मप्र में बिजली की मांग पहुंच सकती है 20 हजार मेगावॉट

  • इस साल मार्च से ही सताएगी भीषण गर्मी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
इस साल रिकॉर्ड गर्मी पड़ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार मार्च के दूसरे हफ्ते से दिन और रात का तापमान असामान्य रूप से बढ़ेगा। वहीं इस साल फरवरी से ही पारा बढऩे लगा है, जिससे बिजली की मांग बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मार्च से ही भीषण गर्मी सताने लगेगी। ऐसे में इस साल बिजली की मांग पूर्व के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी। पिछले साल दिसंबर में बिजली की अधिकतम डिमांड 18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंची थी।  इस साल बिजली खपत 20 हजार मेगावॉट के आसपास पहुंच सकती है।
प्रदेश में आने वाले दिनों में बिजली की मांग कैसी रहेगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिजली की डिमांड गर्मी शुरू होने से पहले ही बढ़ गई है। प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक खपत 16600 मेगावॉट से ऊपर पहुंच गई है। भोपाल में अभी बिजली की औसत खपत 300 मेगावॉट के आसपास है। मार्च-अप्रैल में यह डिमांड 500 मेगावॉट से अधिक हो सकती है। बढ़ती डिमांड की पूर्ति के लिए बिजली कंपनियों ने मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती का खेल भी शुरू कर दिया है।  
बिजली की उपलब्धता 23 हजार मेगावॉट से अधिक
बिजली कंपनियों का दावा है कि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता 23 हजार मेगावॉट से अधिक है। इसके बाद भी गर्मी के दिनों में राजधानी सहित प्रदेशभर में घोषित के साथ अघोषित बिजली कटौती शुरू हो जाती है। प्रदेश में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पिछले साल दिसंबर में बिजली की अधिकतम डिमांड 18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंची थी।  इस साल बिजली खपत 20 हजार मेगावॉट के आसपास पहुंच सकती है। इसको देखते हुए बिजली उपलब्धता बढ़ाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि प्रदेश  की तीनों बिजली कंपनियों ने अधिकतम डिमांड की पूर्ति भी कर दी थी, लेकिन गर्मी के दिनों में बिजली की डिमांड एक ही समय में बढ़ जाती है। इससे फीडर पर ज्यादा लोड पड़ता है। इससे फाल्ट होने होते हैं और बिजली गुल हो जाती है। इस समस्या के निपटने के लिए अब फीडरों के लोड को भी कम किया जा रहा है।
बिजली समस्याओं का होगा तत्काल हल
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा औद्योगिक उच्च दाब उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने और समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के लिए संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी उच्च दाब उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ ही शिकायतों का निराकरण भी तत्काल करेगी। एमडी क्षितिज सिंघल ने कहा कि संवाद के दौरान औद्योगिक उच्चदाब उपभोक्ताओं को बताया कि कंपनी द्वारा औद्योगिक उच्चदाब उपभोक्ताओं से निरंतर संवाद बनाए रखने के लिए कंपनी कार्यक्षेत्र के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त किए गए हैं। संवाद के दौरान औद्योगिक उच्चदाब उपभोक्ताओं ने विद्युत आपूर्ति एवं विभिन्न समस्याओं से प्रबंध संचालक को अवगत कराया। प्रबंध संचालक ने सभी मैदानी अधिकारियों और रिलेशनशिप मैनेजरों को उच्चदाब उपभोक्ताओं से निरंतर संवाद बनाए रखने तथा उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से निराकृत करने के निर्देश दिए। उच्च दाब उपभोक्ताओं की एकीकृत बिलिंग मुख्यालय से हो रही है। बिजली कंपनी द्वारा बकाया राशि वसूली के लिए अभियान चलाया जा रहा है। बकाया राशि वसूली के लिए घर-घर जाकर बिजली कर्मचारी और अधिकारी राजस्व वसूली में लगे हैं। सभी मैदानी अधिकारियों को बकाया राशि वसूली करने के लिए कुर्की करने, बैंक खाते सीज करने एवं खसरों में बकाया राशि की जानकारी दर्ज करने के निर्देश है। विजीलेंस द्वारा बनाए गए ए गए प्रकरणों में बकाया राशि की वसूलने और ऑडिट द्वारा निकाली गई बकाया राशि और अन्य कारणों से बकाया राशि की वसूली करने के निर्देश है।
साल-दर-साल बढ़ रही मांग
प्रदेश में बिजली की डिमांड हर साल बढ़ रही है। साल 2018-19 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 14089 मेगावॉट थी। साल 2022-23 में बिजली की डिमांड 17170 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। पिछले साल डिमांड बढक़र  18 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंच गई। बिजली की डिमांड जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसके मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इसको देखते हुए नए थर्मल पॉवर स्टेशन बनाने की जरूरत पड़ गई है। वर्ष 2018-19 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 14089 मेगावॉट थी। साल 2022-23 में यह डिमाड बढकऱ 17170 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। इन पांच साल में जितनी डिमांड बढ़ी, उत्पादन उससे कम हुआ। साल 2018-19 में प्रदेश में बिजली की उत्पादन क्षमता 19841 मेगावॉट थी। मार्च 2023 तक उत्पादन क्षमता 21185 मेगावॉट तक पहुंची। इस अवधि में उत्पादन कम हुआ। डिमांड इससे ज्यादा बढ़ गई।

Related Articles