
- 200 करोड़ की जमीन से जुड़े मामले में उलझे
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी अमनवीर सिंह पर 200 करोड़ की जमीन में हेराफेरी करने के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि बैंस ने बैतूल कलेक्टर रहते हुए 36 एकड़ जमीन के प्रयोजन को बदल कर उसे नियमों के खिलाफ आवंटित किया है। इस मामले को लेकर अब विवाद गहरा गया है, और अमनवीर सिंह बैंस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बता दें कि अमनबीर सिंह तत्कालीन शिवराज सरकार में मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के बेटे हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में अमनबीर सिंह बैंस मप्र ऊर्जा विकास निगम के महाप्रबंधक हैं। वे बैतूल कलेक्टर रहते 36 एकड़ जमीन का प्रयोजन बदलने और उसे नियम विरुद्ध आवंटित करने के मामले में घिर गए हैं। आवंटित जमीन पर 60 करोड़ से जेल विभाग नई जेल बनवा रहा है, बाकी जमीन उद्योग विभाग को दी है। जेल निर्माण की एजेंसी हाउसिंग बोर्ड के जरिए कलेक्टर ने पुरानी जेल की 6 एकड़ जमीन निजी कंपनी को आवंटित कर दी। मुख्य शहर के बीच की इस जमीन की कीमत 200 करोड़ से ज्यादा है। कंपनी मॉल और फ्लैट बनाना चाहती है। प्रोजेक्ट की कीमत 500 करोड़ से अधिक आंकी जा रही है। हालांकि अमनबीर सिंह बैंस का कहना है कि जो आवंटन किया, वह शासन के हित और नियमों के आधार पर किया था। आरोप निराधार है। यदि कोई शिकायत हुई है तो जांच में भी यह बात निकलकर आएगी।
चरनोई की जमीन को किया आवंटित
आरोप है कि अमनबीर ने बैतूल कलेक्टर रहते 2022-2023 में कढ़ाई पंचायत में चरनोई की जमीन का प्रयोजन बदलकर उसे नियमों के खिलाफ निजी कंपनी को आवंटित किया है। पंचायत ने इस मुद्दे पर ग्रामसभा में प्रस्ताव भी पारित किया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है। अब सुप्रीम कोर्ट के वकील आदित्य मिश्रा ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को 23 मार्च को नोटिस भेजा है। दरअसल, बैतूल की कढ़ाई पंचायत के खसटा 123/1, 123/2, 123/3 की 7,499, 4.000 और 2.430 हेक्टेयर जमीन के साथ-साथ खसरा 176/2 की 2.430 हेक्टेयर जमीन कुल 36 हेक्टेयर क्षेत्र 2022-2023 में जेल विभाग और उद्योग विभाग को आवंटित की गई। इस जमीन के आवंटन में नियमों के उल्लंघन के आरोप ने एक नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जिससे प्रशासन के अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है। बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी का कहना है कि जनसुनवाई में शिकायतें आती हैं, उन्हें किसी न किसी को देना पड़ता है। यदि उस शिकायत के आधार पर जांच के आदेश जारी हुए हैं तो उसे निरस्त करेंगे, क्योंकि आवंटन नियमानुसार हुआ।
इस तरह किया गया खेल
पुर्नघनत्वीकरण नीति 2016 के तहत शहरी संपत्ति के बदले ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण नहीं कराया जा सकता, जबकि इस मामले में ऐसा ही हो रहा है। 36 एकड़ जमीन ग्राम पंचायत की है, जहां जेल बनाने वाली एजेंसियों को शहर की बेशकीमती जमीन दी है। मप्र नजूल निर्वतन निर्देश 2020 की धारा 3 (ग) में उल्लेख है कि जो जमीन मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 237 (1) के तहत आरक्षित है, वह नजूल भूमि नहीं मानी जाएगी अर्थात चरनोई के लिए आरक्षित रहेगी। कढ़ाई की जमीन इसी के तहत दर्ज थी। भू-राजस्व संहिता की धारा 237 (2) के तहत इस जमीन के प्रयोजन को बदलने संबंधी अधिकार 2011 में ही सरकार ने कलेक्टरों से वापस ले लिए थे। इसके बावजूद बैतूल कलेक्टर ने प्रयोजन बदला। आवंटित जमीन पर महुआ, आचार, नीम, बरगद के अनगिनत पेड़ थे। जिला पंचायत की मदद से हरियाली खुशहाली योजना में तालाब बनवाया गश था। 9 फरवरी 24 को खेड़ीसांवलीगढ़ नायब तहसीलदार ने प्रतिवेदन में पाया कि आवंटन में पेड़-तालाब का जिक्र नहीं है। इससे दोनों को नुकसान पहुंचा।
अनुराग जैन को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट के वकील आदित्य मिश्रा ने 23 मार्च को मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को नोटिस भेजा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले की जांच नहीं की जाती, तो वह कोर्ट में आगे की कार्रवाई करेंगे। आदित्य मिश्रा ने अधिकारियों को नोटिस भेजकर मामले की गंभीरता से जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता मुकेश का कहना है कि भूमि का प्रयोजन बदलने व आवंटन में कई स्तर पर गड़बड़ी किए जाने की शिकायत लिखित में की है। कलेक्टर की गड़बड़ी की जांच नायब तहसीलदार को करने के निर्देश हुए, वह भी नहीं कर रहे। मजाक बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य मिश्रा का कहना है कि मुख्य सचिव समेत अन्य सक्षम अधिकारियों को नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया है। न्यायालयीन कार्रवाई के पूर्व उक्त प्रक्रिया शासन के हित में अपनाई है, उसके बाद आगे बढ़ेंगे। गौरतलब है कि अमनबीर सिंह के पिता इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव रह चुके हैं। अमन 9 फरवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 तक बैतूल कलेक्टर रहे। यह मामला जब हुआ तब वे ही सीएस थे। उस समय अमनबीर की गिनती ताकतवर अफसरों में होती थी।