पूर्वोत्तर राज्य में सुधरी कानून व्यवस्था: निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने लोकसभा में मणिपुर की वित्तीय मदद करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर के आर्थिक विकास के लिए सभी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में अनुपूरक अनुदान मांगों (एसडीजी), मणिपुर बजट 2025-26 और एसडीजी (मणिपुर) 2024-25 पर चर्चा का जवाब दिया।

उन्होंने सोमवार को मणिपुर का 2025-26 का बजट पेश किया था। इसमें 35,103.90 करोड़ रुपये के व्यय की परिकल्पना की गई है, जो चालू वित्त वर्ष में 32,656.81 करोड़ रुपये से अधिक है। सीतारमण ने कहा कि 13 फरवरी 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य विधानमंडल की शक्तियां संसद द्वारा या उसके अधिकार के तहत प्रयोग की जा सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सामूहिक प्रयास से राज्य में समग्र कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है। उन्होंने सदन को बताया कि राज्य में लूटे गए हथियार और गोला-बारूद बरामद किए जा रहे हैं। सीतारमण ने यह भी आश्वासन दिया कि मणिपुर के तेज आर्थिक विकास के लिए सभी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को युद्धरत समूहों से सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियारों और अन्य अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से सरेंडर करने का आग्रह किया था। सात दिनों की अवधि के दौरान, मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियारों को जनता की तरफ से लौटाए गए थे। इसके बाद राज्यपाल ने पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों के लोगों की तरफ से अतिरिक्त समय की मांग के बाद लूटे गए और अवैध हथियारों के लौटाने की समय सीमा 6 मार्च को शाम 4 बजे तक बढ़ा दी। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में और अधिक हथियारों को पुलिस को सौंपा गया।

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