काली कमाई को लेकर भिड़े अफसर

  • उपायुक्त के खिलाफ दो इंजिनियरों ने खोला मोर्चा

गौरव चौहान
जरूरतमंदों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए गठित मप्र हाउसिंग बोर्ड भ्रष्टाचार, वसूली और रिश्वतखोरी का अड्डा बन गया है। यह खुद बोर्ड के अधिकारी दावा कर रहे हैं। दरअसल, हाउसिंग बोर्ड के कामों में रिश्वतखोरी को लेकर अफसरों में विवाद हो गया है। विवाद इस कदर बढ़ गया है कि बोर्ड के उपायुक्त-कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्री-उपयंत्री में ठन गई है। आलम यह है कि अधिकारी एक-दूसरे पर रिश्वतखोरी और अवैध वसूली का आरोप लगाकर हाउसिंग बोर्ड की कार्यप्रणाली की पोल खोल रहे हैं।  गौरतलब है कि मप्र हाउसिंग बोर्ड हमेशा विवादों में बना रहता है। ताजा विवाद रिश्वतखोरी और अवैध वसूली को लेकर है। बोर्ड के उपायुक्त और कार्यपालन यंत्री ने इस काम की देखरेख करने वाले सहायक यंत्री और उपयंत्री पर अलग-अलग 39.36 लाख और 26.24 लाख की रिकवरी निकालते हुए मार्च महीने के वेतन से वसूली करने का आदेश जारी कर दिया है। इस पर पलटवार करते हुए सहायक यंत्री ने हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि 65.60 लाख रुपए के काम में उपायुक्त और कार्यपालन यंत्री द्वारा ठेकेदार से अवैध वसूली के कार्य में सहयोग नहीं किया गया है। इसलिए सीनियर अफसरों ने रिकवरी निकाल दी है। इस मामले में शासन से हस्तक्षेप की भी मांग की गई है।
 शिकायत में कई अफसरों पर आरोप
एमपी हाउसिंग बोर्ड में पदस्थ सहायक यंत्री ने बोर्ड के आयुक्त से इसकी लिखित शिकायत की है। भोपाल में उपसंभाग क्रमांक-5 में पदस्थ सहायक यंत्री की शिकायत में कहा गया है कि पॉल एक्का उपायुक्त सर्कल-1 भोपाल और प्रकाश संगमनेरकर कार्यपालन यंत्री संभाग-6 भोपाल द्वारा उससे ठेकेदारों से अवैध वसूली कराने के लिए दबाव बनाया जाता है। इसको लेकर उपायुक्त सर्कल-1 भोपाल के 28 फरवरी को लिखे गए पत्र क्रमांक 791 का जिक्र करते हुए सहायक यंत्री ने कहा है कि उनकी पदस्थापना सहायक यंत्री के पद पर राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा 2021 के अंतर्गत मार्च 2024 में हुई है। मंडल मुख्यालय द्वारा उसकी पहली पदस्थापना सर्कल-1 भोपाल कार्यालय में की गई है। 31 मई 2024 को पूर्व सहायक यंत्री डीडी गोयल के  रिटायरमेंट के बाद संभाग-6 भोपाल के अंतर्गत उपसंभाग-5 का प्रभार उसे सौपा गया है। यहां उसके द्वारा प्रोबेशनरी सहायक यंत्री के तौर पर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में उनके पास उपसंभाग के अंतर्गत बिट्टन मार्केट के पुनर्विकास का कार्य पर्यावास भवन के साज सज्जा और अन्य रखरखाव के काम है।
एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप
सहायक यंत्री ने कहा है कि पॉल एक्का उपायुक्त द्वारा एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें पर्यावास भवन के रेनोवेशन कार्य में तीसरे बिल के भुगतान में करप्शन का आरोप लगाते हुए उससे 39 लाख 36 हजार 235 रुपए और अधीनस्थ सब इंजीनियर राजेंद्र चौहान से 26 लाख 24 हजार 156 रुपए की वसूली मार्च माह से आगामी महीनों के वेतन राशि में से रिकवर करने की बात कही गई है। सहायक यंत्री ने पत्र में लिखा है कि उस पर द्वेषवश और झूठे आरोप लगाकर ठेकेदार पर अनुचित दबाव बनाकर पैसे वसूली की नीयत से कार्यपालन यंत्री की मिलीभगत से यह पत्र जारी किया गया है। सहायक यंत्री ने कहा कि वह वर्तमान में प्रोबेशनरी सहायक यंत्री है और जो निर्देश कार्यपालन यंत्री से मिलते हैं, उसका ही पालन करता हूं। मुख्यालय के रेनोवेशन कार्य में कार्यपालन यंत्री सीधे ही ठेकेदार को निर्देश देते हैं। इनके द्वारा समय समय पर मुख्यालय पर उपस्थित होकर कार्य की प्रगति भी देखी जाती है।  

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