- फिर भी कम नहीं हो रही प्रदेश में रिश्वतखोरी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाले लोकायुक्त संगठन ने जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 के बीच औसतन हर दूसरे दिन एक रिश्वत का मामला पकड़ा है। इसके बाद भी प्रदेश में रिश्वतखोरी कम होने का नाम नहीं ले रही है। यही वजह है कि कई बार तो लोकायुक्त पुलिस ने एक ही दिन में पांच-पांच कर्मचरियों तक को रिश्वत लेते पकड़ा है।
विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक बीते एक साल में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के ही 196 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पद के दुरुपयोग से जुड़े 26 प्रकरण सामने आए हैं। इसकी तुलना में वर्ष 2023 में ट्रैप के 180 और पद के दुरुपयोग के 65 मामले दर्ज हुए थे। यानी मप्र में ट्रैप के मामलों में वृद्धि हुई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने विधानसभा को यह जानकारी दी है। इसके अलावा, लोकायुक्त ने 9 छापों और अनुपातहीन संपत्ति के 6 मामलों में कुल 22 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया है। जीएडी के अनुसार, जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच लोकायुक्त को कुल 4,290 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 3,724 का निपटारा किया जा चुका है। 566 मामलों में प्राथमिक जांच दर्ज की गई, जो कुल शिकायतों का 13.28त्न है। इनमें से भी 309 मामलों को जांच के बाद बंद कर दिया गया।
एक ही दिन में पकड़े गए पांच रिश्वतखोर
फरवरी माह के अंतिम दिन 28 फरवरी को रिश्वतखोरों पर ताबड़तोड़ एक्शन हुआ था, तब अलग-अलग जगहों पर 5 रिश्वतखोरों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। दो कार्रवाई लोकायुक्त ने की है तो दो ईओडब्लयू ने। इनमें सागर जिले के मालथौन एसडीएम कार्यालय में पदस्थ सहायक रीडर वेदनारायण यादव को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। यह रिश्वत नामांतरण और अवैध कब्जा हटाने के मामले में ली जा रही थी। इसी तरह से हरदा में आरटीओ के बाबू सज्जन सिंह घसोरिया को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। रिश्वतखोर बाबू ने बस का रजिस्ट्रेशन रद्द न करने के एवज में बस मालिक सुरेंद्र तनवानी से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जब बाबू सज्जन सिंह घसोरिया को पकड़ा तो उसके पास से 1 लाख रुपए कैश मिला है। इसी तरह से सिवनी में लोकायुक्त की टीम ने रिश्वतखोर जोड़ी को पकड़ा यहां आपूर्ति कार्यालय में रिश्वत लेते हुए कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ज्योति पटले और सेल्समैन कैलाश सनोडिया लोकायुक्त के हत्थे चढ़े हैं। आरोपियों ने 73 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी जिसके बाद सौदा 40 हजार रुपए में तय हुआ था। सेल्समैन कैलाश सनोडिया अधिकारी ज्योति पटले के कहने पर रिश्वत ले रहा था। उधर, बुरहानपुर में जिला अस्पताल में पदस्थ लेखापाल राधेश्याम चौहान को इंदौर लोकायुक्त की टीम ने 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वतखोर राधेश्याम चौहान ने जिला अस्पताल के ही निलंबित अकाउंटेंट अशोक पठारे से 20 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतों में आई गिरावट
जनवरी से दिसंबर 2023 के दौरान लोकायुक्त संगठन को 4,656 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 4,290 रह गई। इसी तरह, छापों में सामने आई अनुपातहीन संपत्ति का आंकड़ा भी कम हुआ है। वर्ष 2023 में 17 छापे मारे गए थे, जिनमें 26.19 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर हुई थी, जबकि 2024 में यह राशि घटकर 22 करोड़ रुपए रह गई। पेश किए गए चालानों की संख्या भी 281 से घटकर 176 रह गई।