
- 5 और नगर निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में 2027 में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 2 साल बाद होने वाले चुनाव में प्रदेश में 22 नगर निगम हो जाएंगे, जहां महापौर चुने जाएंगे। दरअसल, प्रदेश में पांच नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। विदिशा, गुना, शिवपुरी, छतरपुर और सिवनी नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिया जाएगा। वहीं भिंड को नगर निगम घोषित करने संबंधी नोटिफिकेशन 2 अक्टूबर, 2023 को जारी हो चुका है।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान समय में 16 नगर निगम हैं। निकाय चुनाव से पहले 5 नगर पालिकाएं नगर निगम बनेंगी। इन नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने के संबंध में पांचों जिलों के कलेक्टरों ने सरकार को प्रस्ताव भेज दिए हैं। इन प्रस्तावों के आधार पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पांचों नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार की कोशिश है कि वर्ष 2027 में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से पहले ये पांचों नगर निगम अस्तित्व में आ जाएं। आगामी निकाय चुनाव में यहां के मतदाता महापौर को चुनेंगे।
एक्शन प्लान पर हो चुकी है चर्चा
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि हाल में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने संबंधित नगर पालिकाओं के सीएमओ, नगर पालिकाओं से संबंधित जिलों के जिला पंचायत सीईओ समेत अन्य अधिकारियों को भोपाल बुलाकर बैठक की थी। बैठक में नगर पालिका को नगर निगम बनाने के संबंध में एक्शन प्लान पर चर्चा हुई। अधिकारियों को बताया गया कि किसी नगर पालिका को नगर निगम में तब्दील करने की प्रक्रिया क्या होती है। नगर पालिका के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए शहरी सीमा से लगी ग्राम पंचायतों को शामिल करते समय किन चीजों पर ध्यान देना है। एसीएस शुक्ला ने सभी औपचारिकताएं समय सीमा में पूरी करने के निर्देश दिए और कहा कि कोई रुकावट आने पर वे तत्काल विभाग में संपर्क करें। अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग संजय शुक्ला का कहना है कि विदिशा, गुना समेत पांच नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन नगर पालिकाओं और संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ इस सिलसिले में बैठकें हो चुकी है।
लंबे समय से की जा रही मांग
गौरतलब है कि विदिशा, गुना, शिवपुरी, छतरपुर और सिवनी नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधियों और रहवासियों की ओर से लंबे समय से की जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले गुना, शिवपुरी, छत्तरपुर, सिवनी व शहडोल नगर पालिका को नगर निगम बनाने का ऐलान हुआ था। इन घोषणाओं के अनुपालन में सरकार ने पांच नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसमें शिवपुरी व गुना नपा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना में, जबकि विदिशा नपा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र में आती है। जनवरी में विदिशा में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम डॉ. मोहन यादव के समक्ष विदिशा को नगर निगम बनाने की मांग रखी थी। इस पर सीएम डॉ. यादव ने तत्काल विदिशा को नगर निगम बनाने की हरी झंडी दे दी थी।
नगर निगम बनने से होंगे फायदे
नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने से कई फायदे होंगे। नगर निगमों को फंड ज्यादा मिलता है, स्वायत्तता बढ़ जाती है। विकास कार्यों की स्वीकृति के लिए राज्य शासन पर निर्भरता खत्म होती है। नगर निगम की कमान अध्यक्ष नहीं, महापौर के हाथों में होगी। जिसे सीधे जनता चुनेगी। प्रेसिडेंट इन काउंसिल की जगह मेयर इन काउंसलिंग होगी। विधानसभा की तर्ज पर ही सभापति का चुनाव होगा। निगम परिषद की बैठक में शहर के विकास को लेकर विधानसभा की तरह बहस होगी। सीएमओ की जगह आयुक्त की पदस्थापना होगी। पार्षदों की संख्या 39 से बढक़र वार्डों के हिसाब से 51 या 55 हो जाएगी। हालांकि न्यूनतम वार्डों की संख्या 40 तय है। नगर पालिका को नगर निगम बनाने के लिए कलेक्टर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजते हंै। इसकी मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू होती है। सबसे पहले 3 लाख की आबादी के मापदंड को पूरा करने के लिए नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार किया जाता है। इसके लिए शहरी सीमा से लगी ग्राम पंचायतों को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार होता है। इसके बाद संबंधित ग्राम पंचायतों में संकल्प पारित कराया जाता है कि वे नगर निगम में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इसके बाद जिला प्रशासन दावे-आपत्तियां बुलाता है। कलेक्टर द्वारा नया प्रस्ताव बनाकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भेजा जाता है। नगरीय प्रशासन की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए और वहां से इसे राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा जाता है। राज्यपाल की अनुमति के बाद संबंधित नगर पालिका को नगर निगम घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी होता है। वहीं भिड को नगर निगम घोषित करने संबंधी नोटिफिकेशन 2 अक्टूबर, 2023 को जारी हो चुका है, लेकिन इसे अस्तित्व में आने में 2 साल का इंतजार करना पड़ेगा। नगर पालिका अधिनियम के मुताबिक ग्राम पंचायत को शहरी क्षेत्र में तब तक शामिल नहीं किया जा सकता, जब तक उनका कार्यकाल पूरा न हो जाए। प्रदेश में वर्तमान में 16 नगर निगम है, भिंड और पांच नए नगर निगम बनने के बाद इनकी संख्या बढक़र 22 हो जाएगी।