- रवि खरे

मोहल्ला क्लीनिक के टॉयलेट में दवाओं के बॉक्स, वेंटिलेशन की व्यवस्था भी नहीं
राजधानी दिल्ली में आप सरकार के कार्यकाल के दौरान संचालित मोहल्ला क्लीनिकों को लेकर आई कैग रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली का दवा भंडार बेसमेंट में है, जिसमें एयर कंडीशन व वेंटिलेशन की भी व्यवस्था नहीं है। दवाओं का बॉक्स जमीन पर, शौचालय परिसर व सीढिय़ों पर रखे पाए गए। जनवरी, 2022 से अप्रैल, 2023 के बीच उत्तर पूर्वी जिले के दवा स्टोर में एक से 16 माह तक 26 आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं थी। इस तरह जिलों के स्टोर में डिस्पेंसरियां के लिए 10 से 37 प्रतिशत दवाएं नहीं थीं। वहीं, वर्ष 2016 से 2020 के बीच करीब 17 लाख स्कूली छात्रों में से सिर्फ 2.81 लाख से 3.51 लाख छात्रों की स्वास्थ्य जांच हो पाई। जिलों के दवा भंडार केंद्र में दवा रखने के लिए जगह की कमी है। मोहल्ला क्लीनिकों की निगरानी में भी लापरवाही बरती गई। इनका निरीक्षण न के बराबर हुआ। मार्च, 2018 से मार्च, 2023 के बीच 218 मोहल्ला क्लीनिकों के 11,191 निरीक्षण हो जाने चाहिए थे, जबकि महज 175 निरीक्षण किए गए।
गोरखपुर में ट्रिपल मर्डर: दादा, बड़े दादा और दादी की फावड़े से काटकर हत्या
झंगहा के मोतीराम अड्डा में शुक्रवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। मानसिक रूप से अस्वस्थ रामदयाल मौर्य ने अपने ही परिवार के तीन बुजुर्गों दादा कुबेर मौर्य, बड़े दादा साधु मौर्य और दादी द्रौपदी की फावड़े से हमला कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सुबह करीब सात बजे कोईरान टोला में रामदयाल का हैवानियत भरा खेल शुरू हुआ। पहले उसने घर के दरवाजे पर बंधी पडिय़ा पर फावड़ा चला दिया। जब दादा कुबेर ने रोका, तो वह बिफर उठा। कुबेर जान बचाने के लिए खेत की ओर भागे, लेकिन रामदयाल ने पीछा कर उनके सिर पर फावड़े से वार कर दिया। खून से लथपथ कुबेर जमीन पर गिर पड़े। चीख-पुकार सुनकर बड़े दादा साधु बचाने पहुंचे, लेकिन रामदयाल का खौफनाक रूप देख वह खुद भी शिकार बन गए।
अमेरिका में सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के आदेश पर रोक
राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप कई ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिसकी खूब आलोचनाएं भी हो रही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा लिए गए कई फैसलों को अदालतों में चुनौती भी दी जा चुकी है। ट्रंप प्रशासन के एक और फैसले पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, हाल ही में ट्रंप ने सरकारी विभागों से बड़ी तादाद में कर्मचारियों को निकालने के आदेश दिए थे। जानकारी के मुताबिक, एलन मस्क के डिपार्टमेंट ने इस कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का सुझाव दिया था। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाले आदेश पर कोर्ट ने चिंता जाहिर की। सैन फ्रांसिस्को के एक संघीय न्यायाधीश ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के जरिए हजारों नए भर्ती किए गए कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी के आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है। डिस्ट्रिक्ट जज लिवियम एल्सप ने कहा कि इन कर्मचारियों की छंटनी गैरकानूनी है। अमेरिका के ऑफिस पर्सनेल मैनेजमेंट के पास संघीय एजेंसियों के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का अधिकार नहीं है। बता दें कि मजदूर यूनियन और गैर-लाभकारी संगठनों ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को चुनौती दी थी।
ईद पर न खरीदें भेड़, दावत और कुर्बानी से बचें इस मुस्लिम देश ने अपने लोगों से की अपील
उत्तर अफ्रीकी देश मोरक्को भेड़ों की कमी से जूझ रहा है। 29 वर्षों में पहली बार मोरक्को में लोगों से छुट्टियों में दावत न करने की सलाह दी गई गई। भेड़ों की कमी की वजह से मोरक्को के राजा मोहम्मद ने परंपरा से हटकर लोगों से ईद-उल-अजहा पर भेड़ नहीं खरीदने की अपील की है। इस्लामी मामलों के मंत्री अहमद तौफीक ने कहा कि आर्थिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों के कारण मोरक्को के लोग कुर्बानी और भोज से वंचित हैं। महंगाई की वजह से लोगों से कुर्बानी और दावत से बचने की भी सलाह दी गई है। सरकारी अल औला टेलीविजन पर मंत्री अहमद तौफीक ने राजा का पत्र पढ़ा। इसमें कहा गया कि पशुधन की कमी की वजह से देश में भेड़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं। यह देश का कर्तव्य है कि इन परिस्थितियों को स्वीकार करे। अगर इन कठिन परिस्थितियों में भी भेड़ों को खरीदा गया तो देश के एक बड़े हिस्से का नुकसान होगा। खासकर उन लोगों को जिनकी आय सीमित है। बता दें कि इस बार ईद-उल-अजहा जून महीने में है।