
न तो लाड़ली बहना की राशि 3 हजार रु. की, न गेहूं-धान का एमएसपी बढ़ाया : कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश की बहनें प्रतीक्षा कर रही थीं कि उन्हें तीन हजार रुपए प्रति महीने लाड़ली बहना योजना में दिए जाने की घोषणा की जाएगी, लेकिन सरकार ने एक शब्द नहीं बोला। जब से वर्तमान सरकार बनी है, लाड़ली बहना में महिलाओं की संख्या कम होती जा रही है। किसानों को उम्मीद थी कि बजट में गेहूं और धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार 2700 रु. प्रति क्विंटल और 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बजट सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी, यह मप्र के विकास को नई गति प्रदान करेगा : वीडी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के मुताबिक, मप्र का यह बजट किसान, श्रमिक, युवा, महिला, व्यापारी, बुजुर्ग समेत हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी यह बजट मध्य प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करेगा। बजट में मुख्यमंत्री किसान सहायता के लिए 5220 करोड़ का प्रावधान, प्रदेश के 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों में 3 लाख नौकरियों का सृजन, 22 नए आईटीआई खोलने, प्रदेश में डिजिटल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय रक्षा विवि खोलने समेत कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इससे नए अवसर उपलब्ध होंगे।
बजट में बेरोजगारी, महंगाई जैसी समस्याओं का कोई समाधान नहीं : पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बजट 2025-28-की निराशाजनक और गुमराह करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी और जुमलों का पुलिंदा है। इसमें न जनता की भलाई के ठोस प्रावधान हैं, न ही बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं का कोई समाधान है। गोपालक किसानों, एमएसएमई उद्योगों, स्टार्टअप्स के लिए बजट में कोई प्रावधान ही नहीं किया गया है। सरकार उद्योग और रोजगार वर्ष मनाने की बात कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर हैं।
भाजपा पार्षद को नोटिस, पार्षदी खतरे में
नगर निगम के प्रभारी सहायक स्वास्थ्य अधिकारी और प्रभारी दरोगा के साथ गाली-गलौज करने वाले वार्ड-48 के पार्षद अरविंद वर्मा की पार्षदी पर संकट खड़ा हो गया है। नगर निगम के अमले और निगमायुक्त हरेंद्र नारायण द्वारा की गई शिकायत के बाद संभागायुक्त संजीव सिंह की कोर्ट ने पार्षद से 18 मार्च को जवाब मांगा है। नोटिस में पार्षद द्वारा पूर्व में की गई गाली-गलौज का जिक्र है। गौरतलब है कि 28 दिसंबर 2024 को पार्षद अरविंद वर्मा ने प्रभारी सहायक स्वास्थ्य अधिकारी वासुदेव उदैनिया और प्रभारी दरोगा सुमित गजभिए को फोन किया। इस दौरान पार्षद ने बारिश के बाद उनके घर के बाहर जमा पानी को निकलवाने की मांग की थी। उन्होंने अधिकारी को फोन पर ही भला-बुरा कहा और गालियां दीं। गौरतलब है कि इसके पहले भी पार्षद ने पूर्व और वर्तमान प्रभारी वार्ड दरोगा और वार्ड सुपरवाइजर के साथ भी गाली-गलौज की थी। इसके बाद निगमायुक्त ने 31 दिसंबर को पार्षद को अयोग्य घोषित करने के लिए संभाग आयुक्त के न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया था।