
वॉशिंगटन। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अरब नेताओं द्वारा सुझाई गई गाजा पुनर्निर्माण योजना को खारिज कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा को लेकर अपने विजन पर अडिग हैं, जिसमें गाजा से फलस्तीनी नागरिकों को बाहर रखने और गाजा को अमेरिका द्वारा पर्यटन स्थल में बदलना शामिल है। एक बयान में व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूस ने कहा कि ‘मौजूदा प्रस्ताव में गाजा की हकीकत को दरकिनार किया गया है क्योंकि गाजा अभी लोगों के रहने लायक नहीं है और यह पूरा इलाका मलबे और विस्फोटकों से भरा है।’ ह्यूस ने कहा कि ‘राष्ट्रपति ट्रंप अपनी योजना पर कायम हैं और क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
गौरतलब है कि अरब देशों की हाल ही में गाजा के मुद्दे पर बैठक हुई थी। इस बैठक में मिस्त्र ने गाजा पुनर्निर्माण योजना पेश की, जिसके मुताबिक गाजा में नई सरकार के गठन तक गाजा पर नियंत्रण हमास को सौंपने का सुझाव दिया गया है। साथ ही मिस्त्र की योजना के तहत गाजा के 20 लाख लोगों को भी गाजा में रहने देने की बात कही गई है। यह ट्रंप की योजना के विपरीत है, जिसमें फलस्तीन में रहने वाले लोगों को अन्य अरब देशों में बसाने का सुझाव दिया था। अरब देशों के बीच इस बात पर भी मतभेद हैं कि हमास को पूरी तरह समाप्त किया जाए या इस निर्णय को फिलिस्तीनियों पर छोड़ दिया जाए। हालांकि, हमास ने संकेत दिया है कि वह गाजा के प्रशासन में कोई भूमिका नहीं निभाएगा, लेकिन उसने अपने हथियार डालने से साफ इनकार कर दिया है।
अरब देशों की योजना के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों की तैनाती की अपील की गई है। इसके अलावा, पुनर्निर्माण के लिए अगले महीने एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की योजना है, जहां इस विशाल परियोजना के लिए धन जुटाने की कोशिश की जाएगी। समृद्ध खाड़ी देश भी इस परियोजना के लिए वित्तीय सहायता देने को तैयार दिख रहे हैं, लेकिन निवेश करने से पहले वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में कोई नया युद्ध न छिड़ जाए। गाजा की पुनर्निर्माण योजना के तहत छह महीने चलने वाले पहले चरण में मलबे को हटाने और गोला-बारूद को साफ करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दूसरे और तीसरे चरण कई वर्षों तक चलेंगे, जिनमें बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इस दौरान, विस्थापित फिलिस्तीनियों (लगभग 15 लाख) को अस्थायी घरों में रखा जाएगा। गौरतलब है कि गाजा को लेकर हुई अरब देशों की बैठक में सऊदी अरब, यूएई जैसे अहम देशों के नेता शामिल नहीं हुए।