प्रधान के दौरे पर तय हो जाएगा अगले अध्यक्ष नाम

  • बतौर पर्यवेक्षक 8 मार्च को करेंगे रायशुमारी

गौरव चौहान
पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव फिर महाकुंभ के कारण मप्र में भाजपा अध्यक्ष का चुनाव कार्य पूरा नहीं कर पाई। पार्टी सूत्रों ने कहना हैं कि 10 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में मप्र भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी द्वारा बनाए गए पर्यवेक्षक केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान 8 मार्च को भोपाल आएंगे। वह यहां विद्या भारती के पांच दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि विद्या भारती के कार्यक्रम के बाद प्रधान प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे और सांसद, विधायक एवं पदाधिकारियों से रायशुमारी करेंगे।
गौरतलब है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए पिछले तीन माह से कवायद जारी है। पार्टी के  संगठनात्मक चुनाव में पहले बूथ समितियों फिर मंडल अध्यक्ष और इसके बाद जिलाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया के बाद प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर काफी गहमागहमी रही है। इस दौरान कई राजनीतिक पंडितों ने प्रदेश के हर अचंल से एक नाम को जोडक़र  प्रदेश के कई भाजपा नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल कर दिया। इसमें पूर्व मंत्री से लेकर कई वर्तमान सांसद और विधायकों के नाम भी शामिल हो गए।
रायशुमारी में हो रही देरी
 प्रदेशाध्यक्ष के चयन को लेकर रायशुमारी करने के लिए पार्टी द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के भोपाल न आने से इसकी घोषणा होने में भी काफी देरी हो चुकी है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि धर्मेन्द्र प्रधान 8 मार्च को भोपाल आएंगे तो प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे और सांसद, विधायक एवं पदाधिकारियों से रायशुमारी करेंगे। वहीं 10 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र भी प्रारंभ होने जा रहा है। ऐसे में पार्टी के अधिकांश  विधायक राजधानी में ही रहेंगे। संभवत: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। पार्टी के इतिहास को देखे तो अभी तक किसी भी नेता को लगातार दो बार प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के कार्यकाल को पांच वर्ष हो चुके है ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें एक और मौका मिलना मुश्किल है।
अध्यक्षी की दौड़ में मंत्री, सांसद, विधायक भी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष पद पर सामान्य वर्ग से ब्राह्मण जाति को दायित्व दिया हुआ है। वहीं सरकार में भी ओबीसी वर्ग से सबसे अधिक मंत्री है। इसके बाद एससी और एसटी वर्ग से सामान्य वर्ग से मंत्रियों की संख्या कम है ऐसे में पार्टी एक बार इस वर्ग से ही किसी को जिम्मेदारी दे सकती है। अगर पार्टी प्रदेश में आदिवासी वर्ग को लुभाने का प्रयास करती है, तो एसटी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में जिन नेताओं के नाम शामिल रहे हैं उनमें पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, वर्तमान विधायक हेमंत खण्डेलवाल, के अलावा पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक अर्चना चिटनीस, लालसिंह आर्य, सागर से सांसद डॉ. लता वानखेडे के नाम के अलावा एसटी वर्ग से पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को इस वर्ग से सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इनके अलावा राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, शहडोल से सांसद हिमांद्री सिंह का भी नाम है, उन्हें महिला होने के नाते इसका लाभ मिलने की बात कही जा रही है। एससी वर्ग से पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, देवास से सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी के नाम भी चर्चा में है, लेकिन वर्तमान में इस दौड़ में जो नाम सबसे आगे है वह है खरगौन से सांसद गजेन्द्र पटेल का।
मार्च के उत्तरार्ध में मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलुरु में 21 से 23 मार्च के बीच होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव को लेकर पार्टी नए सिरे से सक्रिय हुई है। चयनित राज्यों को 14 मार्च तक संगठन चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया गया है। पार्टी के संविधान के मुताबिक, नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव जरूरी हैं। पार्टी अब तक इसके लिए जरूरी 18 राज्यों में से 12 राज्यों में ही संगठन चुनाव संपन्न करा पाई है। भाजपा के अतिविशिष्ट सूत्र ने कहा कि प्रतिनिधि सभा की बैठक बेहद अहम है। बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष से लेकर भावी रणनीतियों पर मंथन होना है। हम चाहते हैं कि इस बैठक में हमारा नया अध्यक्ष शिरकत करे। इसके लिए छह राज्यों में संगठन चुनाव कराने हैं। हम इस लक्ष्य को दो सप्ताह के अंदर पूरा कर लेंगे। इसके लिए चयनित राज्यों को युद्ध स्तर पर संगठन चुनाव को निपटाने का निर्देश जारी किया गया है।

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