- सरकार का सुगम यातायात पर अब पूरा फोकस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
दो दिवसीय जीआईएस के दौरान मिले बड़े निवेश प्रस्तावों से उत्साहित प्रदेश की मोहन सरकार ने निवेशकों की सुविधा और सुगम यातायात पर फोकस करना शुरु कर दिया है। यही वजह है कि अब प्रदेश में अगले पांच सालों में बेहतर सडक़ों के निर्माण पर एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी कर ली गई है। अच्छी सडक़ों की वजह से प्रदेश में होने वाले औद्योगिक उत्पादन की ढुलाई में आसानी होगी। इन सडक़ों के निर्मण के लिए शासन स्तर पर बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। इसके तहत अनुबंध से लेकर मार्ग बनाने में आने वालीं बाधाओं को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के तहत इन पांच सालों में प्रदेश में चार से लेकर छह लेन वाली सडक़ों का निर्माघ किया जाएगा, जिससे कहीं भी कोई जाम जैसे हालात न बने। इसके अलावा भोपाल-इंदौर और भोपाल-जबलपुर में हाईस्पीड कारीडोर बनाने का भी प्रस्ताव है। इसी तरह से एक लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में रिंग रोड बनाए जाने की भी योजना है। दरअसल रिंग रोड नहीं होने से भारी वाहनों को आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे लोगों को तो परेशानी होती ही है साथ ही कई जगहों पर नो इंट्री की वजह से भारी वाहनों को कई-कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे माला ढुलाई में देरी होती है।
यह मार्ग बनेंगे चार लेन
प्रदेश में चार लेन वाले बनाए जाने वाले मार्गों के लिए एनएचआई और एमपीआरडीसी के बीच अनुबंध किया गया है। इसमें भोपाल, इंदौर और जबलपुर के अलावा प्रयागराज, जबलपुर नागपुर एक्सप्रेस वे, लखनादौन-रायपुर एक्सप्रेस वे, उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग, जबलपुर-दमोह, सतना-चित्रकूट, जैसे रास्तों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोडक़र इन्हें फोरलेन बनाया जाएगा। इसके साथ ही इंदौर के पूर्वी और पश्चिमी ओर नई रिंग रोड का भी निर्माण कराया जाएगा। ग्वालियर के पश्चिमी छोर पर भी रिंग रोड बनेगा।
कम हो जाएगी दूरी
भोपाल से लेकर जबलपुर के बीच बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण होने पर भोपाल से जबलपुर की दूरी महज 255 किलोमीटर रह जाएगी। अभी जो मार्ग है, उससे दोनों शहरों के बीच की दूरी 312 किलोमीटर है। नए मार्ग के लिए मौजूदा मार्ग के कुछ हिस्से का उपयोग करते हुए नया मार्ग तैयार किया जाएगा। यह जबलपुर से तेंदूखेड़ा, रायसेन होते हुए सीधे भोपाल आएगा और इसमें औबेदुल्लागंज नहीं पड़ेगा।