- डिजिटल फाइल मूवमेंट में देरी से कामकाज में हो रही देरी

विनोद उपाध्याय
सालों पुरानी घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने इस साल 1 जनवरी से मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर दिया है। लेकिन चिंता की बात यह है कि कई विभाग ऐसे हैं, जो दो माह बाद भी पूरी तरह ई-ऑफिस प्रणाली को अपना नहीं पाए हैं। ऐसे में उन विभागों द्वारा डिजिटल के बजाए मैन्युअल फाइलें भेजी जा रही हैं, जिससे कामकाज में देरी हो रही है। गौरतलब है कि मंत्रालय में ई-ऑफिस की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव वर्ष के साथ ही कर दी थी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा था कि सुशासन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मप्र सरकार निरंतर अपनी सभी व्यवस्थाओं को ऑन लाइन करना चाहती है। डिजिटलाइजेशन के माध्यम से सभी योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने, विभागों का समन्वय बढ़ाने और जन कल्याण की गति तेज करने में आसानी होगी। गौरतलब है कि सरकारी प्रक्रिया को गति देने के लिए मुख्य सचिव का पूरा जोर ई-ऑफिस प्रणाली पर है। प्रशासनिक कामकाज को सुगम और जवाबदेह बनाने ई-ऑफिस प्रणाली तो शुरू हो गई है लेकिन अब भी कई विभाग डिजिटल के बजाए मैन्युअल फाइल ही मुख्य सचिव कार्यालय भेज रहे हैं। अब इन फाइलों को वापस विभागों में भेजा जाने लगा है। डिजिटल फाइल मूवमेंट में देरी के कारण विभागीय कामकाज ठप सा हो गया है।
मुख्य सचिव ने लौटाई एसीएस-पीएस को फाइलें
मंत्रालय में ई-ऑफिस का क्रियान्वयन जनवरी से शुरु हो गया है लेकिन इसके बाद भी विभागों से मुख्य सचिव कार्यालय मैन्युअल फाइलें भेजी जा रही थी। अब मुख्य सचिव अनुराग जैन ने ऐसी फाइलों को अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों को लौटाना शुरु कर दिया है और इन अधिकारियों ने ऐसी फाइलों को सेक्शन में वापस भेजना शुरु कर दिया है। इसके चलते कई विभागों में कामकाज ठप हो गया है। डिजिटल फाइल मूवमेंट में समय लग रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने नवंबर 24 में निर्देश जारी कर कहा था कि मंत्रालय के सभी विभागों में जनवरी से ई ऑफिस प्रणाली लागू हो रही है और सारी फाइलें डिजिटली ई ऑफिस के जरिए ही भेजी जाए। मुख्य सचिव कार्यालय से भौतिक रूप से आने वाली फाइलें वापस आने के बाद अब विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों ने भी अपने विभाग के अलग-अलग सेक्शनों से जारी होने वाली फाइलें सेक्शन में वापस भेज दी है और इन्हें डिजिटली ई ऑफिस के जरिए भेजने को कहा है। इसके चलते विभागों में फाइल मूवमेंट रुकने से कई विभागों का कामकाज ठप हो गया है।
सख्त निर्देश फिर भी निष्क्रियता
मुख्य सचिव कार्यालय ने कहा दिया था कि छह जनवरी 2025 के बाद मुख्य सचिव कार्यालय में कोई भी फाइल भौतिक रूप से नहीं ली जाएगी। सभी प्रचलित नस्तियों को पूर्णत: ई ऑफिस में ही स्वीकृत किया जाएगा। इसके अलावा विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी 31 जनवरी तक और जिला कार्यालयों में 31 मार्च तक पूर्णत: ई ऑफिस प्रणाली लागू की जाना है। इसके लिए ईएमडी अद्यतन करने सात दिन का समय दिया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद भी फाइलें भौतिक रूप से ही मुख्य सचिव के पास भेजी जा रही थी। अब मुख्य सचिव ने भौतिक रूप से उनके पास आने वाली फाइलें विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को लौटानी शुरु कर दी है। अब सेक्शनों में फाइलें स्कैन करके सिस्टम पर लोड करने, सर्वर पर चढ़ाने और मूव करने की प्रक्रिया की जा रही है इसमें समय लग रहा है। इससे सारे विभागों में योजनाओं का क्रियान्वयन और समस्याओं के निराकरण की गति स्लो हो गई है। सारे विभागाध्यक्ष कार्यालयों को कहा गया है कि वे भी सारी फाइलें ई ऑफिस के जरिए भेजें। अगले महीने से जिला कार्यालयों में भी पूर्णत: ई ऑफिस प्रणाली लागू की जाना है। इसके लिए विभागों में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है।