महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना मध्यप्रदेश

  • शासन-प्रशासन में महिलाओं को दबदबा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
देश का हृदय प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना हुआ है। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है, वहीं शासन-प्रशासन में महिलाओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों की बराबरी कर रही हैं, यह कहावत अब पुरानी हो चुकी हैं, क्योंकि मप्र में तो नारी-शक्ति हर क्षेत्र में आगे हैं। खासकर सरकारी तंत्र में चाहे, प्रशासन हो या शासन महिलाओं का दबदबा बढ़ रहा है। इसे महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से मप्र के भविष्य के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। मौजूदा स्थिति में प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में 12 जिलों में जिलाधीश की कमान महिला अधिकारियों के हाथों में है। साथ ही 5 जिलों में पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी भी महिला अधिकारी बखूबी निभा रही हैं। इसके साथ-साथ प्रदेश सरकार में भी महिलाओं का कम दबदबा नहीं है। सरकार में 5 महिलाएं मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रही हैं।  
इन जिलों में महिला कलेक्टर
यह पहली बार है कि जब प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में 12 जिलों में जिलाधीश की कमान महिलाओं के हाथों में सौंपी गई है। 2024 तक मप्र में एक साथ 7 जिलों से ज्यादा महिला अधिकारियों को कलेक्टर नहीं बनाया गया। पिछले 15 महीनों में प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में महिलाएं ज्यादा सशक्त हुई हैं। खास बात यह है कि जिलों में महिला अधिकारी महिला सुरक्षा, कुपोषण, प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य, नारी स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के क्षेत्र में विशेष रुचि ले रही हैं। दो जिले डिंडौरी और नरसिंहपुर में जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक महिला अधिकारी हैं। प्रदेश के 12 जिलों में महिला आईएएस अधिकारी कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रही है। इनमें भव्या मित्तल खरगोन, गुंचा सनोबर बड़वानी, नेहा मीना झाबुआ, ऋजु बाफना शाजापुर, अदिति गर्ग मंदसौर, रूचिका चौहान ग्वालियर, प्रतिभा पाल रीवा, रानी बाटड मैहर, सोनिया मीना नर्मदापुरम, शीतला पटले नरसिंहपुर, संस्कृति जैन सिवनी और नेहा मारव्या सिंह डिंडोरी कलेक्टर हैं।
इन जिलों में महिला पुलिस अधीक्षक
प्रदेश के पांच जिले डिंडौरी, मऊगंज, उमरिया, नरसिंहपुर और इंदौर ग्रामीण में महिला पुलिस अधीक्षक हैं। जनजाति बाहुल्य डिंडौरी जिले में 2014 बैच की श्रीमती वाहिनी सिंह, मऊगंज में 2012 बैच की श्रीमती रसना ठाकुर, उमरिया में 2016 बैच की सुश्री निवेदिता नायडू, नरसिंहपुर में 2018 बैच की सुश्री मृगाखी डेका और इंदौर ग्रामीण में 2017 बैच की सुश्री हितिमा बसंल पुलिस अधीक्षक हैं। इन जिलों में महिला अधिकारियों ने मजबूत कानून व्यवस्था के लिए ठोस एवं कड़े निर्णय लिए हैं।
प्रदेश सरकार में 5 मंत्री
डॉ. मोहन यादव की सरकार में मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों समेत 32 मंत्री हैं। इनमें से 5 महिला मंत्री हैं। जिनमें श्रीमती संपतिया उइके प्रदेश की करीब 6 करोड़ आबादी के लिए पेयजल का बंदोबस्त करने वाले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की कैबिनेट मंत्री हैं। इसी तरह प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चों की सेहत एवं स्वास्थ्य और शिक्षा का ध्यान रखने वाले विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग की कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया हैं। कृष्णा गौर पिछड़ा वर्ग कल्याण, प्रतिमा बागरी (राज्यमंत्री) नगरीय विकास एवं आवास, राधा सिंह (राज्य मंत्री) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की मंत्री हैं।

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