताबें बांटने पर है। इसके बाद शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। निर्णय उनके हित में होगा। गौरतलब है कि दो अगस्त, 2022 को तत्कालीन शिवराज कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी थी। कैबिनेट बैठक के बाद तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने पत्रकारों से चर्चा में दावा किया था कि इस पॉलिसी में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि प्रदेश की पूरी स्कूल शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। ट्रांसफर पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी मिले करीब पौने तीन साल हो गए, लेकिन अब तक सरकार इस पर ढंग से अमल नहीं कर पाई है। ट्रांसफर पॉलिसी में किए गए प्रावधान के अनुसार हर साल शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया जनवरी से शुरू होगी और 30 अप्रैल तक तबादला आदेश जारी कर दिए जाएंगे। शिक्षकों को 15 मई तक नए कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। अप्रैल शुरू हो गया, लेकिन अब तक स्कूल शिक्षा विभाग पॉलिसी के अनुसार ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने पोर्टल चालू नहीं कर पाया है।
जल्द चालू होगा पोर्टल
प्रदेश के स्कूलों में करीब 3 लाख शिक्षक पदस्थ हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की ट्रांसफर की प्रक्रिया के चलते परीक्षाओं में व्यवधान उत्पन्न न हो, इसलिए तबादले के लिए अप्रैल से आवेदन लिए जाने का निर्णय लिया गया है। ऑनलाइन आवेदन के लिए जल्द ही पोर्टल चालू हो जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम तीन साल नौकरी करना अनिवार्य होगा। उन्हें वचन पत्र भी देना होगा। शिक्षकों को अपने पूरे सेवाकाल में 10 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना होंगी। शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों  की कमी वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। नई पॉलिसी में पहले स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी। स्वैच्छिक स्थानांतरण होने पर तीन साल से पहले उस स्थान से नहीं हटाया जाएगा। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सीएम राइज स्कूल में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे। इसमें दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ शिक्षकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने और शिक्षक व प्रिंसिपल को मंत्रियों, विधायकों या अन्य जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किए जाने का प्रावधान गया है।
स्थानांतरण पॉलिसी में प्रावधान
स्थानांतरण पॉलिसी के अनुसार नए स्कूल अथवा संकाय के शुरू होने पर सेट अप में संशोधन 31 दिसंबर तक किया जाएगा।  एजुकेशन पोर्टल पर कर्मचारियों की जानकारी 15 जनवरी तक अपडेट की जाएगी। रिक्त पदों का निर्धारण 31 जनवरी तक किया जाएगा। रिक्त पदों की जानकारी एमपी एजुकेशन पोर्टल पर 1 मार्च तक अपलोड की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 31 मार्च होगी। 30 अप्रैल तक तबादला आदेश जारी किए जाएंगे।  शिक्षकों को नए कार्यस्थल पर 15 मई तक कार्यभार ग्रहण करना होगा। पॉलिसी के अनुसार तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा एवं 40 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा। दूसरे विभागों में शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। स्थानांतरण में वरीयता क्रम निर्धारित किया जाएगा। रिलीव करने और ज्वॉइन करने की कार्रवाई ऑनलाइन होंगी।

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